tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post3998008034472024730..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: एक लाइना और कुछ टिप्पणी चर्चाdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-83518370924723963712008-09-26T22:49:00.000+05:302008-09-26T22:49:00.000+05:30देबू, यह <$BlogBacklinkTitle$> दिख रहा है, इ...देबू, यह <$BlogBacklinkTitle$> दिख रहा है, इसे घुरस दो।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-581598114009502512008-09-26T16:37:00.000+05:302008-09-26T16:37:00.000+05:30हा हा :) बहुत सही ..पेश है एक लाइना। आपने अपने पहल...हा हा :) बहुत सही ..पेश है एक लाइना। आपने अपने पहले क्रश को लेफ़्टिनेंट बना दिया।<BR/><BR/>एक लाइना पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है ..और दाद देनी पड़ेगी आपकी कलम के इस हुनर को ..बहुत बढ़ियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78438096008457266792008-09-26T16:24:00.000+05:302008-09-26T16:24:00.000+05:30कल तो नही पढ़ पाये पर आज पढ़कर बहुत मजा आया ।कल तो नही पढ़ पाये पर आज पढ़कर बहुत मजा आया ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-29827386600235874462008-09-26T15:54:00.000+05:302008-09-26T15:54:00.000+05:30ताऊ के स्टेटमेंटवा से सहमति :) चिट्ठा चर्चा सुपर ...ताऊ के स्टेटमेंटवा से सहमति :) चिट्ठा चर्चा सुपर हिट तो हो ही गयी है :)Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34685484453032646902008-09-26T12:30:00.000+05:302008-09-26T12:30:00.000+05:30प्रीतिजी, आपको शायद मेरी बात का बुरा लगा होगा। लेक...प्रीतिजी, आपको शायद मेरी बात का बुरा लगा होगा। लेकिन मैंने अपनी जो बात कहनी थी कही। <BR/><BR/><B>कई टिप्पणीकारों का कहना था कि कई महिला ब्लॉगरों ने अपनी तस्वीरें ब्लाग पर चिपकाई हुई हैं ताकि लोग बार-बार आकर के पढ़ें। </B><BR/><BR/>इस तरह की बातें लोग करते हैं उनके बारे में क्या कहें? जिसकी जैसी समझ वैसा कहता है। आपकी कवितायें हमको अच्छी लगती हैं इसीलिये कई बार चर्चा में उनका उल्लेख किया।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-74022959637556000302008-09-26T12:15:00.000+05:302008-09-26T12:15:00.000+05:30अनूप जी, आपने वादा करके निभाया ये बहुत बढ़िया किया...अनूप जी, आपने वादा करके निभाया ये बहुत बढ़िया किया। इस बात से इक्तेफाक में नहीं करता कि वो कितना पढ़ा गया बस ये जरूर है कि मैंने सुबह चिट्ठाचर्चा पढ़ा और देर शाम इस इंतजार में था कि भई अब तो बारी आएगी। लेकिन देखा कि नहीं आई, सुबह लगा खंगालने कि भई कहां गई चिट्ठा चर्चा, तुरंत पढ़ी पर फिर कमेंट्स भी पढ़ने लगा। सवाल जवाब पढ़ता रहा साथ ही डॉ साहब की टिप्पणी के कारण फिर से उन तीनलाइनों को पढ़ा फिर कई Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78399878041258908772008-09-26T12:02:00.000+05:302008-09-26T12:02:00.000+05:30अनूप जी, आप बार-बार ये बात पूछ रहे हैं कि मैंने क्...अनूप जी, आप बार-बार ये बात पूछ रहे हैं कि मैंने क्यों हटा दी फोटो, सौंदर्य अनुपात मेरे ब्लाग का बिगड़ गया? तो कारण तो कईं हैं पर एक जो बहुत ही बुरा लगा कि कई टिप्पणीकारों का कहना था कि कई महिला ब्लॉगरों ने अपनी तस्वीरें ब्लाग पर चिपकाई हुई हैं ताकि लोग बार-बार आकर के पढ़ें। और मैं ये कतई नहीं चाहती कि मेरी तरफ से कोई भी इम्प्रेशन ऐसा जाए। तो मैंने ये फैसला किया कि मैं अपनी पोस्ट पर से अपनी तस्वीरPREETI BARTHWALhttps://www.blogger.com/profile/07147371640692507101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-62906823702951817612008-09-26T11:46:00.000+05:302008-09-26T11:46:00.000+05:30टिप्पनिओं के जवाब शानदार रहे.