tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post4227676285782614666..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: कि फसाना बन गयी है मेरी बात टलते टलतेdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-67160564164606113762009-02-15T15:06:00.000+05:302009-02-15T15:06:00.000+05:30Mahoday aap sab Prabudhh log hai... mujhe bada kha...Mahoday aap sab Prabudhh log hai... mujhe bada kharab lagta hai jab log mudde se hat kar prateeko ko le kar bahas karne lagte hai aur muddo ko piche chhod dete hai... Prarthna hai ek baar ye bhi soche ki mudda kya hai...<BR/>http://inmyopenion-tiwari.blogspot.com/Rudra Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/08846525380455610322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-72118131964594248742009-02-13T23:47:00.000+05:302009-02-13T23:47:00.000+05:30यहाँ यह भी स्पष्ट कर देना उचित है कि संसार की किसी...यहाँ यह भी स्पष्ट कर देना उचित है कि संसार की किसी भी स्त्री के साथ (और मानवमात्र के साथ भी) मारपीट भले ही मेरे अपने करें या पराए, हर हाल में गलत है,यह दल करे या वह दल, गलत है,इस सम्प्रदाय वाले करें या उस सम्प्रदाय वाले,हर हाल में गलत है। उसे अपने और पराए की सीमा से हट कर देखा जाना व विरोध किया जाना उचित है। इस विरोध को यदि कोई नेता या नेत्री बनने के माध्यम के रूप में चुनता है तो वह उसकी तुच्छता Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-474505792116021472009-02-13T23:04:00.000+05:302009-02-13T23:04:00.000+05:30स्त्रियों द्वारा व्यक्त विरोध को मारपीट के प्रति ज...स्त्रियों द्वारा व्यक्त विरोध को मारपीट के प्रति जताया गया विरोध मानने की अपेक्षा उसे पब का समर्थन मानने का पेंच ( या चालाकी) मुद्दे को उलझा रहा है। <BR/>स्त्री से मारपीट (या किसी से भी मारपीट) उचित है क्या? <BR/>ऐसे में यदि स्त्रियाँ उन हिंसक कापुरुषों से शारीरिक प्रतिकार(प्रतिहिंसा)की अपेक्षा स्त्री-अन्तर्वस्त्र भेंट में देने का या ऐसे ही किसी अन्य विरोध का मार्ग चुनती हैं तो इसमें श्लील अश्लीलKavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-18209040678855655182009-02-13T22:45:00.000+05:302009-02-13T22:45:00.000+05:30शास्त्री जी जैसे जमे हुए ब्लोगर से मत्था टेकने वाल...शास्त्री जी जैसे जमे हुए ब्लोगर से मत्था टेकने वाले सुनना दुखद रहा <BR/>जो मुझे वाहवाही दे वो विचारवान और जो किसी और को वाहवाही दे वो मत्था टेकने वाला <BR/>इस सन्दर्भ में यहाँ भी शास्त्री जी ने वाहवाही दी है नोटपैड को <BR/> ये मत्था टेकने वाली बात मानी जायेगी या नही ?roushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-15901695273384149682009-02-13T22:43:00.000+05:302009-02-13T22:43:00.000+05:30चर्चा विचारोत्तेजक रही। मजे की बात है कि जिस व्यक्...चर्चा विचारोत्तेजक रही। <BR/><BR/>मजे की बात है कि जिस व्यक्ति को लोगों को पीटने के जुर्म में अन्दर होना चाहिये वह देश की सनसनी बना हुआ है। ताज्जुब नहीं कि कल को किसी पार्टी से चुना जाकर जनप्रतिनिधि बन जाये।<BR/><BR/>गुलाबी चढ्ढी आंदोलन में जुटे लोगों के अपने तर्क होंगे और वे सच भी होंगे। बेहतर विकल्प सुझाने में सक्षम न होने के कारण उनके द्वारा अपनाये गये विकल्प को अच्छा/खराब कहने की स्थिति में अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-7494304012075977122009-02-13T21:17:00.000+05:302009-02-13T21:17:00.000+05:30सुजाता, आप ने लेख ठीक से नही पड़ा, मुझे कोई कंफ्यू...सुजाता, आप ने लेख ठीक से नही पड़ा, मुझे कोई कंफ्यूजन नही है। मैने सिर्फ आपकी बात के लिये ही नही कहा सुरेश के तरीके को भी गलत बताया है। यही नही लेख में और भी बहुत कुछ था जिन्हें ज्यादा महत्व दिया जा सकता था लेकिन जैसा आप पहले ही कह चुकी हैं आपके जवाब के लिये भी वही दोहराऊंगा - आप किसी के विरोध के तरीकों से हमेशा ही सहमत-असहमत हो सकते हैं ,यह आपका हक है।