tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post4909795037027321595..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: गर्ल फ़्रेंड में बदलते पिताdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34979414748427464132012-06-19T18:48:01.322+05:302012-06-19T18:48:01.322+05:30अनूप जी,
आप फुल फॉर्म में नज़र आ रहे हैं आज कल..अच्...अनूप जी,<br />आप फुल फॉर्म में नज़र आ रहे हैं आज कल..अच्छा लगा देख कर..<br />और फिर आपकी बात ही जुदा है..<br />हम आपकी क्या तारीफ़ करें..कितना भी कहेंगे कम पड़ जाएगा..<br />आभार..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-62784789363691606812012-06-18T20:14:43.151+05:302012-06-18T20:14:43.151+05:30पिता पर इतनी कविताएं पढ़ीं, पढ़ाईं तो एक यह भी पढ़...पिता पर इतनी कविताएं पढ़ीं, पढ़ाईं तो एक यह भी पढ़ लीजिए शायद आपको अच्छी लगे....<br /><br />http://devendra-b echainaatma.blogspot.in/2011/12/blog-post_03.htmlदेवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-66364330615830178812012-06-18T17:46:17.986+05:302012-06-18T17:46:17.986+05:30बोधिसत्व की जी कविता में मुझे अपने पिता की झलक दिख...बोधिसत्व की जी कविता में मुझे अपने पिता की झलक दिखाई देती है। बढ़िया लिंक्स दिये हैं जल्द पढ़ने की कौशिश करेगें। आभारAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10936100209478660872012-06-18T16:10:41.447+05:302012-06-18T16:10:41.447+05:30यह अच्छा लगा कि आपके पिताजी खुश हैं.हम सबका उद्देश...यह अच्छा लगा कि आपके पिताजी खुश हैं.हम सबका उद्देश्य अंततः यही है कि हमारे जन्मदाता हमसे प्रसन्न रहें !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-72139594081249359742012-06-18T12:30:35.871+05:302012-06-18T12:30:35.871+05:30"पापा बहुत खुश हैं मेरे इस लिखे से..."
..."पापा बहुत खुश हैं मेरे इस लिखे से..." <br />विनीत जी आपकी गर्लफ्रेंड इतनी अच्छी है कि इस लेख के बाद भी बुरा नहीं मान रही :) <br />आपकी पोस्ट शानदार है। आपसे अधिक आपके पिता की सफलता के बारे में बताती है। आप ठगते हैं और वे खुद को ठगवाते हैं। उन्हें पगेलागणा कहिएगा... :) <br /><br />अनूपजी को बड़ा धन्यवाद, आज एक से बेहतर एक लिंक थमाए हैं। कल रात दो तीन अच्छे लिंक मिले थे, पर यहां तो Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61448970588889552942012-06-18T12:24:15.093+05:302012-06-18T12:24:15.093+05:30उसका लिंक बताइये न! लग जायेगा जी। :)उसका लिंक बताइये न! लग जायेगा जी। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-80443940095772731782012-06-18T12:20:50.571+05:302012-06-18T12:20:50.571+05:30भावुक चर्चा, पिता पर एक बेहद अच्छी सीरिज कुछ महीने...भावुक चर्चा, पिता पर एक बेहद अच्छी सीरिज कुछ महीने पहले कबाडखाना पर आई थी वो भी लगाते... !सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10035495873978934582012-06-18T12:17:32.751+05:302012-06-18T12:17:32.751+05:30संतोषजी की भावना का सम्मान करते हुए बस इतना साझा क...संतोषजी की भावना का सम्मान करते हुए बस इतना साझा करना चाहता हूं- पापा बहुत खुश हैं मेरे इस लिखे से..हम भी खुश हो रहे हैं.क्या करें कई बार जीवन उपदेशों से परे अपने छोटे-छोटे सुखों से लहलहाने लग जाती है.विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-5032987400511552142012-06-18T11:36:50.014+05:302012-06-18T11:36:50.014+05:30बढ़िया चिट्ठा चर्चा .... कई लिंक्स बहुत सुंदर मिले...बढ़िया चिट्ठा चर्चा .... कई लिंक्स बहुत सुंदर मिले ... आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-85845021820609597952012-06-18T10:26:58.343+05:302012-06-18T10:26:58.343+05:30fullam-full sair kari gayee ......... link de ke r...fullam-full sair kari gayee ......... link de ke rah dikhane ke liye sukriya cha abhar ......... <br /> <br />k k aur d p ke cartoon pahle se dekhe the. <br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61869451534326634832012-06-18T10:23:37.201+05:302012-06-18T10:23:37.201+05:30'डरी हुई गर्लफ्रेंड की तरह रोज़ फ़ोन करते हैं ...'डरी हुई गर्लफ्रेंड की तरह रोज़ फ़ोन करते हैं पापा' पोस्ट पिता को याद कम उनका उपहास-सी ज़्यादा उड़ाती है.विनीत कुमार की अपनी आधुनिक सोच हो सकती है पर अपने पिता को इस तरह की उपमाएं देकर क्या बताना चाहते हैं? उनकी भावनाएं नेक हो सकती हैं पर सच में 'पिता' ऐसा सम्बन्ध है जो चाहकर भी खुले-आम प्यार दिखाने से परहेज करता है.इसमें भी उसके पुत्र की ही भलाई छुपी होती है.अनुशासन के लिए वह संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56898011832121786682012-06-18T09:04:18.426+05:302012-06-18T09:04:18.426+05:30अरे हाँ...जल्दी में धन्यवाद देना तो भूल ही गया। फो...अरे हाँ...जल्दी में धन्यवाद देना तो भूल ही गया। फोटू चर्चा में शामिल होने लायक हो गई! मजा आ गया।...धन्यवाद।:)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-90418594703112187422012-06-18T09:01:40.465+05:302012-06-18T09:01:40.465+05:30बहुत बढ़िया-बढ़िया लिंक थमा दिये हैं। पढ़ता जा रहा...बहुत बढ़िया-बढ़िया लिंक थमा दिये हैं। पढ़ता जा रहा हूँ और फॉलो करता जा रहा हूँ। जो बचे उनको रात में पढ़ना पड़ेगा।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com