सोमवार, अगस्त 17, 2009

नहले पर दहला और वाट से मेगावाट


कबाड़खाना
दो दिन पहिले स्वतंत्रता दिवस पर झंडा पहिरा के लोग मस्त हो गये। पानी भी झमाझम बरस गया सो पोस्टें भी दनादन हुईं। हमई कुछ पिछड़ गये नोट करने में काहे से कम्प्यूटर कुछ गड़बड़ा गया था। सो भूलचूक लेनी देनी के अनुसार चर्चा पेशे खिदमत है।

कबाड़खाना जो लोग नहीं पढ़ते हैं वो माने भले न लेकिन हमारी सलाह है कि वो चाहे तीन ब्लाग कम बांचे लेकिन कबाड़खाना जरूर देखें। भौब्बड़िया मसाला मिलता हैं यहां फ़्री फ़ंड में।

कल अशोक पाण्डे ने फ़्रांज काफ़्का के किस्से सुनाये थे आज प्राग में भूतों के किस्से सुना रहे हैं। पढ़िये! अच्छा लगेगा। मजा न आये तो लौट के आइयेगा यहां टिपिया दीजियेगा। हम देख लेंगे।(ऊपर का फ़ोटॊ भी कबाड़खाने से लिया है उधार नहीं जी साभार )

ब्लाग जगत में नहले पर दहला मारने की झकास परम्परा है। ऐसे-ऐसे आइटम हैं जो अपना कुंजीपटल ठोंक के कहते हैं कि भगवान ने जब उनको बनाया तो मारे प्रेम के उनका गलती करने वाला आइटम निकाल के अपने पास धल्लिया। अब वो चाहें भी तो गलती नहीं कर सकते।

आप हंसिये तो मती हमारी बात पर। हंसने के लिये अलबेला जी के चुटकुले पढिये और अपना सर पीटते हुये हंसिये चाहिये रोइये बात बराबर होगी लेकिन हम जो बात कह रहे हैं वो एकदम सच्ची है चाहे हिलेरी क्लिंटन से पूछ लीजिये। आप प्रमाण चाहते हैं तो एक मिल गया इधरिच देख लीजिये।

कुसुम ठाकुर जी ने एक मंत्र लिखा अपने ब्लाग पर। कविताजी ने अनुरोध किया: बुरा न मानें तो,
निवेदन है कि कृपया मन्त्रों को सही व शुद्ध टंकित कर दें। कई चूकें हैं। SORRY


लेकिन वहां पता चला कि गड़बड़ी भगवानै ने करी है कि उनको ऐसा बनाया कि वे गड़बड़ी कर ही नहीं सकते। भौत लोग आ गये वहां पर गधे, घोड़े, अवध वाले मिथिला वाले लेकिन मामला न निपटा!

अब बताओ भैया कौन समझावै ज्ञानी जन को जो कहते हैं मिथिला की बिना पढ़ी लिखी महिला से भी चुनौती मत करियेगा

संगीताजी की शिकायत है प्रवीण जाखड जी ... मेरी ही प्रतिष्‍ठा का जनाजा निकालना था आपको !! इस पर विवेक ने प्रस्ताव रखा है:
वैसे सब लोग मिलकर ब्लॉगिंग की वाट लगायें तो वाट वाट से मिलकर मेगावाट बन सकते हैं,
और देश में बिजली की किल्लत को देखते हुए यह कोई मँहगा सौदा नहीं होगा :)

लोग स्माइली के साथ दिये गये प्रस्ताव को हंसी में उड़ा देते हैं इसलिये हमें लगता है कि विवेक का प्रस्ताव ऐसे ही रहेगा और वाट ही लगती रहेगी। मेगावाट न बनेगी।

