tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post6514068484823903560..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: फ़रिश्ते सरीखे मुस्तफ़ा और खोना-मिलना पापा काdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-76489637410286519102013-04-16T06:07:19.181+05:302013-04-16T06:07:19.181+05:30पढ़कर रोमांच हो आया। कैसा अविश्वसनीय सुसंयोग था। म...पढ़कर रोमांच हो आया। कैसा अविश्वसनीय सुसंयोग था। मनुष्य की तो है ही तकनीक की भूमिका भी इसमें कम नहीं। मैं इस घटना व स्थिति की कल्पना से ही चकित हूँ। उनके पिताजी के लिए शुभकामनाएँ। यहाँ विदेशों में कुछ ऐसे संसाधन विकसित किए गए हैं जो ऐसे व्यक्तियों की गतिविधियों का पूरा ब्यौरा उस से जुड़े कंप्यूटर पर देते रहते हैं कि वे कब कहाँ गए, कहाँ हैं आदि। जमानत पर छूते अपराधियों और पालतू पशुओं तक को एक Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-84976395532398852052013-04-13T11:15:58.502+05:302013-04-13T11:15:58.502+05:30मुस्तफा जैसे व्यक्ति ही नर में नारायण का विश्वास द...मुस्तफा जैसे व्यक्ति ही नर में नारायण का विश्वास दिलाते हैं। अन्त सुखद हुआ, जानकर संतोष हुआ।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-16168495609930810232013-04-13T00:19:41.378+05:302013-04-13T00:19:41.378+05:30मेरा मेहनत करना कोई बड़ी बात नहीं है, न करना गलत ह...मेरा मेहनत करना कोई बड़ी बात नहीं है, न करना गलत होता। मेरी जगह कोई भी होता तो करता, ऐसी परिस्थिति में तो करना ही चाहिए। मैं तो अपने एक मित्र के कहने पर खूब सोच समझकर, जान बूझकर ऐसे ब्लॉगर की मदद करने गया जिन्हें मैं भी जानता था। पैगम्बर का मन तो मुस्तफ़ा का है जिसने एक ऐसे व्यक्ति की मदद की जिसे वह बिल्कुल नहीं जानता था।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-20529023776711051082013-04-12T21:55:07.218+05:302013-04-12T21:55:07.218+05:30बहुत सुन्दर लेखन | पढ़कर आनंद आया आपका संस्मरण | ए...बहुत सुन्दर लेखन | पढ़कर आनंद आया आपका संस्मरण | एक नया अनुभव हुआ और एक नायाब उदहारण प्रस्तुत किया आपने | आशा है आप अपने लेखन से ऐसे ही हमे कृतार्थ करते रहेंगे | आभार <br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-36606961903880577742013-04-12T20:22:36.476+05:302013-04-12T20:22:36.476+05:30ओह! मेरे पिताजी भी डिमेंशिया से ग्रस्त हैं और यादद...ओह! मेरे पिताजी भी डिमेंशिया से ग्रस्त हैं और याददाश्त में बहुधा गड़बड़ियाँ होने लगी हैं। मैं इस पोस्ट की संवेदनायें समझ सकता हूं। उस दिन यह जान कर बहुत सुकून मिला था कि उनके पिताजी मिल गये थे! <br /><br />मैं एक व्यक्ति को जानता हूं जिनके दादा जी यहां रात में मानिकपुर-नैनी के बीच जाने किस स्टेशन पर रात में उतर गये। फिर उनका, बहुत खोजने पर भी, पता न चला! :-( Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-20751066808658308072013-04-12T20:16:44.116+05:302013-04-12T20:16:44.116+05:30यूं फरिश्ते की तरह किसी से मदद मिलना...जीवन में हम...यूं फरिश्ते की तरह किसी से मदद मिलना...जीवन में हमारे नेक और अच्छे कर्मों का फल ही होता है..अनु जी के पापा सही सलामत मिल गए...सुनकर इतनी राहत मिल रही है..जैसे अपने घर की बात होA.Singhhttps://www.blogger.com/profile/00771717264930998387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-16447245480098864702013-04-12T19:03:50.474+05:302013-04-12T19:03:50.474+05:30एक बेटी को उसका खोया हुआ बाप मिल जाय, यह बड़ी बात ...एक बेटी को उसका खोया हुआ बाप मिल जाय, यह बड़ी बात है, क्रेडिट किसे मिला,यह गौण है।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-85171550851484018352013-04-12T19:01:17.368+05:302013-04-12T19:01:17.368+05:30...मिसिर जी ,आप नाहक ही सुकुल जी को हूल दे रहे हैं......मिसिर जी ,आप नाहक ही सुकुल जी को हूल दे रहे हैं :)<br />.<br />.सबके काम के तरीक़े जुदा हैं ।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-67499919755404953872013-04-12T18:53:49.154+05:302013-04-12T18:53:49.154+05:30सही ! मुस्तफ़ा पैगम्बर बनकर आये !
