tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post8300519010766325822..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: प्रभु जी मोहे साहित्यकार कहौdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-85785809987634298282009-07-23T08:42:09.214+05:302009-07-23T08:42:09.214+05:30विवेक-स्टाइल वाली मस्त चर्चा !विवेक-स्टाइल वाली मस्त चर्चा !गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-10568851340947517202009-07-22T00:04:58.061+05:302009-07-22T00:04:58.061+05:30@ विवेक
अजी हम क्यों कहें की बढ़िया चर्चा हुई है ...@ विवेक <br />अजी हम क्यों कहें की बढ़िया चर्चा हुई है <br />हम आपको बिलकुल नहीं कहेंगे की बहुत बढ़िया चर्चा की है आपने :)<br /><br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-70471302382128028532009-07-21T23:25:47.553+05:302009-07-21T23:25:47.553+05:30धांसू चर्चा।धांसू चर्चा।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-35976547359849781912009-07-21T17:24:23.138+05:302009-07-21T17:24:23.138+05:30मस्त चर्चा..मस्त चर्चा..अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-35932702467642810112009-07-21T14:09:42.587+05:302009-07-21T14:09:42.587+05:30सुन्दर है! शूर्पणखा और चलते-चलते खासतौर पर! ठनने क...सुन्दर है! शूर्पणखा और चलते-चलते खासतौर पर! ठनने की कामना ताकि आल्हा लिखा जाये करना ठीक रहेगा क्या? :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-80098296252950703302009-07-21T11:47:46.370+05:302009-07-21T11:47:46.370+05:30प्रभु जी मोहे साहित्यकार कहौ,
मेरे शब्दन पै मत जाऔ...प्रभु जी मोहे साहित्यकार कहौ,<br />मेरे शब्दन पै मत जाऔ, इनकौ अर्थ गहौ ।। <br />वाह जी वाह.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-7747834390248014732009-07-21T10:47:53.559+05:302009-07-21T10:47:53.559+05:30यह प्रमाणित किया जाता है कि चर्चाकार साहित्य का सृ...यह प्रमाणित किया जाता है कि चर्चाकार साहित्य का सृजन कर रहा है और साहित्य ही रच रहा है.. :))<br /><br />मस्त चर्चा..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-25962810099817421982009-07-21T10:45:58.109+05:302009-07-21T10:45:58.109+05:30चाह नहीं मै सुर बाला के गहनों मे गुथा जाऊं
चाह हैं...<a href="http://mypoeticresponse.blogspot.com/2009/07/blog-post_21.html" rel="nofollow">चाह नहीं मै सुर बाला के गहनों मे गुथा जाऊं<br />चाह हैं बस इतनी साहित्यकार कहलाऊं </a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-11602804958963341932009-07-21T10:08:51.734+05:302009-07-21T10:08:51.734+05:30"सस्ता साहित्य होता है, अश्लील साहित्य होता ह..."सस्ता साहित्य होता है, अश्लील साहित्य होता है, और मस्तराम साहित्यकार हो सकते हैं तो क्या हम साहित्यकार नहीं हो सकते ? "<br />इब पच्चीस साल बाद ही पता चलेगा कि ब्लाग लेखन साहित्य है या ब्लागित्य:) तो...इन्तेज़ार कीजिए तब तक...<br />>लव-गुरू मटुकनाथ को चर्चा में स्थान देने के लिए धन्यवाद॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-23325635683832540832009-07-21T09:00:50.378+05:302009-07-21T09:00:50.378+05:30अब साहित्यकार बन ही गए हो तो फैलो साहित्यकारों को ...अब साहित्यकार बन ही गए हो तो फैलो साहित्यकारों को दो चार गालिया भी दे दो..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-11839309867062865342009-07-21T08:07:39.316+05:302009-07-21T08:07:39.316+05:30टंकी पै भी चढ़्यौ न फ़िर भी साहित्यकार भयौ ।
कौन कह...टंकी पै भी चढ़्यौ न फ़िर भी साहित्यकार भयौ ।<br /><br />कौन कहता है विवेक भाई अरे उस उत्सर्ग के बाद से ही तो आप चोटी (रखते है की नहीं ?) के चिट्ठा साहित्यकार जो आप पहले से ही थे स्वीकार भी कर लिए गए ! !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-29605558960113290982009-07-21T07:32:54.298+05:302009-07-21T07:32:54.298+05:30अच्छा लगा पढ़कर। मेरी शुभ कामना-
साहित्यकार के हृ...अच्छा लगा पढ़कर। मेरी शुभ कामना-<br /><br />साहित्यकार के हृदय में हरदम दर्द रहौं<br />प्रभुजी निश्चित साहित्यकार कहौं<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-60501549396031563982009-07-21T06:09:02.167+05:302009-07-21T06:09:02.167+05:30इस चर्चा की खूबसूरती शूर्पणखा और आपकी चलते चलते लि...इस चर्चा की खूबसूरती शूर्पणखा और आपकी चलते चलते लिखी गयी पंक्तियाँ हैं । <br />हम निश्चय ही आपके शब्दों के कूटार्थ समझते हैं, और केन्द्रित भी करते हैं अपना मानस वहीं पर । आभार इस सुन्दर चर्चा के लिये ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-36379325641937136472009-07-21T04:17:10.441+05:302009-07-21T04:17:10.441+05:30एक नन्हीं सी चाह और इतनी बढ़िया रचना-कुण्डलीनुमा..व...एक नन्हीं सी चाह और इतनी बढ़िया रचना-कुण्डलीनुमा..वाह!! क्या बात है! क्यूँ जाया की? :) बढ़िया चर्चा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com