tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post2768614072570271909..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: दिल इबादत है मुहब्बत को ख़ुदा हम मानते हैंdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-60526681464061823902008-09-22T13:03:00.000+05:302008-09-22T13:03:00.000+05:30संडे की चर्चा पर मंडे को टिप्पणी दे रहा हू.. चर्चा...संडे की चर्चा पर मंडे को टिप्पणी दे रहा हू.. चर्चा हमेशा की तरह बहुत सारी पोस्ट साथ लिए हुए थी.. ये मेहनत का काम सिर्फ़ आप ही कर सकते है अनूप जी.. बहुत बधाई इस मेहनत से लिखी गयी पोस्ट के लिए..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-53944888133801365242008-09-22T07:39:00.000+05:302008-09-22T07:39:00.000+05:30अनुपजी, सही चर्चा रही ये और सही बात है कि चार-पांच...अनुपजी, सही चर्चा रही ये और सही बात है कि चार-पांच हजार ब्लोगस के होने का मतलन हिन्दी का विकास नही होता।Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-90903525513787776692008-09-22T07:14:00.000+05:302008-09-22T07:14:00.000+05:30.अभी फिर से पढ़ा,मन लगा कर पढ़ा और समझ समझ कर पढ़ा....<BR/><BR/><BR/><BR/><I>अभी फिर से पढ़ा,<BR/>मन लगा कर पढ़ा और समझ समझ कर पढ़ा,<BR/>अपनी पिछली टिप्पणी वापस लेता हूँ, शायद मैं ही थका था ।<BR/>वाईकेपीडिया पर गत मार्च से कुछ न कुछ कर ही रहा हूँ, पर नियमित नहीं !<BR/>ब्लागिंग ही नियमित नहीं कर पा रहा हूँ, ’ जहाँ थोथा चना बाजै घणा ’ का अनोखा अवसर है । फिर भी...<BR/>अब अपनी प्राथमिकताओं को पुनर्निर्धारित करना चाहिये, ऎसा सोचा है ।<BR/>आभार, फिर से डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-26250764804326278582008-09-22T01:32:00.000+05:302008-09-22T01:32:00.000+05:30सार्थक चर्चा। विकिपीडिया को और समृद्ध करने के लिए ...सार्थक चर्चा। विकिपीडिया को और समृद्ध करने के लिए हमसे जो बन पड़ेगा करेंगे, थोड़ा विस्तार से समझाने की आवश्यकता है।राजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-75586025024527943462008-09-22T00:05:00.000+05:302008-09-22T00:05:00.000+05:30बहुत मन लगाकर चर्चा किए हो महाराज..चौतरफा घूम घूम ...बहुत मन लगाकर चर्चा किए हो महाराज..चौतरफा घूम घूम कर. बहुत बढ़िया...विकिपिडिया वाली बात से सहमत हूँ..समय निकालना होगा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10679654288297438022008-09-21T20:22:00.000+05:302008-09-21T20:22:00.000+05:30शुक्रिया शुक्रिया हमारी गज़ल को इतनी अहमियत देने का...शुक्रिया शुक्रिया हमारी गज़ल को इतनी अहमियत देने का। हाँ एक बात तो है इतने विस्तार से, वाइड कवरेज तो अनूप जी ही दे सकते हैं।Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-57854329950730165692008-09-21T19:58:00.000+05:302008-09-21T19:58:00.000+05:30विकिपीडिया के लिए हमारी भी योजना कुछ थी पर अभी तक...विकिपीडिया के लिए हमारी भी योजना कुछ थी पर अभी तक धरी की धरी ही है. <BR/>कोशिश करनी पड़ेगी !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-28303001423466234172008-09-21T19:20:00.000+05:302008-09-21T19:20:00.000+05:30आपने हर जगह नजर फिरा कर जो चर्चा की है उसके लिये आ...आपने हर जगह नजर फिरा कर जो चर्चा की है उसके लिये आभार!!