tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post673410066556257994..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: चुनाव...जूता...कविता....यही तो असली ब्लॉग मौसम है.debashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-14908554151894750742009-04-11T16:27:00.000+05:302009-04-11T16:27:00.000+05:30धन्यवादधन्यवादअविरत यात्राhttps://www.blogger.com/profile/13912111028460390658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34958940706372103552009-04-10T18:35:00.000+05:302009-04-10T18:35:00.000+05:30kush mae guest list ki baat nahin kar rahee hun ma...kush mae guest list ki baat nahin kar rahee hun mae equal particpation in discussion ki baat kar rahee hunAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61191636161260284572009-04-10T18:20:00.000+05:302009-04-10T18:20:00.000+05:30वाकई सरस चर्चा रही।वाकई सरस चर्चा रही।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-41177900290371048472009-04-10T18:12:00.000+05:302009-04-10T18:12:00.000+05:30चर्चा उतनी ही जानदार है जितनी कल की एक लाइना थी.. ...चर्चा उतनी ही जानदार है जितनी कल की एक लाइना थी.. ज्ञान जी का कमेन्ट बिलकुल सही है.. मैं पूर्णतया सहमत हु उनसे..<BR/><BR/>गगन शर्मा जी ने भूल सुधार कर ही ली है तो फिर बात यही ख़त्म होती है..<BR/><BR/>चर्चा को टिप्पणियों ने ऑर दिलचस्प भी बनाया है..<BR/><BR/>@रचना जी से<BR/>क्या लिखू ये तो तब सोचूंगा जब जैसा आपने लिखा वैसा महसूस करूँगा.. <BR/>चर्चा पर इस ब्लॉग को लाने के लिए थैंक्स तो कह ही दू :)<कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-21356739014350283862009-04-10T16:37:00.000+05:302009-04-10T16:37:00.000+05:30आज की चर्चा की सरसता पर मोहित हूँ सच बधाई का ट्रक ...आज की चर्चा की सरसता पर मोहित हूँ <BR/>सच बधाई का ट्रक किस पते पे भेज दूं भाई साहबबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-6999234770249238312009-04-10T06:39:00.000+05:302009-04-10T06:39:00.000+05:30अच्छी रही चर्चा .अच्छी रही चर्चा .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-30891778915481697552009-04-10T00:25:00.000+05:302009-04-10T00:25:00.000+05:30"काने व्यक्ति को काना तो नहीं कहा जाता."या फिर कहा..."काने व्यक्ति को काना तो नहीं कहा जाता."<BR/><BR/>या फिर कहा जाता है?<BR/><BR/>आपने सही कहाँ काने को काना नहीं कहाँ जाता <BR/>ये अच्छी बात नहीं है <BR/>मगर जो दोनों आँख से देख सकता हो उसको काना कहना तो और भी बुरा है <BR/><BR/>venus kesariवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78997476211586042422009-04-09T23:49:00.000+05:302009-04-09T23:49:00.000+05:30"मुझे लगता है जिसे 'बयान' कहा जाता है..."मुझे लगता है जिसे 'बयान' कहा जाता है, वह ज्यादातर असलियत से दूर ही रहता है" <BR/>यह तो केवल नेताओं का बयाना होता है।<BR/>>आजकल लोग हर चर्चा में गुटबाज़ी देख रहे हैं...!!!!! या इलाही ये माजरा क्या है ?:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-27319043601253245592009-04-09T23:47:00.000+05:302009-04-09T23:47:00.000+05:30कवि मन ऐसा ही होता है. कितना कोमल, कितना सरल, कितन...<B>कवि मन ऐसा ही होता है. कितना कोमल, कितना सरल, कितना निश्छल....केवल कवि ही नहाकर देंह ही नहीं मन भी साफ़ कर सकता है.</B> इसीलिये कहा गया है -जहां न जाये रवि, वहां जाये कवि। रवि मन तक नहीं जा पाता कवि पहुंच जाता है।<BR/><BR/>चर्चा मजेदार है। टिप्पणियां उनमें मजा जोड़ रही हैं। मौजा ही मौजा।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-25331234940627476952009-04-09T23:30:00.000+05:302009-04-09T23:30:00.000+05:30चर्चा जायकेदार तो है ही ...