tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post2399757561229898857..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: बेटा जी ,अभी बहुत छोटे हो ...इस फिक्र में क्यों घुल रहे होdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger91125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61539634130539120292010-03-10T00:46:42.492+05:302010-03-10T00:46:42.492+05:30करीब जाकर छोटे लगे.. वो लोग जो आसमान थे..<b>करीब जाकर छोटे लगे.. वो लोग जो आसमान थे..</b>Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-59757906161496428752010-03-08T20:53:57.990+05:302010-03-08T20:53:57.990+05:30रचना जी एवं अन्य को कहना चाहूँगा कि गड़े मुर्दे न ...रचना जी एवं अन्य को कहना चाहूँगा कि गड़े मुर्दे न उखाडें.. pd in which comment of mine i have done this here please give full context when you take my name so that i know what you are talking about <br /><br />like tanushree ji has taken my name to draw attention i feel you have also doen the same <br /><br />all my comments are related to this post onlyAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-143335730977989582010-03-08T17:56:18.639+05:302010-03-08T17:56:18.639+05:30बाप रे, पहले हम भी अपनी राय रखने वाले थे पर अब हम ...बाप रे, पहले हम भी अपनी राय रखने वाले थे पर अब हम कुछ नहीं कहेंगे, पता नहीं महिला मुक्ति मोर्चा या पुरुष आर्मी पीछे पड़ जाय। बस इतना कहेंगे कि मिथिलेश जी का लेख पढ़ा उनकी भावनायें शायद किसी ने समझी नहीं, बल्कि उसका अर्थ कुछ और निकाल लिया। बाकी इस नूरा-कुश्ती से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।<br /><br />वैसे हमारे अज्ञातवास के दौरान पिछले दो साल में पता नहीं कितने मोर्चे, खेमें डेवलप हो गये हैं। ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-11264787367878976172010-03-08T13:06:40.146+05:302010-03-08T13:06:40.146+05:30रचना जी एवं अन्य को कहना चाहूँगा कि गड़े मुर्दे न ...रचना जी एवं अन्य को कहना चाहूँगा कि गड़े मुर्दे न उखाडें.. यहाँ जिस मुद्दे पर बात हो रही है उस पर बात करें.. नहीं तो फिर एक ढंग का मुद्दा गड़े मुर्दे के पीछे गायब हो जायेगा..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-27737511963604679522010-03-07T23:28:28.684+05:302010-03-07T23:28:28.684+05:30@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी
विस्तार में न लिखे जाने क...@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी<br />विस्तार में न लिखे जाने का एक व्यक्तिगत कारण था।<br />@ 'अदा'<br />आप को तो बता चुका वह कारण :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-39872424645870413062010-03-07T22:23:31.779+05:302010-03-07T22:23:31.779+05:30पाबला जी,
पता नहीं क्यूँ ...ये तनुश्री जी भी मुझे ...पाबला जी,<br />पता नहीं क्यूँ ...ये तनुश्री जी भी मुझे मुखौटा ही लग रहीं हैं ...इनके ब्लॉग पर इनकी अपनी कोई कृति नहीं है ...सब 'इनकी' पसंद की हैं...<br />ये भी मुझे उसी तरन्नुम की जोड़ीदार ही लग रही हैं....एक बात और भी गौर करनेवाली है....कि ये हमेशा कुछ ही विशिष्ठ, वरिष्ठ ब्लॉगरस के आस-पास ही नज़र आतीं हैं...<br />मुझे बड़ा ही अटपटा लगा है इनका इस तरह ब्लॉग जगत के behalf में फैसला सुनानेस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-89778732935156377152010-03-07T21:50:37.966+05:302010-03-07T21:50:37.966+05:30@ बी एस पाबला
शुक्रिया !