वो क्या है कि लोग अपने काम को छोड़कर बाकी काम में एक्स्पर्ट होते जा रहे हैं। प्रतिभा तो कहना ठीक नहीं होगा लेकिन क्षमताओं का वज्रगुणन हो रहा है! अब देखिये विवेक का काम है आईओसी की नौकरी बजाने का वो घास घोदने पर विशेषता हासिल कल्लिये। लला पूछत हैं- घास खोदना विज्ञान है अथवा कला ?! समीरलाल का काम है आर्थिक गतिविधियों का सो वो विल्स कार्ड से निपटा रहे हैं। जिन्दगी तक को पजल बता रहे हैं। रेल के एक्स्पर्ट मौसम और अंग्रेजी के बारे में बतिया रहे हैं। अब केवल ब्लाग पढ़ने/लिखने वाली पूजा बुक मार्क वाले पन्ने दिखा रही हैं:जब बिल्कुल छोटी थी तो ग्रुप डांस में अक्सर लाइन में सबसे आगे लगती थी...सब कहते हैं बचपन में मैं काफ़ी क्यूट हुआ करती थी...

बड़ी विकट सजा है जी क्यूटनेस की। सबको पता चल जाये तो क्यूट होने से घबराने लगें।

एक गांव की गोबर गैस परियोजना की जानकारी दे रहे हैं बालसुब्रमण्यमजी! लीजियेगा? ले लीजिये बढ़िया जानकारी है!

अर्चना तिवारी कविता लिखती हैं:
नई नवेली तू अजब वसुंधरा है
तेरे रूप में सौंदर्य बिखरा पड़ा है


प्रेम फ़र्रुखाबादी फ़रमाते हैं:
कोई पी रहा दोस्तों में कोई पी रहा अकेले में
ढूँढ रहा हर कोई साथी दुनिया के इस मेले में।
एक न एक दिन सकूं उसे जरूर मिल जाएगा
पर उसे सकूं नहीं मिलता दुनिया के झमेले में।


अमिताभ बच्चन की आवाज में मधुशाला सुननी है- इधर आइये!

नये चिट्ठाकार


चिट्ठाजगत के अनुसार जो चिट्ठे ब्लागजगत से जुड़े। वे हैं:
  1. तुझसे बांटे वो सारे फलसफे
    मेरे जीने का सबब हे अब तक .. ए पंखुरी पपीहा
    गोरखपुर अभी केवल परिचय हुआ है!

  2. नवगछिया भागलपुर समाचार में भागलपुर जिले की गतिविधियां हैं। डीएम और एसपी की फ़ोटो भी है जी।

  3. बकवास रिपोर्ट का सरोकार दिल से है। यही बताया है ब्लागर ने। मानना पड़ेगा।

  4. लेता रहूँगा मै जनम,
    बस तेरा ही कर्ज चुकाने के लिए
    जो करता रहे तू करिश्मा,
    मेरे महबूब को हँसाने के लिए निधि सिंह बघेल

  5. बिहार प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच उमर नहीं बताई किसी की कित्ते युवा हैं सब पदाधिकारी!

  6. ए पंखुरी पपीहा में कवितायें हैं, कहानियां हैं और शब्दों की सखी का परिचय भी।

  7. अपनी बात में हिन्दीतर भाषी विश्वजीत का ब्लॉग उन सभी हिन्दीतर (गैर हिन्दी भाषी) लोगों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी मातृभाषा हिन्दी न होते हुए भी हिन्दी को न केवल प्रेम से अपनाया वरन दूसरों को भी हिन्दी सीखने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया!

  8. तुम मेरे हो
    मैं तुम्‍हारी
    बस कहने भर के लिए ही ना
    कब तुम
    संपूर्ण मेरे होओगे
    और कब मैं तुम्‍हारी
    ममता

  9. कवितायें निधि सिंह बघेल की जो कि सिम्पल बट चार्मिंग, इंटेलीजेन्ट एन्ड कैरियर ओरिन्डेट गर्ल हैं!

  10. मंत्रमुग्‍धा ममता के मन के भाव कविताओं में हैं।

  11. वैचारिकी में बनारस से रजनीश शुक्ला योग और सन्यास की बाते कर रहे हैं!