आपका भी मन वैसा ...सही ! मुस्तफ़ा पैगम्बर बनकर आये !<br /><br />आपका भी मन वैसा ही है। बहुत मेहनत की आपने उस दिन।<br /><br />मुझे भी बहुत अच्छा लगा अनु का संस्मरण पढ़कर और इसे लिखकर! अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-25017299828846886392013-04-12T18:52:02.505+05:302013-04-12T18:52:02.505+05:30धन्यवाद! वाकई यह सुकून की बात है कि उनके बाबूजी घर...धन्यवाद! वाकई यह सुकून की बात है कि उनके बाबूजी घर वापस आ गये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-32996595167225388752013-04-12T18:51:22.725+05:302013-04-12T18:51:22.725+05:30:):)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10033650594427561742013-04-12T18:50:26.445+05:302013-04-12T18:50:26.445+05:30अरे हम कहां के हीरो भाई! हम तो जीरो हो गये! वो तो ...अरे हम कहां के हीरो भाई! हम तो जीरो हो गये! वो तो एक बात बताई जो याद आ गयी। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-84215264362984735292013-04-12T18:49:13.718+05:302013-04-12T18:49:13.718+05:30मुआफ़ी हम क्या देंगे महाराज ? आप महान है।
अब फ़िजूल...मुआफ़ी हम क्या देंगे महाराज ? आप महान है।<br /><br />अब फ़िजूल का जबाबी कीर्तन क्या किया जाये? <br /><br />छोड़ा जाये। मस्त रहा जाये। :)<br />अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-62479674204633417282013-04-12T15:13:41.422+05:302013-04-12T15:13:41.422+05:30मुस्तफ़ा ने अपना नाम सार्थक किया। वह वाकई पैगम्बर ...मुस्तफ़ा ने अपना नाम सार्थक किया। वह वाकई पैगम्बर बनकर आया!<br /><br />..अब बहुत अच्छा लग रहा है पढ़कर।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-82395856006853944732013-04-12T11:06:16.497+05:302013-04-12T11:06:16.497+05:30excellent post today anup
i read her post yesterd...excellent post today anup <br />i read her post yesterday <br />and honestly i felt like myself thanking each one who helped in moments of distress <br /><br />but it was such a relief in the end Rachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-22428686970977317182013-04-12T10:52:51.431+05:302013-04-12T10:52:51.431+05:30बेहतरीन चिट्ठा चर्चा सरजी । शुक्र है कि अनु जी के ...बेहतरीन चिट्ठा चर्चा सरजी । शुक्र है कि अनु जी के बाबूजी सकुशल वापस आ गए । अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-59362769459843704282013-04-12T10:50:53.619+05:302013-04-12T10:50:53.619+05:30मेरी दुनिया में फ़रिश्ते बहुत है.मेरी दुनिया में फ़रिश्ते बहुत है.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-46058330568069410012013-04-12T10:50:33.309+05:302013-04-12T10:50:33.309+05:30ओह तो दबा छुपा नाम ब्लागर्स का भी था -इस ओवरसायिटी...ओह तो दबा छुपा नाम ब्लागर्स का भी था -इस ओवरसायिटी के लिए मुआफी<br />दरअसल आप जिस महानता की कोटि में आते हैं हम उसमें नहीं अ पाए हैं ,<br />हम छोटे कद के हैं इसलिए बात भी छोटी ही करते हैं ,जितनी व्यग्रता आपने इस<br />मामले मे दिखायी मुझे लगा आप कुछ ज्यादा के हकदार थे बस -मगर आप महानता का कोई मौका कहाँ छोड़ते हैं<br />और मुझे छोटा ,छोटी सोच का साबित करने का भी . इस धरती पर हमारे जैसे वन मानुषों से Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-71531744454792737762013-04-12T10:41:48.951+05:302013-04-12T10:41:48.951+05:30isko padhna hi nahi mahsoosna bhi hai.........
