tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post4752644661999456017..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: रविवार्ता : वाह सजण..... वाह सजणdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-88462760342232646862008-11-03T04:09:00.000+05:302008-11-03T04:09:00.000+05:30वाह!! बड़ी विस्तृत चर्चा. गंभीर विषय भी बखूबी से प्...वाह!! बड़ी विस्तृत चर्चा. गंभीर विषय भी बखूबी से प्रस्तुत किये. काफी समय लगाया इस चर्चा को करने में. बहुत बहुत बधाई.<BR/><BR/>आशा करता हूँ कि बिटिया की तबीयत अब बेहतर होगी. घर का सदस्य तो यूँ भी त्यौहार के मौके पर जब दूर होता है तो बहुत तकलीफ देता है और उस पर से तबीयत खराब हो फिर तो...<BR/><BR/><BR/>चिट्ठा शब्द नियमित लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है, अतः नियमित इस्तेमाल करते रहने से हमें तो अहसास भी Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-76299207727546048272008-11-02T22:40:00.000+05:302008-11-02T22:40:00.000+05:30" 'होरी' की झुग्गी में झांके * इतने कहाँ उदार उजा..." 'होरी' की झुग्गी में झांके *<BR/> इतने कहाँ उदार उजाले |<BR/> कल थोडा सकुचा कर करते<BR/> काले कारोबार उजाले |"<BR/>बहुत प्यारी रचना है, रचनाकार ( नाम नही दिया आपने ) को शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78795276445034200302008-11-02T22:36:00.000+05:302008-11-02T22:36:00.000+05:30बहुत मेहनत से सुन्दर चर्चा करी आपने। एकलाइना जोरदा...बहुत मेहनत से सुन्दर चर्चा करी आपने। एकलाइना जोरदार हैं। चिट्ठा की जगह दूसरा कोई नाम राजकिशोर जी सुझायें, प्रयोग करें। चलन में आयेगा तो चल जायेगा। किसी को मजबूर तो किया नहीं जा सकता कि इसके ऐसे ही लिखो/प्रयोग करो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-66810390138196251312008-11-02T20:18:00.000+05:302008-11-02T20:18:00.000+05:301. "कान तरस जाते हैं किसी अच्छी सूचना की प्रतीक्षा...1. "कान तरस जाते हैं किसी अच्छी सूचना की प्रतीक्षा में" लगभग सब के मन की बात कह दी आप ने.<BR/><BR/>2. चिट्ठा अब इतना स्वीकृत शब्द हो गया है कि मूल शब्द एवं इससे व्युत्पन्न शब्द अब चिट्ठाजगत में गहरी पैठ बना चुके है. अत: चिट्ठालोग के इस प्रिय शब्द को ऐसा ही रहने दें यह अनुरोध है चिट्ठाकारों एवं चिट्ठाचर्चा से!<BR/><BR/>3. इस मेराथन चर्चा के लिये आभार!!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-40799648645475703002008-11-02T16:27:00.000+05:302008-11-02T16:27:00.000+05:30मेरे विचार से जो नाम पहले से है वो ही ठीक है।मेरे विचार से जो नाम पहले से है वो ही ठीक है।PREETI BARTHWALhttps://www.blogger.com/profile/07147371640692507101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-67208514670547885202008-11-02T15:49:00.000+05:302008-11-02T15:49:00.000+05:30एक यह शब्द भी देखें -चिठ्थालोचना -और हां कृपा कर म...एक यह शब्द भी देखें -चिठ्थालोचना -<BR/>और हां कृपा कर मन्त्र का सही पाठ बताएं -<BR/>क्या यह -माता पृथ्वी पुत्रोहम पृथिव्या ? <BR/>बताएं जरूर !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-16123715233005282752008-11-02T15:37:00.000+05:302008-11-02T15:37:00.000+05:30बहुत सार्थक चर्चा रही ! जब हिन्दी का चिठ्ठा लेखन...