  12. तुम्‍हारी खोज में : और तुम कभी न मिले अरे नाम तो बताओ भैया शायद मुलाकात हो जाये

  13. वो शशि सी शीतल लगती थी
    मैं चकोर सा उनको ताकता था

    कुछ कहते-कहते थीं सो गयी वो
    सिरहाने मैं उनके बैठा था
    शशि’सागर’

  14. वेदान्त जीवन जीने का विचार है क्या?

  15. सागर किनारे लेकर आये हैं बेगूसराय और दिल्ली के रहवैया शशि जिन्हॊने अपना उपनाम ही ’सागर’ रख लिया है।

  16. उन्मुक्ताकाश में विचरण करते हैं गंजबासौदा, मध्य प्रदेश के रामकुमार अंकुश! मंटो के बारे में कृशन चंदर का संस्मरण देखिये!

  17. भूपेश का ब्लाग तो सन २००७ से है लेकिन लेख कुल जमा नौ हैं! अब शायद नियमित लिखें!

  18. All Rajasthan State Gov. Employees Federation की शुरुआत ही त्यागपत्र से है। आईला!

  19. अल्फ़ाज़ में ब्लाग खुलते ही गाना बजता है। ब्लागर फ़ौजिया रियाज रेडियो जाकी हैं!

एक लाईना


  1. प्रवीण जाखड जी ... मेरी ही प्रतिष्‍ठा का जनाजा निकालना था आपको !! :और किसी के पास हैऐ नहीं

  2. अपशब्दों की दुनिया में जेहन का फौरी रिएक्शन और कुछ ........ ? :चुटुर-पुटुर

  3. तेरे इंतज़ार का ये कमाल हुआ है :धोती जिसे समझा था घटकर रूमाल हुआ

  4. जिन्दगी एक पज़ल: विल्स कार्ड भाग ५ :पजल के बहाने गजल सुनाने कब बाज आओगे जी!

  5. कहीं जारी बहस ,कहीं पर द्वंद , आप तो पढिये , चर्चा के ये छंद :इसके बाद मुस्कराइये मंद-मंद

  6. मेरी पचासवीं पोस्ट : ये तो पढ़ ली अगली लाओ यार

  7. मेरा बनवास :झकास

  8. अलविदा मत कहा करो :बाय,बाय, सीयू, टेक केयर के जमाने में

  9. तू क्यों इतनी देर से मुझसे मिला: बताने में शरम आती है तो बाद में बता देना

  10. क्यूँ तुम मंद-मंद हसती हों: थोड़ा फ़ास्ट हंसो यार

  11. घास खोदना विज्ञान है अथवा कला ? : साईं ब्लाग पर हो तो विज्ञान स्वप्नलोक पर हो तो कला

  12. शब्दों की दुनिया सजती है अलबेले फनकारों से. :ठेली है गजल फ़िर नई गौतम से कह दो चांद सितारों से

  13. प्राग के भूतों के कुछ क़िस्से :कबाड़खाने में डाल दिये कबाड़ी गुरू ने

  14. वो शरमा कर तुम्हारा मुंह छुपाना याद आता है : आपको भी शरम आने लगी वाह!

  15. जब कश्ती लेकर उतरोगे : तब अधर छूने का जुगाड़ बनेगा

  16. मम्मी का आईडिया: बिन्दास है हमेशा की तरह

  17. शादी ब्याह में होने वाले झगडे टंटे, बेबात के बात और असवारी में बैठी दुलहन : सबका जुगाड़ है पंचम जी के पास

  18. अत्यधिक ब्लोगिन्ग के खतरे--कम्प्यूटर-विज़न सिन्ड्रोम.. :से बचने के लिये ब्लाग लिखते समय बोलें=- हरि ओम, हरि ओम!

