बिहार में सत्ता परिवर्तन पर लोग मुखर हो उठे।
आशीष गर्ग ,
प्रिय रंजन झा तथा
प्रतीक ने इस पर अपने चिट्ठे लिखे।
आशीष गर्ग तथा
नितिन बागला ने बताया की वे फिल्में किस लिये देखते हैं। सन्यास योग के स्वामी आशीष श्रीवास्तव का दिल किसी कन्या ने
तोड़ दिया तो बांके बिहारी लाल सुपुत्र अतुल अरोरा कन्या को देख के
बोले वाऊ...अनुनाद सिंह कुछ
जानकारी दे रहे हैं नेट पर उपलब्ध हिंदी कड़ियों की। बधाई देते हुये शशि सिंह के सीएनबीसी द्वारा लिये
इन्टरव्यू की जानकारी लें तथा फुरसतिया की कवितायें फिर से पढ़ें
रचनाकार में।
बदला राज
कुछ नया होगा या
कोढ़ में खाज!
सिनेमा हम
काहे को देखते हैं
हमें का पता!
शशि देते हैं
साक्षात्कार चौकस
टनाटन है!
लड़की देखी
वाया बांकेबिहारी
क्या अदाये हैं!
शादी कर ले
फिर न जाने क्या हो
आशीष भाई!
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Posted by अनूप शुक्ला at 11/25/2005 12:36:00 AM
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