शुक्रवार, दिसंबर 22, 2006

रूकावट के लिये खेद है!

कनाडा से माननीय समीर लाल जी का अनुरोध था कि उनकी पोस्ट भी शामिल कर ली जाये। साथ ही अपनी व्यस्तता भी चिठ्ठा चर्चा करने मे बाधक बन गयी। अतः कृपया शुक्रवार तक का इंतजार करें। गुरूवार को लिखे गये समस्त चिठ्ठे का समीर लाल जी की पोस्ट के फुल स्टाप तक यही हाजिर होगी अगर मिडिल आर्डर के बैट्समैन से अगर बच गई तो।

5 टिप्‍पणियां:

  1. कृपया मेरे अंतिम पोस्ट को भी अगली चर्चा में शामिल कर लें, जिसका जिक्र तरुण जी और अनूप भाई द्वारा की गई पिछली चर्चाओं में छूट गया था। संभवत: मेरी प्रविष्टियाँ चर्चाकारों की नजर में नहीं आ पाती हैं और मुझे अलग से उनका ध्यान आकर्षित करना पड़ता है। ऐसा संभवत: कुछ चिट्ठों की फीड की समस्या के कारण नारद की गति में आने वाले व्यवधान के कारण होता है, जिसको दूर करने के लिए जीतू भाई प्रयासरत हैं।

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  2. सृजन-शिल्पीजी आपकी प्रविष्टी को मध्यान्हचर्चा में शामिल किया गया था, इसलिए चर्चाकारों को नजर नहीं आती ऐसा कहना गलत होगा.
    अतुल भाई दो दिन और रूक जाएं मैं भी लिख रहा हूँ, उसे भी शामिल कर लेना. साथ ही मध्यान्हचर्चा भी नहीं की है ताकी आपके लिए खुब मसाला बचा रहे.

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  3. भैय्या मेरे जब रुकना है तो क्रिसमस तक भी रुक जाओ
    मेरे हिस्से की भी चर्चा आकर के उस दिन कर जाओ
    हां हम सब अब उलझ गये हैं बड़ी व्यस्तता बरस अंत की
    संजय जी आ दोपहरी में आ हम सब को मुक्ति दिलाओ :-)

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  4. सृजन शिल्पी जी क्या आप ड्राफ्ट लिखकर पहले सेव कर लेते हैं फिर बाद में पब्लिश करते हैं अगर हाँ तभी आप की पोस्ट बाद में आकर पहले से ही लिस्टेड पोस्ट के बीच में बैठ जाती है। अगर ऐसा नही करते तो नारद में कुछ प्रोब्लम है, मैने आपकी पोस्ट चिट्ठागिरी करने के बाद देखी अन्यथा भले ही हमसे छूट जाये सर्किट से नही छुट सकती थी।

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  5. तरुण जी, मैं तो लिखने के बाद सीधे प्रकाशित कर देता हूँ प्रविष्टि को, ड्राफ्ट को सेव करने के बाद नहीं। समस्या नारद की गति में व्यवधान आने की है जिसके लिए दूसरे चिट्ठाकारों के चिट्ठों की फीड संबंधी गड़बड़ी जिम्मेदार है। जीतू भाई ने इस समस्या के कारणों पर प्रकाश डाला है और उसे दूर करने के प्रयास भी किए हैं। मेरी प्रविष्टि के फँसने की वजह यह है कि मेरा चिट्ठा 'एस'से शुरू होता है, जहाँ नारद आखिरी चक्र में पहुँच पाता है।

    संजय जी, मैं मध्याह्न चर्चा पहले देख नहीं पाया था। आपने मेरी प्रविष्टि को चर्चा में शामिल किया, इसके लिए धन्यवाद।

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