  19. कालेज छोड़ने लगे एनआरआई कोटा :ससुरे में कहीं स्वाइन फ़्लू न हो

  20. हिंदी ब्लोग्स की अलेक्सा ट्राफिक रेंक क्यों नहीं बढती ? : रैंकिग को उठापटकै से फ़ुरसत नहीं है जी!

  21. हिंदी ब्लॉग जगत को आगे आने के लिए संकुचित मानसिकता और सस्ती लोकप्रियता छोड़नी होगी : आगे आने के लिये अपनी कोर कम्पीटेंसी छोड़ना कित्ता मुश्किल काम है जी

  22. सलामत रहे अदब-ऐ-सलाम:अरे आप कह रहे हैं कईसे नहीं रहेगा! नखरे करेगा तो हम देख लेंगे

  23. आज़ादी के मायने: बता रहे हैं आजादी के बाद

  24. मार्क्स अंकल मर गए हैं मम्मी?: मार्क्स आंटी किधर हैं?

  25. मना मत करो?? :वर्ना शास्त्रीजी लेक्चर झाड़ देंगे

  26. बंगाल से आईएएस अफसरों का पलायन: ब्लागस्पाट पर दिखे

  27. भैया हम वोट क्यों देते हैं?:और कुछ देने लायक भी तो नहीं हैं

  28. बाबा रामदेव ने सम्भावना सेठ और कश्मीरा शाह की बोलती बंद की : और वे हंसने लगे

  29. लेखकों की नैतिकता : की बात करने से क्या फ़ायदा?

  30. प्रधानमंत्री ने कहा- न्यायप्रणाली का मुख्य ध्यान हर एक प्रतीक्षारत न्यायार्थी का प्रत्येक आँसू पोंछने पर केन्द्रित हो: रूमाल बेचने वालों की बांछे खिलीं

  31. लुटते हुए देश को बचाओ साथियो !:लूटने वालों से गठजोड़ का क्या होगा भाइयों?

  32. " देश स्वतंत्र, और नारी" ??: नारी देश की स्वतंत्रता से ही गुजारा करे

  33. फिर जिन्ना पर आया प्यार:्यहां भी घुस गया! जिन्ना बड़ा जुगाड़ वाला है यार

  34. सर फ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है:धरे रहो जनवरी में काम आयेगी

  35. सदी का सबसे बड़ा आदमी:कोई ब्लागर ही होगा यार


और अंत में

कल रात को ही चर्चा शुरू किये थे। सोचे थे राजा बेटा की तरह रातै को चढ़ा देंगे पोस्ट! लेकिन विधि को कुछ और ही मंजूर था। नये चिट्ठाकारों के बारे में लिखने के बाद मानीटर ने घूंघट काढ़ लिया और फ़िर अंधेरे में चला गया। रतौंधी हो गयी। सबेरे तक रोशनी न आई। अब बताओ जब ऐसे -ऐसे व्यवधान आयेंगे तब चर्चा कैसे निबाहेंगे।

खैर देख कर बाधा विविध बहु विघ्न घबराते नहीं गाते हुये दोहराते हुये यह चर्चा अब केवल बारह घंटा देरी से आपके सामने पेश की जा रही है। पढिये मौज करिये। हफ़्ते का पहला दिन है, मुस्कराते हुये शुरू होइये जी। ठीक है न!

19 टिप्‍पणियां:

  1. "लोग स्माइली के साथ दिये गये प्रस्ताव को हंसी में उड़ा देते हैं ..."