<BR/><BR/>इस पूरे मुद्दे पर हालात ये हैं कि Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64296230574732832382009-02-13T19:42:00.000+05:302009-02-13T19:42:00.000+05:30आइये हिन्दी के कुछ महान ब्लोगर की किसी बहस के प्रत...आइये हिन्दी के कुछ महान ब्लोगर की किसी बहस के प्रति गंभीरता देखि जाए .कुछ दिन पहले किसी ने कहा था की हिन्दी ब्लोगिंग में कुछ दम नही तो सब लोग उस बेचारे पर टूट पड़े थे .<BR/>एक रवि रतलामी जी क्या कहते है <BR/>चाहते तो थे खाकी चड्डियाँ<BR/>तकदीर में थी पिंक चड्डियाँ<BR/><BR/>शहर में निकला है वो नंगा<BR/>पहनाने को सबको चड्डियाँ<BR/><BR/>सूट तो सबने सिलवाए कई<BR/>न मिल पाईं उन्हें चड्डियाँ<BR/><BR/>येनटखट बच्चाhttps://www.blogger.com/profile/02706148313477513113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-89083931658097596442009-02-13T19:06:00.000+05:302009-02-13T19:06:00.000+05:30माननीय लेखिका से कई बिन्दुओं पर असहमत होते हुये भी...<I><BR/><BR/>माननीय लेखिका से कई बिन्दुओं पर असहमत होते हुये भी पोस्ट के मूल चरित्र का हिमायती हूँ । प्रतीक चाहे जो भी रखा जाय, तथाकथित प्रगतिशील सोच स्त्रैण मुद्दों की खिल्ली ही उड़ाती है । मुँबई हादसे के बाद के महिलाओं के विरोध प्रदर्शन पर किन्हीं मन्त्री जी की टिप्पणी लोग शायद भूले न होंगे । मतलब साधने के लिये ' नारी सर्वत्र पूज्येत ' का मन्त्रजाप करने वाले गुलामी के मुगलिया दौर से नहीं उबर डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34562024602067036382009-02-13T16:04:00.000+05:302009-02-13T16:04:00.000+05:30बल्टियान दिवस की बधाई. रामराम.बल्टियान दिवस की बधाई. <BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-62051281307149243262009-02-13T15:46:00.000+05:302009-02-13T15:46:00.000+05:30बहुत दमदार चर्चाबहुत दमदार चर्चाGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-63386388940664618872009-02-13T15:03:00.000+05:302009-02-13T15:03:00.000+05:30प्रभावशाली बहुआयामी चर्चा. धन्यवादप्रभावशाली बहुआयामी चर्चा. धन्यवादHimanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-36880995896653674622009-02-13T14:07:00.000+05:302009-02-13T14:07:00.000+05:30मेरे द्वारा अब तक पढ़े, इस विषय पर, सबसे प्रभाव शाल...मेरे द्वारा अब तक पढ़े, इस विषय पर, सबसे प्रभाव शाली लेख ! सहमति के साथ शुभ कामनाएं !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-534372158698560242009-02-13T14:06:00.000+05:302009-02-13T14:06:00.000+05:30HAPPY VALENTINES DAY !!!!" mehnt se ki gyi charcha...HAPPY VALENTINES DAY !!!!<BR/>" mehnt se ki gyi charcha.."<BR/><BR/>regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-37239620651310364232009-02-13T13:44:00.000+05:302009-02-13T13:44:00.000+05:30आधिकारिता = आधिकारिकताआधिकारिता = आधिकारिकताShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64981374535052564902009-02-13T13:43:00.000+05:302009-02-13T13:43:00.000+05:30इस चर्चा के लिये बधाई. हां एकाध तकनीकी गलती जरूर च...इस चर्चा के लिये बधाई. हां एकाध तकनीकी गलती जरूर चर्चा में आ गई है उसे सुधार लें.<BR/><BR/>उदाहरण के लिये आप ने "प्रतीकात्मक" विरोध की बात कही. अच्छी बात है. लेकिन समस्या यह है कि जिनका आप अनुमोदन करती हैं उनके अलावा अन्य लोग भी "प्रतीकात्मक" प्रयोग करते हैं. उन लोगों की प्रतीकात्मकता को इस चर्चा में नजरअंदाज कर दिया गया है.