गुरुवार, अक्टूबर 22, 2009

एक चर्चा इलाहाबाद से

इलाहाबाद पहुंचे हुये हैं। देखा गया कि चर्चा हुइच नहीं है। सो डिनरिया के बैठ गये हैं चर्चा करने। लैपटाप लाये नहीं हैं लेकिन रविरतलामी जी तो लाये हैं। उनको बगल में बैठाकर चर्चिया रहे हैं। बगल में अजित वडनेरकर हमारे मोबाइल से देबाशीष की तारीफ़ कर रहे हैं। हमें कैसे सोहायगा भला। हमार पैसा ठोंक के दूसरे की तारीफ़ बहुत नाइंसाफ़ी है। बहरहाल कुछ देर चर्चा कर देते हैं।



सुबह-सुबह विनीत ने लिखा कि इलाहाबाद में कल देशभर के ब्लॉगरों का,इलाहाबाद में होगा संगम तो भैया हम संगमतीरे आ गये हैं और बेताबी से कल के लिये गपियाते हुये तैयार हो रहे हैं। देर हो गयी है अत: सीधे अपनी औकात में आते हुये एक लाईना से बात शुरू करते हैं।







कल देशभर के ब्लॉगरों का,इलाहाबाद में होगा संगम :सरस्वती का कहीं अता-पता नहीं।


इलाहाबाद से भेजी गयी ब्लॉगर्स सूची। : अपना नाम खुद जोड़ लें।


चीनी वि‍कास की उलटबांसी: बरेली तक जानी है लगता है।



लो आ गया विंडो 7 : दरवाजे का भी कोई नम्बर होगा जी। ऊ भी तो बताओ!



सवाल न्यायपालिका की साख का : उल्लू की बातें बाद में करेंगे।



तेरी जीत में मेरी हार है: हम कैसे तुम्हारे जीतने की दुआ करें भाई!



सार्वजनिक नलों पर लड़ते-झगड़ते लोग भी ऐसी नंगई नही करते: वे बेचारे पानी भरने में ही इतना मशगूल रहते हैं कि उनको नंगई का ख्याल ही नहीं आता।



तुम तक पहुँचने से पहले लड़खड़ा कर गिर गए:: जरा संभाल के चलो भैया। कहीं गिरने में चोट-चपेट लग गयी तो लफ़ड़ा होगा।



सिब्बल जी फॉर्म भरना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ,और हम इसे लेकर रहेंगे: हमने खासतौर पर इसीलिये लिखते-लिखते लव हो जाये वाला पेन खरीदा है।



अब भैया रेलाइंश का मोबाइल अंबानी बंधुओं की तरह फ़ड़फ़ड़ा रहा है। बगल में अजित भाई गाना गा रहे हैं। रविरतलामी जी हमारा मोबाइल थामे उसकी वीडियो रिकार्डिंग कर रहे हैं। गजल है –जब से हम तबाह हो गये।





कैलेंडर का पन्ना पलटी मारने वाला है। इसलिये फ़िलहाल इतना ही। बकिया फ़िर ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. इलाहाबाद meet के बारे मे और बताते तो मज़ा आ जाता :) एकलाईना हमेशा की तरह झकास है...

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  2. आज सिर्फ एकलाईना में ही निपटा डाले......लगता है बाकी की चर्चा ब्लागर कुँभ के बाद की जाएगी :)

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  3. सम्मेलन (मीट ) की रिपोर्ट जरूर लिखियेगा ।

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  4. व्यस्तता के इन क्षणों में आपने चर्चा के लिए समय निकाला, यह चर्चा के प्रति आपकी सजकता एवं समर्पण भावना का परिचायक है एवं आप साधुवाद के पात्र हैं. यही सजकता एवं समर्पण भावना आपको अन्य चर्चाकारों से अलग खड़ा करती है.

    आप इसी तरह अपना समर्पण भाव बनाये रखें एवं अन्य चर्चाकारों के लिए प्रेरणा के प्रकाश पुँज बन कर सदैव जगमगाते रहें. यह मेरी मंगलकामनाएँ हैं.

    आपकी सुनहरी कलम एवं सुगढ़ लेखनी से इलाहाबाद सम्मेलन की रिपोर्टिंग हम तक पहुँचाने का अतिशीघ्र प्रयास करियेगा, यही निवेदन है.

    आपको एवं विराट इलाहाबाद सम्मेलन में आये सभी चिट्ठाकार साथियों को मेरा नमन एवं मेरी अनन्त शुभकामनाएँ.

    शुभेक्षु

    समीर लाल ’उड़न तश्तरी वाले’

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  5. अलाहाबाद से आने के बाद आपका रिपोर्ट पढ़ने को मिलेगा ये पता है मुझे ..
    चलिए आप सभी ब्लॉगर बंधुओ को नमस्कार

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  6. हिन्दी प्रेमी चिट्ठाकार इलाहाबाद में इकट्ठे हुए हैं उन सभी को मेरा नमन। व्यस्त समय में चर्चा करना आपकी गंभीरता दर्शाता है, अभी आप से बहुत कुछ सीखना है हमें।

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  7. इलाहाबाद से हमें नई-नई जानकारियां देते रहिएगा। नमस्कार।

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  8. काल्ह हमहूँ ऊहाँ देखे जा सकने को उपलब्ध रहेंगे,
    अउर कुछ कलाकारी आपसे सीखेंगे ।

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  9. एक लाईना के लिए भी वक्त निकाल लिया ....ब्लोगर हों तो ऐसे ...

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