चंद टिप्पणियों ने अलग स...चर्चा जायकेदार तो है ही ...चंद टिप्पणियों ने अलग से तड़का भी लगा दिया...<BR/>बहुत खूबगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-40283460747841028702009-04-09T23:14:00.000+05:302009-04-09T23:14:00.000+05:30mast mast charcha.mast mast charcha.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-52355632768530151972009-04-09T22:29:00.000+05:302009-04-09T22:29:00.000+05:30मस्त चर्चा है जी। आज मुझे ऐसा कुछ नहीं कहना है जिस...मस्त चर्चा है जी। आज मुझे ऐसा कुछ नहीं कहना है जिससे बात का बतंगड़ ्बनने की गुंजाइश हो। शुक्रिया।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-7165609263943460192009-04-09T22:19:00.000+05:302009-04-09T22:19:00.000+05:30विस्तृत चर्चा अच्छी लगी।विस्तृत चर्चा अच्छी लगी।Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-20721395065282745932009-04-09T21:37:00.000+05:302009-04-09T21:37:00.000+05:30चर्चा अच्छी रही.देख लीजिये हमको भी एक लाइन के लायक...चर्चा अच्छी रही.<BR/><BR/>देख लीजिये हमको भी एक लाइन के लायक नहीं समझा गया. अब हम भी झंडा उठाने जा रहा हूँ. रही बात आप किस लायक हैं तो चर्चा कीजिये दो चार साल फिर निर्णय लिया जायेगा.<BR/><BR/>-कौतुकAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-20644568469125528522009-04-09T21:00:00.001+05:302009-04-09T21:00:00.001+05:30महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की महत्...महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी योजना के बारे में जानकर अच्छा लगा । काश यह अमल में आये । <BR/><BR/>अमर जी का इंटरव्यू निश्चय ही लाजवाब है । <BR/>आपकी इस विस्तृत चर्चा के लिये धन्यवाद ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-31379826523887770282009-04-09T21:00:00.000+05:302009-04-09T21:00:00.000+05:30साभार: हिन्दी ब्लागिंग की देन "is blog par wahii c...साभार: हिन्दी ब्लागिंग की देन "<BR/>is blog par wahii chitr daaley jaatey haen jo profile mae haen agarr profile mae chitr nahin haen to nahin daala jayaegaa . chitr unkae daaley jaa rahey haen jinsae yaa to virodh ki koi umeed nahin haen , yaa jo bahut apnae haen yaa phir wo jo khushi sae apne chitr ko bigadvaana chahtey haen <BR/><BR/>aap ka yae kament daekh liya thaa par jwaab daenae ki Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-11913620797327378022009-04-09T20:54:00.000+05:302009-04-09T20:54:00.000+05:30क्या मैं तिबारा अंदर प्रवेश कर सकता हूँ ?टिप्पणियो...<I><BR/><BR/><BR/><BR/>क्या मैं तिबारा अंदर प्रवेश कर सकता हूँ ?<BR/>टिप्पणियों की सदस्यता लेने में ये ईच लफ़ड़ा है..<BR/>मेल बाक्स में रचना जी, अपने ऎतराज़ के साथ हाज़िर !<BR/><BR/>उनके ही ब्लाग से <A HREF="https://www.blogger.com/comment.g?blogID=7305407482909169710&postID=989149224459440344&isPopup=true" REL="nofollow">"अपनी एक टिप्पणी " </A> यहाँ रखना चर्चा असंगत तो नहीं ?<BR/>अभी यह इतना डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-28512704120605821522009-04-09T20:37:00.000+05:302009-04-09T20:37:00.000+05:30हर जगह जुता.. हर तरफ जुता.. फैंका एक लगा अनेक जगह....हर जगह जुता.. हर तरफ जुता.. फैंका एक लगा अनेक जगह... ब्लोगिग के लिये मुद्दों की कोई कमी नहीं..यह मौसम ब्लोग का है.. सही है..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56979942603950568382009-04-09T20:28:00.000+05:302009-04-09T20:28:00.000+05:30वाकई, जूतों का मौसम है--दो ने चुनाव से पहले खा लिए...