आप न बताते तो इस अर्थ त...@ बी एस पाबला <br />शुक्रिया ! <br />आप न बताते तो इस अर्थ तक पहुंचना संभव न था !<br />.<br />पर ऐसे मौके पर आपसे थोड़ा विस्तार में लिखे जाने <br />की उम्मीद थी , कम-से-कम बात तो स्पष्ट हो जाती <br />मुझ से स्थूलबुद्धि को !<br />और वैसे भी कभी - कभी '' वचने का दरिद्रता '' की <br />सूक्ति पर भी ध्यान दिया करें तो भला हो इस ब्लॉग जगत का !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-26006312080754895142010-03-07T21:29:19.464+05:302010-03-07T21:29:19.464+05:30नारी तुम श्रद्धा हो जब तक चुपचाप मंदिर की मूर्ति क...नारी तुम श्रद्धा हो जब तक चुपचाप मंदिर की मूर्ति की तरह विराजों. यदि तुम चाहो कि तुम मूर्ति से निकल कर घूमोगी बाहर पुरुष की तरह तो श्रद्धा की पात्र नहीं रहोगी. तुम्हें हम ये कहेंगे और वो भी. वैसे तो मंदिर में कहाँ छोड़ा तुम्हें, देवदासियों का हाल जानती ही हो तुम, स्टेज पर नाचने को निमंत्रण मान लेंगे. छोड़ा नहीं साड़ियों में लिपटी या स्कर्ट में लजाती तुम्हें. आज जब तुम चाहो कि तुम्हें श्रद्धा नहीं पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-58091606507640797962010-03-07T17:58:43.803+05:302010-03-07T17:58:43.803+05:30@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी
लगता है हाथों के तोते उड...@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी<br /><br /><a rel="nofollow">लगता है हाथों के तोते उड़ गए :-)<br />का संदर्भ<br />तनु श्री का रचना दीदी के नेतृत्व में सपथ था</a><br />और कुछ नहींAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-18462000015648293702010-03-07T16:01:04.844+05:302010-03-07T16:01:04.844+05:30arey bhai bina nari k to bhagwaan bhi adhure hai.....arey bhai bina nari k to bhagwaan bhi adhure hai...fir kya bina nariyo ke comments k purusho ka blog sampoornta payega???????to ab bas band kariye is behas ko.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-25774122276045775232010-03-07T13:40:24.318+05:302010-03-07T13:40:24.318+05:30प्रियेषा को ...
मैं भी दुगुने आवाज में चीखते हुए ए...प्रियेषा को ...<br />मैं भी दुगुने आवाज में चीखते हुए एक एक शब्द को चबाते हुए से बोला -<br />"स्टेशन पर जहाँ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन लिखा हुआ है उसके ठीक सामने देखो.... "और मैंने अनिर्दिष्ट <br />दिशा में हवा में हाथ भी लहराया ...<br />" हद है पापा, गरीब रथ कहाँ नई दिल्ली से जाती है ,पुरानी दिल्ली से जाती है " वह सातवे सुर में बोल रही थी ..<br />मानो मुझमें स्प्रिंग सा लग गयाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-37233586340554297192010-03-07T10:47:55.637+05:302010-03-07T10:47:55.637+05:30@ हम पाषाण काल में तो पहुँच ही गए हैं -अब विकास का...@ हम पाषाण काल में तो पहुँच ही गए हैं -अब विकास का स्वरुप उलटने वाला है दिल थाम कर बैठिये!<br />आपका ही पूर्व-प्रयुक्त शब्द आपको नवाज रहा हूँ --- '' अरण्य - रोदन '' ! <br />'' द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र '' , '' आह उत्सुक है तुमको धूल '' !!!<br />.<br />@ लगता है हाथों के तोते उड़ गए :-)<br />अच्छा हुआ तोते उड़ गए नहीं तो क्या पाया हाँथ ही उड़ जाते Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-38748254077508198392010-03-06T22:39:03.333+05:302010-03-06T22:39:03.333+05:30Why are you aggravating the things, Dr. Arvind ?
I...<i><br />Why are you aggravating the things, Dr. Arvind ?<br />Is it a platform to settle personal scores ? Everyone has a right to nurture his inherent ideas derived from his own experiences !<br /><br /> You are a scientist, as I assume.. that deepens your responsbility for the Genre not the Gender !<br /> As far as -हाँ अब घोषित पुरुष नारीवादियों के ब्लॉग<br />भी नहीं झाकने जाऊँगा तब भी नहीं Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56676751804868589932010-03-06T21:40:53.292+05:302010-03-06T21:40:53.292+05:30.