p...isko padhna hi nahi mahsoosna bhi hai.........<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-86418154718826814942013-04-12T10:14:58.371+05:302013-04-12T10:14:58.371+05:30कभी-कभी (क्या अक्सर ही) आप ऐसी बातें करते हैं जो ब...कभी-कभी (क्या अक्सर ही) आप ऐसी बातें करते हैं जो बहुत छोटी लगती हैं। इंसानियत और सहृदयता की बात के बीच ब्लॉगर्स के लिये धन्यवाद ज्ञापन की मांग करना वैसा ही है जैसे जाकिर अली रजनीश, ढेर <a href="http://www.chitthacharcha.blogspot.in/2013/04/blog-post_8.html" rel="nofollow">सारी चर्चाओं</a> के बावजूद, <a href="http://www.chitthacharcha.blogspot.in/2013/04/blog-post_11.html#comment-form" rel="अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-37004587864072778852013-04-12T10:04:48.437+05:302013-04-12T10:04:48.437+05:30सच में इंसानियत मौजूद है आज भी समाज में .... अनु ...सच में इंसानियत मौजूद है आज भी समाज में .... अनु जी का यह संस्मरण मर्मस्पर्शी , डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-70175055347775244222013-04-12T09:39:48.797+05:302013-04-12T09:39:48.797+05:30आम आदमी तो आज भी धर्म-जाति के बंधनों से ऊपर उठ जाए...आम आदमी तो आज भी धर्म-जाति के बंधनों से ऊपर उठ जाए पर ये जो सो काल्ड "क्रीमी लेयर" है न, ये उठने कहाँ देती है | अनु जी की पोस्ट कल पढ़ी थी | वो वाकई संस्मरण उस्ताद हैं | और साथ ही जो बात उन्होंने वृद्धों की देखभाल के लिए उठाये हैं, वो बहुत महत्वपूर्ण हैं |<br /><br />आपके हीरो बनने वाली बात भी धासूं ही है, बस ऐसा मौका भगवान दुबारा ना दे :) :) :)देवांशु निगमhttps://www.blogger.com/profile/16694228440801501650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-47405455241399814602013-04-12T09:30:59.192+05:302013-04-12T09:30:59.192+05:30मानवीय सरोकार की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की मुस्त...मानवीय सरोकार की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की मुस्तफा ने-<br />कभी कभी तो लगता है मानवता आज इन्ही छोटी जगहों और मुस्तफा सरीखे 'छोटे कद के ' लोगों में मौजूद रह गयी है -<br />आपका भी यह मानवीय सरोकार मैंने महसूस किया -<br />मैंने अनु सिंह चौधरी जी का संस्मरण भी देखा -मगर जैसा कि एक डेजा वू सरीखी मेरी<br />छठी हिस संकेत कर रही थी हिन्दी ब्लागर्स के लिए एक भी धन्यवाद का शब्द वहां नहीं था<br /Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com