वाकई, जूतों का मौसम है--<BR/>दो ने चुनाव से पहले खा लिए...<BR/>कई चुनाव के बाद खायेंगे...<BR/>लेकिन, बाज नहीं आयेंगे...<BR/>हर चुनाव में यूं ही फिर सर उठाएंगे.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-82677924060755978102009-04-09T20:12:00.000+05:302009-04-09T20:12:00.000+05:30टोस्ट विद टू होस्ट इस इंटरव्यू मे एक एहसास बहुत शि...टोस्ट विद टू होस्ट <BR/><BR/>इस इंटरव्यू मे एक एहसास बहुत शिद्दत से हुआ " its all a mans world in hindi blogging " शायद दोनों होस्ट से कुछ ज्यादा ही उम्मीद थी । लेकिन किसी भी महिला ब्लॉगर को विडियो कांफ्रेंसिंग पर ना लेना केवल और केवल इतेफाक मे शामिल नहीं करुँगी । <BR/><BR/>ये सही हैं की ब्लॉग लेखक /मालिक की इच्छा है की वो क्या और कैसे लिखे पर एक पाठक के अधिकार से मै अपनी बात कह सकती हूँ और वोAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-23723580136834724322009-04-09T19:47:00.000+05:302009-04-09T19:47:00.000+05:30इस मंच को एक नया आयाम देते हुये" डा. अमर कुमार जी ...<I><B><BR/>इस मंच को एक नया आयाम देते हुये<BR/><A HREF="http://sangeetapuri.blogspot.com/2009/04/blog-post_09.html" REL="nofollow">" डा. अमर कुमार जी जब... " </A><BR/>पर यहाँ मेरी टिप्पणी दर्ज़ की जाये, कि.. <BR/></B><BR/><BR/>" व्यंग्य और तंज़ मेरे लेखन के स्तंभ हैं, इनको घुसने से कैसे रोका जा सकता है ?<BR/>जिस किसी ने भी यह कोड बनाया है, उसे position: no-repeat fixed right bottom; का विकल्प डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-59782815890319702272009-04-09T19:42:00.000+05:302009-04-09T19:42:00.000+05:30क्या अपन एक लाईन के लायक भी नहीं हैं?नहीं, आप एक ल...<B>क्या अपन एक लाईन के लायक भी नहीं हैं?<BR/>नहीं, आप एक लाईन के लायक नहीं हैं।</B><BR/>-----<BR/>यही; यही चिठ्ठाचर्चाकार को महत्वपूर्ण बनाता है। असल में पहले - काफी पहले जब मैने चिठेरी प्रारम्भ की थी तो यह मंच बड़ा कौटुम्बिक था। और हम उसके बाहर की चीज हुआ करते थे। और मैं देखता था कि कई यूजलेस थेथर पोस्टें और ब्लॉगर घूम फिर कर चर्चित होते रहते थे। <BR/>और मैं सोचता था - टू हेल विथ दिस चिच।<BR/>आज Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-73008094717899317142009-04-09T19:29:00.000+05:302009-04-09T19:29:00.000+05:30बहुत विस्तृत चर्चा रही आज की. धन्यवाद.रामराम.बहुत विस्तृत चर्चा रही आज की. धन्यवाद.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-9893453220567046912009-04-09T19:14:00.000+05:302009-04-09T19:14:00.000+05:30वाह, क्या इत्तेफ़ाक है ? नित्य की तरह आज भी सुबह चर...<I><BR/>वाह, क्या इत्तेफ़ाक है ?<BR/> नित्य की तरह आज भी सुबह चर्चा को टटोला..<BR/>देखा कि बदमाश पिंकी खड़ी खड़ी जम्हुँआ रही है, दूसरी चर्चा आये और वह आर्काइव में जाकर आराम करे !<BR/>अभी क्लिनिक से आते ही देख रहा हूँ, गर्मागरम चर्चा पहले से तैयार ! थैंक यू जी, मेरा धन्यवाद लो, मेन्शन नाट शिवभाई !<BR/><BR/>कल यह टिप्पणी मैंने भी देखी थी.. पर ’ अलग सा ’ मान कर ख़ारिज़ की जा सकती है, सो ऎसा ही करने की डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-20351699256907326992009-04-09T19:01:00.000+05:302009-04-09T19:01:00.000+05:30शिव जी, आपने अर्थ उल्टा ले लिया। वो टिप्पणी मैंने ...शिव जी, <BR/>आपने अर्थ उल्टा ले लिया। वो टिप्पणी मैंने अपने उपर लिखी थी। बहुत बार हम अपनी रौ में लिखते चले जाते हैं। अपनी मनोदशा में लगता है कि बात सबकी समझ में आ ही जाएगी, पर कभी-कभी उल्टा हो जाता है। किसी की ऐसी आलोचना करने की तो मैं सोच भी नहीं सकता।<BR/>मन में किसी भी तरह का दुराव ना रखें।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.com