गुरुवार, जुलाई 17, 2008

निरंतर का नया अंक प्रकाशित

निरंतर
निरंतर


आज की खास खबर यह है कि निरंतर का ११ वां प्रकाशित हुआ। कभी यह महीने में एक बार प्रकाशित होती थी। साथियों की व्यस्तताओं के चलते इसका प्रकाशन बंद हुआ लेकिन अपने 'निरंतर' नाम को सार्थक करते हुये यह फ़िर से प्रकाशित हुयी।

आप इसे देखिये। इसके सारे लेख बहुत मेहनत से लिखे गये हैं। एक ब्लाग पोस्ट लिखने और एक पत्रिका के लिये लेख लिखने में आपको अंतर समझ में आयेगा।

साथियों का योगदान तो है ही लेकिन यह देबाशीष का निरंतर से लगाव और इसे प्रकाशित करने की जिद ही है जो बीमारी के बावजूद वे इसे निकाल पाये।

5 टिप्‍पणियां:

  1. टिप्पणी फ़ुरसतिया झपट ले गये हैं,
    कृपया वहाँ देखें ।

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  2. आज सुबह-सुबह निरंतर का लिंक एक ईमेल में आया था. सुबह से वही देख रहे हैं.

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  3. निरंतर के नये अंक को देखकर बहुत खुशी हुई. ऐसे ही यह निरंतर प्रकाशित होती रहे, यही शुभकामनाऐं हैं.

    आपके द्वारा की गई चिट्ठाचर्चा से नित नई जानकारी मिल जाती है, अच्छा लगता है, अतः इसकी निरंतरता आप बनाये रखें. बहुत शुभकामनाऐँ. :)

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  4. देबाशीष बीमार हैं/थे? हमें पता न था। उनके स्वास्थ्य के लिये कामना करता हूं।
    वे निश्चय ही विलक्षण और सुलझे व्यक्ति हैं। हमारा सम्पर्क नहीं है, बस।

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