कोई मुद्दा नही की आप ...टिप्पनिओं के जवाब शानदार रहे.कोई मुद्दा नही की आप किस समय लिखतें हैं..हम जैसे लोग तो सीधे यहाँ आकर ही लेटेस्ट अपडेट देखते हैंL.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-11889104104218744052008-09-26T11:45:00.000+05:302008-09-26T11:45:00.000+05:30भले ही राउंड सुबह ले या रात को ,बस सारे मरीजो ...भले ही राउंड सुबह ले या रात को ,बस सारे मरीजो को इसी एनर्जी से देखते रहिये .....इन दिनों अस्पताल चकाचक नजर आ रहा है ...... दीवार पे आजू-बाजू पोस्टर भी चकाचक है.....<BR/><BR/>मेरी पसंदीदा तीन लाइना-<BR/>आज इन दो दवाइयों की बात करते है -खिलायेंगे कल! <BR/><BR/>आपसे दोस्ती हम यूँ ही नही कर बैठे -हमें आपकी टिप्पणी चाहिये<BR/><BR/>मोजिला firefox का संस्करण जारी -मुफ़्त में है लपक लोडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-76292604063104060792008-09-26T10:57:00.000+05:302008-09-26T10:57:00.000+05:30अब यह "हमीअस्तो" क्या है? :(कश्मीर का जिक्र यह सुन...<B>अब यह "हमीअस्तो" क्या है? :(</B><BR/>कश्मीर का जिक्र यह सुनते हुये जाना-<BR/><B>गर फ़िरदौश बर रुये जमीनस्त,<BR/>हमींअस्तो,हमींअस्तो,हमींअस्तो। </B><BR/>अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है। इससे यह पता चलता है- हमीअस्त का मतलब है -यहीं है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64476776118399805772008-09-26T10:38:00.000+05:302008-09-26T10:38:00.000+05:30अब यह "हमीअस्तो" क्या है? :(अब यह "हमीअस्तो" क्या है? :(संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-33969895078282948412008-09-26T09:58:00.000+05:302008-09-26T09:58:00.000+05:30चिटठा चर्चा के सदस्यों की संख्या देख रहा था. पूरे ...चिटठा चर्चा के सदस्यों की संख्या देख रहा था. पूरे २२ हैं. फ़िर भी चर्चाकार का अभाव? शिव कुमार जी भी शामिल हैं. इन्हें यहाँ बुलवाइए ना.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-50520217552384200612008-09-26T08:27:00.000+05:302008-09-26T08:27:00.000+05:30शुकल जी वादा पूरा करने के लिए धन्यवाद ! टिपणी पर ट...शुकल जी वादा पूरा करने के लिए धन्यवाद ! टिपणी पर टिपणी बड़ी मन मोहक रही ! अब सवाल है<BR/>पोस्ट ठेलम ठाली का ! तो हमारी नजर में कमिट मेन्टवा ज्यादा जरुरी है ! नीचे दबे तो दबने दो ! <BR/>जिसको पढ़ना होगा वो ख़ुद दबे को उखाड़ कर पढेगा ! टिपणी की संख्याओं पर मत जाइए !<BR/>लोग इस को पढ़ने लग गए हैं ! और मैं फ़िर मेरे कथन पर कायम हूँ की ये सुपर हिट होने जा रहा है !<BR/>बहुत शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-70631561312243944042008-09-26T06:12:00.000+05:302008-09-26T06:12:00.000+05:30दर असल सारी गड़बड़ी की जड़ दूसरे सारे चिट्ठाचर्चाकार ...दर असल सारी गड़बड़ी की जड़ दूसरे सारे चिट्ठाचर्चाकार हैं. आदमी अपने आपको तो अनुशासित कर ले मगर दूसरों का क्या करे, जो ऐन टाईम पर निश्चिंत होकर या परेशानी में, अस्पताल निकल लिए और आप झेल रहे हैं. अगर आप अकेले कर रहे होते तो यह सब परेशानी न आती. एक बार फिर से सोचिये...क्या करना है, सबको बाहर निकालिये और अकेले माहौल जमा डालिये!!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-60119862524043153162008-09-26T06:00:00.000+05:302008-09-26T06:00:00.000+05:30आप चिठ्ठा-चर्चकगण वाइड रीडर हैं ब्लॉगजगत के। हमारा...आप चिठ्ठा-चर्चकगण वाइड रीडर हैं ब्लॉगजगत के। हमारा पठन तो गूगल रीडर की फीड से सीमित है। अत: मेरे जैसे तो चिठ्ठा चर्चा बहुत पार्शियल करेंगे! या कर ही न पायेंगे। <BR/>आपको क्या दिक्कत है जी रोज रोज करने में यह चर्चा? इनर्जी की कमी हो तो रिवाइटल और हॉर्लिक्स भिजवाऊं?!