गुरुवार, सितंबर 01, 2005

बिपाशा का अपहरण

अगर इनके प्रशंसकों के दिल की धड़कन तेज़ हो गई हो तो हमे क्षमा करें। हमारा इशारा तो बस प्रकाश झा की नई फिल्म के प्रचार के लिये बने उनके ब्लॉग की ओर था।

2 टिप्‍पणियां:

  1. अब ये कौन तय करेगा कि ये वाली विपासाजी असली हैं या नकली? :: अनूप शुक्ल [09.02.05 - 1:13 am]

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  2. फिल्म वालों की ही साईट है इसलिये मान सकते हैं कि ब्लॉग तो असली है, बाकी "भूत लेखक" तो हर सेलिब्रिटी कार्य से जुड़े ही रहते हैं। जैसा मैंने एनडीटीवी की रपट में देखा तो हम जल्द ही प्रमोशन से जुड़े प्रकाश झा और अजय देवगन के भी ब्लॉग देखेंगे। :: देबाशीष []

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