<BR/><BR/>हिन्दी विकीपीडिया की बात उठा कर आपने अच्छा किया. समस्या न केवल हिन्दी की है, लेकिन विकीपीडिया की भी है. <BR/><BR/>एक आलेख आज ही लिखता हूँ इस विषय पर!!<BR/><BR/>सस्नेह<BR/><BR/>-- शास्त्री<BR/><BR/>-- जहां सहयोग है वहां उन्नति है, जहां असहयोग है वहां पतन निश्चत है. अत: कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर अन्य Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-49003568559771150052008-09-21T18:33:00.000+05:302008-09-21T18:33:00.000+05:30chaliye aap ki nazar hum jaiso par bhi padhti hai ...chaliye aap ki nazar hum jaiso par bhi padhti hai .accha lagta hai .bado ke beach mai choto par bhi charcha .dhanybaddhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-28000149221655003912008-09-21T17:55:00.000+05:302008-09-21T17:55:00.000+05:30चिट्ठा चर्चा का अब हर अंक पहले से बेहतर लगता है। ह...चिट्ठा चर्चा का अब हर अंक पहले से बेहतर लगता है। हर अंक ताजगी लिए हुए रहता है। यह अंक तो मनभावन है ही। <BR/><BR/>हिन्दी विकिपीडिया को समृद्ध करना बहुत जरूरी है। जीवन स्थितियां इसके अनुकूल हुईं तो शायद मैं भी अंशदान करने की कोशिश जरूर करूंगा। <BR/>लेकिन पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहूंगा कि हिन्दी तब तक राज नहीं करेगी, जब तक हमारा संविधान इसे इस बात की छूट नहीं देगा।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-54467156495336520642008-09-21T15:20:00.000+05:302008-09-21T15:20:00.000+05:30महाराज काहे बदनाम कर रहे हो, यहां लीखने का एक पैसा...महाराज काहे बदनाम कर रहे हो, यहां लीखने का एक पैसा भी नहिं मिल्ता फ़ोकट में लिख रहे हैं उल्टे जेब से इंटरनेट का साढे छ:सौ रुपये हर महीने जेब से दे रहे हैं। हजार रुपये मिल्ते इतना रद्दी नहिंं लिखते।<BR/>दीपक भारतदीपdpkrajhttps://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34893071919874009862008-09-21T15:19:00.000+05:302008-09-21T15:19:00.000+05:30महाराज काहे बदनाम कर रहे हो, यहां लीखने का एक पैसा...महाराज काहे बदनाम कर रहे हो, यहां लीखने का एक पैसा भी नहिं मिल्ता फ़ोकट में लिख रहे हैं उल्टे जेब से इंटरनेट का साढे छ:सौ रुपये हर महीने जेब से दे रहे हैं। हजार रुपये मिल्ते इतना रद्दी नहिंं लिखते।<BR/>दीपक भारतदीपdpkrajhttps://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-82472824438453598562008-09-21T14:26:00.000+05:302008-09-21T14:26:00.000+05:30यह पढ़ना तो अब नियमित हो गया है ..बहुत मेहनत करते ...यह पढ़ना तो अब नियमित हो गया है ..बहुत मेहनत करते हैं इस पोस्ट पर सभी लिखने वाले ..बढ़िया है यहरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-49789439051155120562008-09-21T13:16:00.000+05:302008-09-21T13:16:00.000+05:30अत्यन्त सार्थक काम करते हैं आप। धन्यवाद।अत्यन्त सार्थक काम करते हैं आप। धन्यवाद।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-27359458494151841272008-09-21T12:51:00.000+05:302008-09-21T12:51:00.000+05:30कल की तरुण जी की चर्चा भी जबरदस्त थी, मगर इतनी वाइ...कल की तरुण जी की चर्चा भी जबरदस्त थी, मगर इतनी वाइड स्क्रीन चर्चा तो अनूप जी ही कर सकते हैं. शानदार. यहाँ से लिंक पाकर कई ऐसी पोस्ट्स पढ़ लीं, जो कल नहीं पढीं थीं.<BR/><BR/>और एक बात और. ये कमेन्ट लेखकों के नाम के साथ, 'कहते हैं' क्यों? 