मंगलवार, फ़रवरी 28, 2006
कुछ चिट्ठे लाया हूँ
नोश फरमाइये गाज़ियाबाद के प्रदीप की प्रस्तुति जलेबी बर्गर, भाषा खिचड़ी है पर प्रदीप से उम्मीद है कि वे हिन्दी ब्लॉग में पूर्णतः अंग्रेज़ी पोस्ट करने से बाज़ आयेंगे। साथ ही सुनें लखनउ की पूनम मिश्र के फलसफ़े, विषय व्यक्तिगत हैं और हिज्जे कुछ गड़बड़ पर चिट्ठा है पठनीय।