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-50375718831631470252008-09-26T01:36:00.000+05:302008-09-26T01:36:00.000+05:30.घोर असहमति१. लगता है कि वायदे निभाने वाले की वक़त....<BR/><BR/><I><B>घोर असहमति</B><BR/>१. लगता है कि वायदे निभाने वाले की वक़त , वायदा करके मुकर जाने वालों से हल्की होती जा रही है ! तभी तो... नेता जनता को चरा रहे हैं !<BR/>२. सुबह की चर्चा अपरिहार्य है, वह चर्चाकार का समर्पण है । शाम को वायदा निभाने की बेताबी चर्चाकार का अभिसार है !<BR/>३. डाक्टर मरीज़ पर बिगड़े कि तुमको पेट में मरोड़ रात में ही क्यों हुआ, नाहक डिस्टर्ब कर रहे हो ! यह सरासर डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61101003855721056892008-09-26T01:18:00.000+05:302008-09-26T01:18:00.000+05:30अजित जी, शास्त्री जी की टिप्पणी के नीचे लिखा रहता ...अजित जी, शास्त्री जी की टिप्पणी के नीचे लिखा रहता है- हिन्दीजगत में एक वैचारिक क्राति की जरूरत है.<B> महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें.</B><BR/><BR/>जब शास्त्रीजी दस साल के बाद का हवाई सपना दिखा सकते हैं तो हम सुबह वायदा करके शाम को पूरा क्यों नहीं कर सकता। बताइये भला। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-21081757642034003282008-09-26T01:07:00.000+05:302008-09-26T01:07:00.000+05:30शास्त्रीजी सही कहते हैं। आप कभी शाम का वादा न करें...शास्त्रीजी सही कहते हैं। आप कभी शाम का वादा न करें। चिट्ठाचर्चा को मेरे जैसे लोगों के लिए मेलरलिस्ट में भी डाल दें जो एग्रीगेटर पर कम जाते हैं या जाने का वक्त नहीं मिलता- ईमानदारी से । <BR/>हम शास्त्रीजी के साथ हैं। सुबह भेजिये, शाम का वादा कभी मत कीजिए। <BR/>बाकी आप गजबै करो ...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-85116877039112276952008-09-26T00:33:00.000+05:302008-09-26T00:33:00.000+05:30शास्त्रीजी, यह चर्चा मैंने रात के ११४५ बजे पो्स्ट ...शास्त्रीजी, यह चर्चा मैंने रात के ११४५ बजे पो्स्ट की। समय और ऊर्जा जो लगे सो लगे लेकिन मैंने इसे किसी फ़ल के लिये नहीं किया। चूंकि सबेरे मैंने वायदा किया था कि शाम को एकलाइना पेश करूंगा सो किया। भले ही कॊ पढ़े या न पढ़े लेकिन मुझे यह संतोष है कि मैंने वायदा निभाया।यह चर्चा भले ही चिट्ठामहारथियों के प्रभात पत्र के नीचे दब जाये लेकिन वायदे के अनुसार अपने मन का काम करने संतोष जो मुझे मिला उसे अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-30639532892015943102008-09-26T00:18:00.000+05:302008-09-26T00:18:00.000+05:30"अनूप शुक्ल द्वारा September 25, 2008 को प्रकाशित ..."अनूप शुक्ल द्वारा September 25, 2008 को प्रकाशित आपका क्या कहना है?."<BR/><BR/>मेरा कहना यह है कि इस तरह के मेराथन चर्चा करने के लिये आपको काफी समय एवं ऊर्जा खर्च करना पडता है, अत: ऐसी लम्बी चर्चाओं को सुबह 6 से 8 के बीच रिलीज किया करें. नहीं तो यह अधिकतर पाठकों की नजर में नहीं आ पायगा एवं इतनी मेहनत का सही फल नहीं होगा.<BR/><BR/>सांझ की चर्चा उन लोगों के जिम्मे दे दें जो चार पेराग्राफ में चर्चाDr. Johnson C. Philiphttps://www.blogger.com/profile/10836988406358120241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-84148492422542993452008-09-26T00:01:00.000+05:302008-09-26T00:01:00.000+05:30पंडित जी,आधी रात में हमें काम देकर सोने जा रहे हो।...पंडित जी,<BR/>आधी रात में हमें काम देकर सोने जा रहे हो। एक लाइना में किस-किस को बहला रहे हो।Hari Joshihttps://www.blogger.com/profile/13632382660773459908noreply@blogger.com