<BR/><BR/>मुझे लगता है कि शायद जल्दी में आपने चर्चा लिखी होगी अत: यह नहींShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-49907005558308269052009-02-13T13:04:00.000+05:302009-02-13T13:04:00.000+05:30आपने कहा- कोई स्त्री चड्डी का इस्तेमाल विरोध के लि...आपने कहा- कोई स्त्री चड्डी का इस्तेमाल विरोध के लिए करे तो मिर्ची तो लगेगी ही न। <BR/>मुझे एक गाना याद आया -...तुझे मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78323722093203259632009-02-13T13:01:00.000+05:302009-02-13T13:01:00.000+05:30यह ब्लॉगजगत के चिठ्ठों की चर्चा है,या व्यक्तिगत अभ...यह ब्लॉगजगत के चिठ्ठों की चर्चा है,या व्यक्तिगत अभिरुचि के पोस्टों की चर्चा ???????रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-17351451585905714142009-02-13T13:00:00.000+05:302009-02-13T13:00:00.000+05:30ऎ कुश, जरा ज़बान संभाल .. और कीबोर्ड पर लग़ाम देकर ल...<I><BR/>ऎ कुश, जरा ज़बान संभाल .. और कीबोर्ड पर लग़ाम देकर लिखा करें ।<BR/>हम अँग्रेज़ों के ज़माने के ब्लागर हैं... हाड़्ड़्प्प !<BR/><BR/>ऎसी एतिहासिक चर्चा पढ़ कर, <BR/>आज तो अपने बुद्धिजीवी होने का भ्रम पुख़्ता हो रहा है ।<BR/>सो, टिप्पणी हल्के में नहीं न दूँगा ?<BR/>साँझ ढलने दीजिये, फिर प्रगट होता हूँ !<BR/>आपके पीछे वाली सीट मेरी रिज़र्व है, रोके रहियेगा !</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-52185847306595744182009-02-13T12:41:00.000+05:302009-02-13T12:41:00.000+05:30प्रेम दिवस मुबारक हो ! दीपावली और होली की तरह ! अच...प्रेम दिवस मुबारक हो ! दीपावली और होली की तरह ! अच्छी चोखेरबालीमय चर्चा !!Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-84563015999584113982009-02-13T12:31:00.000+05:302009-02-13T12:31:00.000+05:30कोई आश्चर्य नही की इस पोस्ट पर रेग्युलर कमेंट करने...कोई आश्चर्य नही की इस पोस्ट पर रेग्युलर कमेंट करने वाले कमेंट नही करे... और कुछ ऐसे भी कमेंट मिले जो आपको अच्छी चर्चा के लिए बधाई भी दे डाले..<BR/><BR/>फ़िल हाल तो यही कहून्गा... HAPPY VALENTINES DAY !!!!कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-7256610373808284202009-02-13T12:30:00.000+05:302009-02-13T12:30:00.000+05:30HAPPY VALENTINES DAY !!!!सटीक चर्चा.HAPPY VALENTINES DAY !!!!<BR/><BR/>सटीक चर्चा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-24917431725631816032009-02-13T12:20:00.000+05:302009-02-13T12:20:00.000+05:30अनूप जी शुक्रिया बताइये गुलाब जी हाँ सिर्फ़ गुलाब...अनूप जी<BR/> शुक्रिया <BR/> बताइये गुलाब जी हाँ सिर्फ़ गुलाबों लदा ट्रक <BR/> बिना काँटों का भेज रहा हूँ ... स्वीकारिये जी <BR/>आज दाग की बात सलिल समाधिया ने याद दिलाई <BR/>सोचता हूँ बतौर टिप्पणी दर्ज कर दूँ ताकि गुमसुम ब्लॉगर बागे बहारी <BR/>के हलके अपनीले थपेडों से फ़िर लिखें अच्छा लिखें <BR/>ए बागे-बहारी उनको भी दो चार थपेडे हलके से <BR/>जो लोग किनारे से अब तक साहिल का नज़ारा करतें हैं ..!!<BR/बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64813657359372673762009-02-13T12:15:00.000+05:302009-02-13T12:15:00.000+05:30अभी -अभी रचना की पोस्ट पढ़ी और अब आपकी चिट्ठा चर्च...अभी -अभी रचना की पोस्ट पढ़ी और अब आपकी चिट्ठा चर्चा पढ़ी ।<BR/>सटीक लेखन ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-50686723486255950362009-02-13T12:07:00.000+05:302009-02-13T12:07:00.000+05:30बहुत दमदार चर्चा रही इस बार की ....सच को सामने रखत...बहुत दमदार चर्चा रही इस बार की ....सच को सामने रखती हुई पोस्टअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-47115764724579354012009-02-13T11:59:00.000+05:302009-02-13T11:59:00.000+05:30HAPPY VALENTINES DAY !!!! aap ko bhiHAPPY VALENTINES DAY !!!! aap ko bhiRachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.com