शनिवार, अक्टूबर 25, 2008

आज की चर्चा ताऊ के साथ

टीवी पर आकर समीर जी फूले नहीं समाते ।
पाठक भी पढ पोस्ट अधूरी टिप्पणियाँ बरसाते ॥

सिर्फ़ बमों से नहीं मरे कुछ मेट्रो ने भी मारे ।
व्यंग्य वाण क्यों सहें अकेले गृहमन्त्री बेचारे ॥

सुख दुख के दो रंग आज रंजना सिंह दिखलाएं ।
नयन नीर हर्षित मन दोनों ही अच्छी कविताएं ॥

पुसादकर जी समझ न पाए भेद न्यूज चैनल का ।
टीवी पर भी पढा जा रहा सिर्फ सामना कल का ॥

हिन्दू भाई जरा ध्यान दें लेख पढें यह पूरा ।
आज तरुण ने अनूप शुक्ला को शंका से घूरा ॥

बच्चों की कविता पढिए जो दिल में जोश जगाती ।
मन मे मेरे प्यार जगाती दुनिया खूब है भाती ॥

करते फिरें जुगाड वित्त का मारकेट के मारे ।
निवेशकों को दीख रहे है अब दिन में भी तारे ॥

जिमीकंद की पकौडियाँ जो कोई चाहे खाना ।
स्वयं बनाकर खाएं लेकिन सीखें यहाँ बनाना ॥

बीस रुपये का एक पटाखा धीरू सिंह चलाएं ।
बाजूबंद भी खुल खुल जाए इतनी तेज हवाएँ ॥

आज समय थोडा कम है हम बंद करें यह फाइल ।
आप पढें यह ताऊ जी का इंट्रेस्टिंग प्रोफाइल ॥

ताऊ रामपुरिया का प्रोफाइल :

ताऊ अपने बारे में :
अब अपने बारे में क्या कहूँ ? मूल रुप से हरियाणा का रहने वाला हूँ ! लेखन मेरा पेशा नही है ! थोडा बहुत गाँव की भाषा में सोच लेता हूँ , कुछ पुरानी और वर्त्तमान घटनाओं को अपने आतंरिक सोच की भाषा हरयाणवी में लिखने की कोशीश करता हूँ ! वैसे जिंदगी को हल्के फुल्के अंदाज मे लेने वालों से अच्छी पटती है गम तो यो ही बहुत हैं हंसो और हंसाओं , यही अपना ध्येय वाक्य है हमारे यहाँ एक पान की दूकान पर तख्ती टंगी है , जिसे हम रोज देखते हैं ! उस पर लिखा है : कृपया यहाँ ज्ञान ना बांटे , यहाँ सभी ज्ञानी हैं ! बस इसे पढ़ कर हमें अपनी औकात याद आ जाती है ! और हम अपने पायजामे में ही रहते हैं ! एवं किसी को भी हमारा अमूल्य ज्ञान प्रदान नही करते हैं ! ब्लागिंग का मेरा उद्देश्य चंद उन जिंदा दिल लोगों से संवाद का एक तरीका है जिनकी याद मात्र से रोम रोम खुशी से भर जाता है ! और ऐसे लोगो की उपस्थिति मुझे ऐसी लगती है जैसे ईश्वर ही मेरे पास चल कर आ गया हो ! आप यहाँ आए , मेरे बारे में जानकारी ली ! इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ !

ताऊ के शौक :
अपना प्रथम शौक है शरीफो और नेक लोगो को बिगाडना ! क्योंकी हम खुद पैदाइशी बिगडे हुये हैं और हमारे मास्साब और वालदेन भी हमको सुधारते सुधारते खुद सुधर चुके हैं ! और अब हमारे सुधरने की कोई उम्मीद नही बची है ! इस लिये अपनी जात बिरादरी मे बढोतरी के लिये इसको अपना मुख्य शौक बना लिया है ! और अगर आप इस गलत फहमी मे हो कि शरीफ बनने मे कुछ फायदा है तो आपको बडी गलत सलत सलाह दी गई है ! अपनी गलती सुधारे और अगर कुछ अडचन आ रही हो तो हमारी सलाह ले सकते हैं ! दुसरा शौक है-- जिन्दगी को हलके फुलके लेना आजादी पूर्व के डाक टिकट संग्रह का पुराना शौक अपने जीवन के आस पास की घटनाओं का चित्रण करना और मजे में रहना ! अपने जैसा कोई मिल गया तो ठीक नही तो अकेले रहने में भी मस्ती रहती है ! फोकट टेंसन लेने में विश्वास नही है !


पसंदीदा फिल्में :
अपनी जिंदगी की मूवी ही पसंद नही आयी तो दुसरे की क्या आयेगी ? अगर पसंद ही बताना जरुरी हो तो अब तक की पसंद मेरी अपनी गुजरी जिंदगी की मूवी ही है ! इसमे एक सफल फिल्म के सारे दृश्यों को मैने देखा है ! इससे बडी फिल्म कोइ बना भी नही सकता ! क्योंकी ये फिल्म सीधी उपर वाले की निर्देशित की हुयी है ! आपको देखना हो तो बंदे को याद कर लेना ! इस फिल्म को देखने के लिये एक सॉफ्टवेयर और DVD-PLAYER की जरुरत लगती है ! आपके पास हो तो ठीक है वर्ना आपके आग्रह पर हम यह निशुल्क उबलब्ध करवा देंगे ! इस फिल्म मे कोइ भी सीन रिपीट नही होता बल्कि एकता कपूर स्टाईल मे चलती ही रहती है ! अब भला इसके सामने ढाई घंटे की फिल्म क्या लगेगी ?