'कहती हैं' क्लब से कोई आपत्ति नहीं आयी अब तक?Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-89955018911612162202008-09-21T12:25:00.000+05:302008-09-21T12:25:00.000+05:30अजितजी, विकिपीडिया के बारे में मितुल ने एक लेख लिख...अजितजी, विकिपीडिया के बारे में मितुल ने एक लेख लिखा था- <A HREF="http://www.nirantar.org/0806/nidhi/wikipedia" REL="nofollow"> विकिपीडिया: हिन्दी की समृद्धि की राह </A>| उसी से जानकारी लेकर मैंने एक लेख लिखा था- <A HREF="http://hindini.com/fursatiya/?p=195" REL="nofollow">विकिपीडिया - साथी हाथ बढ़ाना…</A><BR/>इन लेखों में कामभर की जानकारी है। देखिये और शुरू हो जाइये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-81572250237369975202008-09-21T11:55:00.000+05:302008-09-21T11:55:00.000+05:30बहुत बढ़या।जहां तक विकीपीडिया वाली बात है , बेहद स...बहुत बढ़या।<BR/>जहां तक विकीपीडिया वाली बात है , बेहद सार्थक हस्तक्षेप है । इस पर मैं भी फिक्रमंद हूं । नेट पर हिन्दी संदर्भ क्या चंद हजार हिन्दी ब्लाग्स के होने मात्र तक सीमित रहने चाहिए ? हिन्दी ब्लागों पर बिखरी संदर्भ संपदा अभी बहुविध नहीं है। ज्यादातर पर कविता और समसामयिक विमर्श ही है। इतिहास, कला, साहित्य,भूगोल,ब्रह्मांड, विज्ञान,व्यक्तित्व आदि कई विषयों पर अभी शुरुआत होनी है। सभी ब्लागर यदिअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-5910991878976730992008-09-21T11:43:00.000+05:302008-09-21T11:43:00.000+05:30आप सब गड़बड़ कर देते हो.... मामला तो प्यार मोहब्बत...आप सब गड़बड़ कर देते हो.... मामला तो प्यार मोहब्बत का ही है बशर्ते लोगों की समझ में आए ....<BR/>कुर्बान जाऊं आपकी मासूमियत पर ....<BR/>बहुत हंसाया अनूप भाई आपने ...ध्यान देने के लिए आभार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-37787311908799287892008-09-21T11:40:00.000+05:302008-09-21T11:40:00.000+05:30बहूत बढ़िया।जमाये रहिये जी। विकट शेर बाज हैं आप तो...बहूत बढ़िया।<BR/>जमाये रहिये जी। <BR/>विकट शेर बाज हैं आप तो। <BR/>ऐसे शेर भी हैं, आप पे, और वैसे शेर भी हैं आप पे।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-60365648381863313292008-09-21T11:37:00.000+05:302008-09-21T11:37:00.000+05:30.बहुत अच्छा कवरेज़, बधाई लें..पर आज थके से लग रहे ह....<BR/><BR/><I>बहुत अच्छा कवरेज़, बधाई लें..<BR/>पर आज थके से लग रहे हैं, <BR/>पर हमें क्या, होगा कुछ ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-45358138779410707232008-09-21T11:12:00.000+05:302008-09-21T11:12:00.000+05:30good morning ji.....sher dekh kar to dar gai lekin...good morning ji.....sher dekh kar to dar gai lekin charcha mai dam haiMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-36135408640139459192008-09-21T11:09:00.000+05:302008-09-21T11:09:00.000+05:30शुक्ल जी हमेशा की तरह चाल्हे काट राखें सें !बहुत ब...शुक्ल जी हमेशा की तरह चाल्हे काट राखें सें !<BR/>बहुत बढिया ! शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-68065282468095742562008-09-21T10:38:00.000+05:302008-09-21T10:38:00.000+05:30सार्थक चर्चा !सार्थक चर्चा !Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.com