tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post116027375378476932..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: 'उठ जाग मुसाफ़िर भोर भईdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-1160290459821615922006-10-08T12:24:00.000+05:302006-10-08T12:24:00.000+05:30अनूप जी, वातानुकूलित कमरों में साल भ...अनूप जी,<BR/> वातानुकूलित कमरों में साल भर रजाई का उपयोग होता है। वैसे असली शब्द थे-<BR/>रोके मगर उनकी गरमाई--<BR/> पर आप 'उनकी गरमाई' पढकर ठन्डे-गर्म न होने लगें, इसलिए बदल दिया। भाई जी, हम तो विनय भाई से ज्यादा आपसे डरते है। एक तो पड़ोसी,दूजे शस्त्र निर्माण कला में निपुण और तीसरे ---दूर-दराज़ के गुरू।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-1160285243636241222006-10-08T10:57:00.000+05:302006-10-08T10:57:00.000+05:30आप फुरसत में लिखते होगें फिर भी नाम का 'लोचा' हो ह...आप फुरसत में लिखते होगें फिर भी नाम का 'लोचा' हो ही जाता हैं. समिरलाल जी के चिट्ठे पर मेरी टिप्पणी को आपने पंकज की टिप्पणी बताया हैं. यह सब बेंगाणी उपनाम की वजह से होता हैं. खैर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की मूलतः किसने लिखा हैं, इसलिए आगे से जहाँ भी ऐसा 'लोचा' होगा कभी शिकायत नहीं की जाएगी.Anonymousnoreply@blogger.com