पसंदीदा संगीत :
सब तरह का पसंद है सरसरी तौर पर सूफी संगीत और हरयानवी लोक संगीत खास पसंद है पर कभी कभी ना जाने क्या हो जाता है कि एक पता पेड से गिरने मे जो सरसराहट सुनाई देती है उसमे भी अपार संगीत सुनाई दे जाता है !


पसंदीदा किताबें :

कोष्ठक में : १. आपने अगर यह प्रोफाइल पढने से पहले ताऊ जी की अनुमति नहीं ली है तो हर्ज़े खर्चे के जिम्मेदार स्वयं होंगे . चिट्ठा चर्चा का इसमें कोई दायित्व न होगा .
. कृपया अपने-अपने सार्वजनिक प्रोफाइल को सुधार लें । चिट्ठा चर्चा का छापा कभी भी किसी भी प्रोफाइल पर पड सकता है ।

18 टिप्‍पणियां:

  1. आपने अगर यह प्रोफाइल पढने से पहले ताऊ जी की अनुमति नहीं ली है तो हर्ज़े खर्चे के जिम्मेदार स्वयं होंगे . चिट्ठा चर्चा का इसमें कोई दायित्व न होगा .

    'ha ha ha ha to ye note subse upper lgana tha na sir, ab to pdh liya ab kya??? ab to kercha or hejana dono 50-50 ha ha "

    Regards

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  2. वि‍वेक जी, आप अपनी काव्‍यात्‍मक चर्चा बखूबी नि‍भा रहे हैं और पढ़कर बहुत आनंद आ रहा है।
    ताऊ जी की प्रोफाइल एक पोस्‍ट से कम नहीं है, और मजेदार इतना कि‍ बस क्‍या कहूँ। दो बातें मस्‍त लगीं-
    -ब्लागिंग का मेरा उद्देश्य चंद उन जिंदा दिल लोगों से संवाद का एक तरीका है जिनकी याद मात्र से रोम रोम खुशी से भर जाता है !

    -कि एक पता पेड से गिरने मे जो सरसराहट सुनाई देती है उसमे भी अपार संगीत सुनाई दे जाता है !

    मग्‍गा बाबा के नाम में जैसी भी हास्‍य-व्‍यंजकता हो, सच तो ये है कि‍ कोई ऐसी सोच वाला व्‍यक्‍ति‍ ही राग-वैराग की दूरि‍यॉं नाप सकता है, गॉंव से लेकर अर्थ-व्‍यवस्‍था पर चर्चा कर सकता है, भैंस और लट्ठ के साथ चलते हुए अपने काँरवे में सबको शामि‍ल कर सकता है, अपनी देशज हरि‍याणवी शैली की भाषाई चहारदीवारी को धाराशायी करके सभी भाषा-भाषि‍यों के दि‍ल में उतर सकता है। अब इतना ही कहूँ वर्ना ताऊ नाराज हो जाऍंगे कि‍ मेरे बारे में गलत-सलत क्‍या बातें फैला रहा हूँ।
    ( ये बातें लेखक की लेखनी पढ़कर अनुभूत की गई है और इसके हर्ज़े खर्चे की जिम्मेदारी मेरी रहेगी।)

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  3. आजकी चर्चा का जवाब नहीं।

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  4. मज़ा आगया, ताऊ चर्चा के लिए धन्यवाद विवेक जी !

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  5. मजेदार रही चर्चा और जितेन्द्रजी के हर्जे खर्चे में मैं contribute करने को तैयार हूँ.

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  6. मजेदार। लपेटे में ताऊ।
    वैसे मुझे ताऊ बहुत संजीदा मनई लगते हैं। बाकी प्रोफाइल पाठक जाने!

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  7. ओए ताऊ, तैंने तो बढ़िया चर्चा कर दित्ता. दील खुस कर दित्ता. बल्ले बल्ले.

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  8. ताऊ और आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं !

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  9. आजकी चिटठा चर्चा भी मजेदार रही उसमे भी ताऊ की प्रोफाइल |
    आपको व ताऊ को दिवाली की शुभकामनायें

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  10. बहुत खूब रही चिट्ठाचर्चा. विवेक जी का ब्लॉगर प्रोफाइल शामिल करने का प्रयोग बहुत शानदार रहा.
    ताऊ जी तो बहुत-बहुत अच्छे हैं.

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  11. वाह ताऊ की ताऊगिरी पढ के मजा आ गया

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  12. वाह.. ताऊ का जवाब नहीं ! लेकिन...

    ताऊ औ' लट्ठ दोनों पड़े, काको लैं ताई उठाय
    बलिहारी लट्ठजी आपनो, ताऊ दियो सुधियाय

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  13. भाई विवेक जी अपन तो टिपियाते नहीं यहाँ पर क्या करें ताऊ का मामला है
    कई ताऊ(म्र) ताऊ को समझने की कोशिश करेंगे न समझ पाएंगे जब ख़ुद .....ताआआआअ ऊऊऊऊऊऊउ
    खैर भैंस सम्हालना कोई ब्लागरी नहीं जो आए लिखे इधर उधर ताँके झांके तिपिकियां लगाए और (म)चल पड़े अपने को कम टिप्पणी देख ..... और फ़िर सबके बीन से भैस नाचतीं भी नहीं जो .....

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  14. अरे वाह, इब तो म्हारा ताऊ भी फेमस हो गया! घणी बधाई!

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  15. कविता में चर्चा करे वाह भाई वाह विवेक ,
    छा गए भैया छा गए भैया वाह भाई वाह विवेक

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  16. ओए, ताऊ यहाँ भी..ये तो पूरा बायोडाटा लेकर आ गये. अब किसी की खैर नहीं.

    हमारा प्रणाम स्वीकार करो, ताऊ.

    बेहतरीन काव्यात्मक चर्चा.

    आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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