अनुनाद सिंह की
सुभाषित-वर्षा में भीगते हुये अगर आपको कोई ऐसा दोस्त दिख जाये जो
क्विकस्टार की बात शुरु कर दे तो भागने में ही आपकी भलाई है। भले ही
आपको गुजरा जमाना याद हो लेकिन आप अपने ब्लाग का
जन्मदिन भूल सकते हैं। याद भी आये तो तब जब दूसरे लोग
केक काट चुके हों। लेकिन देर कहीं नहीं होती, जब जागो तब सबेरा। देर करने से
दंगा भी हो सकता है। इसलिये उचित यही है कि किसी
कमाल का इंतजार करने की बजाय
टिप्पणी धर्म निभाया जाये।
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