    अरे साहब! बडी़ ताकत होती है स्माइली में। आपने वो पुराना गाना सुना ही होगा-

    पहले तो हो गई नमस्ते-नमस्ते...फिर प्यार हो गया हस्ते-हस्ते:)
    सम्भव है वाट वात में मेगावाट नहीं तो किलोवाट तो हो ही जाय:)

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  2. fursatiya ji ki jay ho...koi bhi vyavadhan aapko charcha karne ke rok nahin sakta...aur ek ham log hain, jara mara bahana mila nhin ki blog likhne se bhi alsiya jaate hain...

    aapse seekhne padega...aise suhavane mausam me kaise itna mehnat kar lete hain hamse to chadar taan ke sone ke alawa kuch hota hi nahin :)

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  3. नये ब्लॉग्स की चर्चा ठीक है । चर्चा अच्छी लगी । आभार ।

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  4. अर्चना तिवारी जी और प्रेम फ़र्रुखाबादी दोनों ने ही ओए-होए कविताएं लिख डाली हैं .

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  5. अच्छी लगी चर्चा.. नए चिट्ठाकारों का फिर स्वागत..:)

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  6. नए ब्लोगर्स की चर्चा अच्छी शुरुआत है |
    एक लाइना हमेशा की तरह मजेदार हैं |
    चर्चा जायकेदार है |

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  7. बहुत अच्छी चर्चा है जी, वह भी मानीटर की गड़बड़ और नोट करने से रह जाने पर। मानीटर गड़बड़ न करे और कोई और व्यवधान न आए तब तो आप गजब ई करते होंगे जी।

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  8. चर्चा सँज्ञान में ली गयी, लिंकावलोकनोपराँत
    आख्या दिये जाने पर विचार करना सँभव होगा ।

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  9. चलिए साहब...
    जिनका नाम चिट्ठा चर्चा में आया,
    उन सबको बधाई।

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  10. वाह खुलजा सिमसिम जैसा खजाना मिल गया...हम सभी लूटते रहेंगे यहाँ से

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  11. चर्चा की हाइलाइट अमिताभ के स्वर में मधुशाला, हम तो शुरु से अमिताभ की आवाह के रसिया, पहले भी सुने हैं सहेजे हैं एक बार और सुन कर अच्छा लगा

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  12. नये चिट्ठाकारों के बारे में लिखने के बाद मानीटर ने घूंघट काढ़ लिया और फ़िर अंधेरे में चला गया। रतौंधी हो गयी


    jai ho, jai ho
    :):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)

    शुद्ध खालिस मुस्कराहट है विशवास न हो तो पेराई करवा कर देख लीजिये है एक किलो पर २५० ग्रां शुद्ध खुशियाँ निकलेंगी :):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):):)
    वीनस केसरी

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  13. "मना मत करो?? :वर्ना शास्त्रीजी लेक्चर झाड़ देंगे"

    नही!!

    "मना मत करो?? :वर्ना शास्त्रीजी सबके सामने उतार देंगे!!!"

    नये चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करके आप एक बहुत बडा काम कर रहे हैं. प्रशंसा एक बहुत बडा टानिक (वाजीकारक) है, उदारता से देते रहें!!

    सस्नेह -- शास्त्री

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
    http://www.Sarathi.info

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  14. आज की व यह चर्चा दोनों अब देखीं। खूब मेहनत का पसीना टपक रहा लगता है। बिजली न होने के बावज़ूद आपने फ़ोर्मेट में नए बदलाव कर डाले। बढ़िया हैं।
    आगन्तुकों को बधाइयाँ पहुँचें।

    लिंक्स हेतु धन्यवाद।

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  15. तो आज हम भी विख्यात "एक लाइना" में शामिल हो ही गये?
    अहोभाग्य मेरे, देव...!!!

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  16. तेरे इंतज़ार का ये कमाल हुआ है :धोती जिसे समझा था घटकर रूमाल हुआ
    आइहो दादा हमहूँ एकरा में सामिल हुए हैं इ तो भाई कमाल हुआ
    झुक झुक के सलाम करते हैं....खोंइछा में लेते जाइए.....महराज...

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  17. फुर्सतिया जी ,"ए पखुरी पपीहा" का आपके ब्लाग पर स्वागत करने के लिए अत्यंत साभार. यह नाम - पता नया है पर ब्लाग बहुत पुराना है :)

    गायत्री .

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