tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post6230672304329472120..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: आई एम लविंग इटdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-48245792962649597472007-03-18T20:09:00.000+05:302007-03-18T20:09:00.000+05:30इसमें मोदीवाद की झलक पा कर संजय झूम पड़े ;)दादा आपक...इसमें मोदीवाद की झलक पा कर संजय झूम पड़े ;)<BR/><BR/>दादा आपकी इस लाइन पर मुझे आपत्ति है. मजाक ठीक है पर भैया को किसी वाद से मत जोडिए.पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-24718741928332690972007-03-18T16:40:00.000+05:302007-03-18T16:40:00.000+05:30वाह दादा मैं सोच रहा था कि इस बारे कुछ कहूं लेकिन ...वाह दादा मैं सोच रहा था कि इस बारे कुछ कहूं लेकिन आपकी इस धांसू चर्चा के बाद कहने को कुछ बचा ही नहीं।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-15808256713485672762007-03-18T00:23:00.000+05:302007-03-18T00:23:00.000+05:30जीतू, नारद से जुड़े होने के बावजूद मुझे ये लाइन गैर...जीतू, नारद से जुड़े होने के बावजूद मुझे ये लाइन गैरजरूरी लगती है-<B>क्या नारद पर कोई चिट्ठा रजिस्टर किए बगैर, दुनिया उसके बारे मे जान पाएगी?</B>यह ऐंठ ठीक नहीं है। यह मत भूलो कि ब्लाग्स हैं तो नारद है।यह नहीं कि नारद था इसलिये ब्लाग्स लिखने लगे लोग! अपनी तुरही खुद बजाने से बचना चाहिये हम लोगों को। कोई दूसरा टोंके और जिसका तुम्हे बुरा लगे इसके पहले मैंने इशारा करना जरूरी समझा! :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64506656769632421652007-03-18T00:07:00.000+05:302007-03-18T00:07:00.000+05:30इतनी बेबाक चर्चा के लिये साधुवाद! मुझे ये पन्क्तया...इतनी बेबाक चर्चा के लिये साधुवाद! मुझे ये पन्क्तयाँ सर्वाधिक पसँद आईं-<BR/>//हम पत्रकार भी हैं, प्रकाशक भी, हम वकील भी हैं, पुलिस और जज भी, हम समाजसेवी भी हैं, गृहस्थ भी। और हमें पैसे दे कर भी तुम्हारे मन का नहीं लिखवा सकते, हमारे सर पर किसी संपादक, किसी विज्ञापनदाता का पेपरवेट नहीं रखा//<BR/><BR/>चिट्ठाकारी का एक आयाम, जो मुझे लगा वो ये भी कि ये एक चिट्ठाकार के समांतर व्यक्तित्व ( जो उसके भौतिक Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-7661942733992697532007-03-17T23:51:00.000+05:302007-03-17T23:51:00.000+05:30चर्चा पसंद करने के लिये शुक्रिया। नीरज ने पते की ब...चर्चा पसंद करने के लिये शुक्रिया। नीरज ने पते की बात कर दी है और मैं उनसे बिल्कुल सहमत हूँ।debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-9149067046155207092007-03-17T23:21:00.000+05:302007-03-17T23:21:00.000+05:30किसी भी साथी को किसी और के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नह...किसी भी साथी को किसी और के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं.देशभर के अख़बारों की कतरनों के बीच सात साल बैठकर इतना तो समझ ही चुका हूं कि कौन-कब किस कतार में खड़ा होकर मूत्र विसर्जन करता है. क़तारों पर न जाओ.. खेमेबाज़ी पर न जाओ.. अपनी अक़ल लगाओ. ख्वामख़्वाह ..हम इसे तवज्जो क्यों दे? मैं यह भी पूछता हूं कि क्या हमें तभी संतुष्टि मिलेगी जब हमारा किया-धरा अख़बार और चैनलों में आंका जाए? ये मोह क्यों? हमने Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10804386845037290682007-03-17T23:00:00.000+05:302007-03-17T23:00:00.000+05:30बहुत सधी हुई चिट्ठा चर्चा। वाकई अच्छा लगा।उपरोक्त ...बहुत सधी हुई चिट्ठा चर्चा। वाकई अच्छा लगा।<BR/><BR/>उपरोक्त प्रकरण पर मैने संजय भाई के ब्लॉग पर एक टिप्पणी की थी:<BR/>संजय भाई, <BR/>इस समाचार को दूसरी तरह लीजिए, लोगों ने दोस्ती निभायी है, साथ ही हिन्दी ब्लॉगिंग की बात भी की है। निराश मत होइए। ऐसे बहुत सारे लोग आएंगे जो एक ब्लॉग पोस्ट लिखकर, स्वयं को हिन्दी चिट्ठाकारी का प्रणेता कहेंगे, तब क्या करेंगे? उनके कहने से क्या ऐसा हो जाएगा? <BR/><BR/>Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-63990009560624888352007-03-17T22:51:00.000+05:302007-03-17T22:51:00.000+05:30यह स्टाईल बहुत भाई, भाई. इसी तरह कहना ठीक रहेगा चर...यह स्टाईल बहुत भाई, भाई. इसी तरह कहना ठीक रहेगा चर्चा को!! बधाई.. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10073717435890998032007-03-17T22:24:00.000+05:302007-03-17T22:24:00.000+05:30बहुत कायदे से आपने चिट्ठा चर्चा की है। आपको बहुत ब...बहुत कायदे से आपने चिट्ठा चर्चा की है। आपको बहुत बहुत बधाई।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-18034849933062328002007-03-17T22:00:00.000+05:302007-03-17T22:00:00.000+05:30बहुत उम्दा रही चर्चा आज की। पिछली बार से मुझे यह म...बहुत उम्दा रही चर्चा आज की। पिछली बार से मुझे यह महसूस हो रहा है कि आगे बढ़ते चिट्ठों की संख्या के साथ तुम्हारी चर्चा का अन्दाज 'रोल चर्चा' के रूप में होगा। हिंदुस्तान पर ब्लागिंग से सम्बंधित समाचार के बारे में तुम्हारे हीरो का डायलाग याद आता है- <B>लाइन वहां से शुरू होती है जहां हम खड़े हो जाते हैं।</B> जहां से मीडिया वाले आ गये वहीं से ब्लागिंग की शुरुआत हो गयी। बधाई !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-44720010940199954142007-03-17T21:52:00.000+05:302007-03-17T21:52:00.000+05:30वाकई बहुत अच्छी चर्चा की है आपने, चर्चा इसी तरह की...वाकई बहुत अच्छी चर्चा की है आपने, चर्चा इसी तरह की होनी चाहिये। इसे देख कर लगता है कि अभी बहुत कुछ सीखना होगा मुझे।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-17388695880045479282007-03-17T21:20:00.000+05:302007-03-17T21:20:00.000+05:30महाराज,यह थोडी सचमुच सुघड चिट्ठी है। धन्यवाद।महाराज,<BR/>यह थोडी सचमुच सुघड चिट्ठी है। धन्यवाद।azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.com