बहुत सार्थक चर्चा रही ! जब हिन्दी का चिठ्ठा लेखन अपनी ऊँचाई पायेगा तब यह चिठ्ठा शब्द भी बेशकीमती लगने लगेगा !<BR/>ऐसा मेरा मानना है ! बाक़ी जैसा बहुमत हो ! बहुत शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-9243744376531475912008-11-02T13:31:00.000+05:302008-11-02T13:31:00.000+05:30चिट्ठा को गर कहा जायेपट्ठा, फिर तो लगेगा अच्छापट्...चिट्ठा को गर कहा जाये<BR/><BR/>पट्ठा, फिर तो लगेगा अच्छा<BR/><BR/>पट्ठा सिर्फ उल्लू का ही नहीं होता है<BR/><BR/>फिर तख्ता या तख्ती का भाव भी देगा<BR/><BR/>मजबूती में तो इस शब्द का नहीं है कोई सानी<BR/><BR/>जो भी लिखो, छाप देता है बेझिझक, तो<BR/><BR/>पट्ठा ही हुआ न, और किस के बस की बात है<BR/><BR/>पसंद आयेगा, जमता सही है<BR/>, ऐसी बात है<BR/>फिर देरी किस बात की है<BR/>पट्ठाजगत और पट्ठावाणी<BRअविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-14514495572867702532008-11-02T14:17:00.000+05:302008-11-02T14:17:00.000+05:30शब्द उपयोग के साथ अर्थ बदलते हैं। ब्लाग के लिए चिट...शब्द उपयोग के साथ अर्थ बदलते हैं। ब्लाग के लिए चिट्ठा शब्द के उपयोग ने इस का नया अर्थ स्थापित किया है। जो इसे रोज सुन रहा है अनेक बार उस के लिए अब तो यह कर्णप्रिय भी हो चला है। कुछ दिन बाद राजकिशोर जी को भी अच्छा लगने लगेगा। वास्तव में वे चिट्ठा के पहले कच्चा सुनने-पढ़ने के आदी हैं। कुछ दिनों में उन की आदत बदल जानी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-21222568268511202652008-11-02T13:07:00.000+05:302008-11-02T13:07:00.000+05:30सफेद घर की मुंडेर से लगे बेचारे पेड़ की जो दशा होने...सफेद घर की मुंडेर से लगे बेचारे पेड़ की जो दशा होने वाली है----- भगवान भली करें। <BR/><BR/>चिट्ठा शब्द कर्णकटु तो लगता ही है, वैसे भी अच्छे संदर्भों में उपयोग भी नहीं किया जाता। अच्छा है विकल्प की खोज शुरु हुई। अपनी समझदानी को भी छानता हूं। शायद कुछ टपक ही पड़े।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-27770498674010946012008-11-02T12:52:00.000+05:302008-11-02T12:52:00.000+05:30बड़ी लम्बी और म्हणत से की गई रचना है. अनुराग जी एक ...बड़ी लम्बी और म्हणत से की गई रचना है. अनुराग जी एक लाईना वाली दिक्कत मुझे भी दिख रही है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-1188472026611031712008-11-02T12:15:00.000+05:302008-11-02T12:15:00.000+05:30चिटठा चर्चा को यही रहने दे ,नाम को लेकर हीनभाव से ...चिटठा चर्चा को यही रहने दे ,नाम को लेकर हीनभाव से ग्रस्त न हो ....एक लाइना के बीच में कुछ गड़बड़ हो गई है ,एडिट में जाकर उसे दुरस्त कर ले ....अमृता प्रीतम को उनके खालिस अंदाज़ में पढने का अलग मजा है ...उनकी कुछ कविताओं को गुलज़ार ने अपना स्वर दिया है .लोग उसे e-snips से डाउनलोड कर सकते है ....कुल मिलाकर हर आदमी का अपना एक अलग अंदाज है चर्चा का .....वही मजा देता है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-44458148560270387502008-11-02T12:09:00.000+05:302008-11-02T12:09:00.000+05:30@ kavita "मित्रो, कृपया चिट्ठा शब्द का सम्मानपूर्ण...@ kavita "मित्रो, कृपया चिट्ठा शब्द का सम्मानपूर्ण विकल्प खोजने और स्वीकृत कराने का प्रयास करें। बहुत आभार होगा। - रा."<BR/><BR/><BR/>blog ko blog hi rehnae do koi naam na doAnonymousnoreply@blogger.com