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मैं सिर्फ यही कहना चाहूँगा कि नारीवाद-पुरूषव....<br />.<br />.<br />मैं सिर्फ यही कहना चाहूँगा कि नारीवाद-पुरूषवाद, पितृसत्तात्मक समाज-मातृसत्तात्मक समाज के पचड़े-झगड़े में पड़े बिना कुछ पुरूषों को अपनी वह मानसिकता बदलने की जरूरत है जिसके दम पर वह अपना जन्मजात अधिकार मानते हैं औरत की सोच पर... हर समय औरत को यह निर्देश देते फिरते हैं कि उसके लिये अच्छा क्या है.. उसे क्या करना और क्या नहीं करना चाहिये...कैसे कपड़े और कैरियर चॉईस उसके लिये बेहतरप्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-43922037149470445842010-03-06T21:33:14.155+05:302010-03-06T21:33:14.155+05:30आश्चर्य में था कुछ बात को लेकर पर रचना जी द्वारा द...आश्चर्य में था कुछ बात को लेकर पर रचना जी द्वारा दी गयी लिंक <br />से 'नीर-क्षीर-विभाजन' हो गया ! <br />आभार !<br />.<br />मुक्ति जी की बात सही है ,<br />'' जाति न पूछो साधु की <br />पूछ लीजिये ज्ञान |<br />मोल करो तलवार का ,<br />पडी रहन दो म्यान || ''<br />---------- फिजूल की राजनीतिक - उथली - जड़ - गर्वभरी कवायदों से <br />बेहतर है कि बातों का तार्किक उत्तर दिया जाय !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-40300089304525450372010-03-06T21:09:39.814+05:302010-03-06T21:09:39.814+05:30लगता है हाथों के तोते उड़ गए :-)लगता है हाथों के तोते उड़ गए :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-14902404021355211762010-03-06T20:33:23.425+05:302010-03-06T20:33:23.425+05:30प्रियजनों के ब्लॉग /प्रिय ब्लॉग पर न जाने की शर्त ...प्रियजनों के ब्लॉग /प्रिय ब्लॉग पर न जाने की शर्त कितनी कठिन हैं न ?और हाँ शोले का ही तो एक और डायलाग है न -गब्बर सिंह बोलता है -बड़ा याराना है न उससे नाच नाच एसई कुछ अब याददाश्त भी साथ छोड़ रही ससुरी ...<br />फिर नारीवाद का सतत अनुमोदन भी तो होते रहना चाहिए .....<br />मैंने तो तनु श्री के कथन का निहितार्थ समझ कर टिप्पणियाँ बंद भी कर चुका हूँ<br />नारी के ब्लागों पर -अब घोषित नारी विरोध का मेरा Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-18489622895972407112010-03-06T19:36:10.581+05:302010-03-06T19:36:10.581+05:30मैं भी कोई शपथ नहीं लेने वाली. हम कोई पुरुष विरोधी...मैं भी कोई शपथ नहीं लेने वाली. हम कोई पुरुष विरोधी नहीं हैं. हमारा विरोध हमेशा से पुरुषवाद से रहा है, पितृसत्ता से रहा है, जिसकी वाहक महिलाएँ भी होती हैं. वे महिलाएँ जो मुद्दों की लड़ाई में या तो चुप रह जाती हैं या नारी का ही विरोध करती हैं. ऐसी नारियों के कारण ही ये कहावत बनी है "औरत ही औरत की दुश्मन होती है." पितृसत्ता ने हमेशा ही इस तरह नारी को नारी के विरुद्ध खड़ा करने की कोशिश की muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-24150058897834287542010-03-06T19:10:32.215+05:302010-03-06T19:10:32.215+05:30तनुश्री की बात अजीब है !!क्या हो गया है ?तनुश्री की बात अजीब है !!क्या हो गया है ?सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-16328181862925870792010-03-06T17:57:36.726+05:302010-03-06T17:57:36.726+05:30tanushri ji kae profile par koi email id nahin so...tanushri ji kae profile par koi email id nahin so mera usnae koi vyaktigat sampark hi nahin haen <br />aaj ek do logo sae puchha bhi par koi jyadaa bataa nahin payaa <br /><br />dusri baat unki tippani mujhe kewal unhi blog par diktee haen jahaan dr arvind ki tippani hotee haen sabsey pehlae maene inko shri gyandutt pandey ji kae blog par daekhaa thaa kaemnt kartey is link par <br /><br />http:/Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-12779592504229437072010-03-06T17:22:52.944+05:302010-03-06T17:22:52.944+05:30हाँ,अदा सही कहा...वरना लगेगा...सउदी अरेबिया में रह...हाँ,अदा सही कहा...वरना लगेगा...सउदी अरेबिया में रह रहें हैं...ये कैसी बच्चों वाली शर्त है...:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-61554750018136929632010-03-06T17:19:50.481+05:302010-03-06T17:19:50.481+05:30माफ़ कीजिये ...हम ऐसी कोई शपथ नहीं लेंगे ....इससे ...माफ़ कीजिये ...हम ऐसी कोई शपथ नहीं लेंगे ....इससे अच्छा है ब्लोगिंग को ही अलविदा कह दे ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-86847475137748918452010-03-06T16:13:29.241+05:302010-03-06T16:13:29.241+05:30Main aisi koi shapath nahi le rahi hun...
ye to pa...Main aisi koi shapath nahi le rahi hun...<br />ye to paashaan yug ki vapsi ka raasta hai..<br />sorry..ye main nahi kar sakti..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-81238388503399299682010-03-06T15:23:50.285+05:302010-03-06T15:23:50.285+05:30अपनी सारी ब्लॉग की सक्रियता को कल से इस चिट्ठे पर ...अपनी सारी ब्लॉग की सक्रियता को कल से इस चिट्ठे पर केन्द्रित कर <br />रखा हूँ , बड़ा अच्छा लगा , सार्थक सा !<br />नहीं तो रस्म-अदायगी में पोस्टें तो आया ही करती हैं !<br />.<br />@जो पुरुष ब्लागेर बंधू हैं उनसे भी मेरी अपील की किसी महिला के पोस्ट पर आज-अभी <br />से कोई टिप्पड़ी पोस्ट नही करेंगे????????महिला पोस्ट पर महिलाओं कीटिप्पड़ी -पुरुष <br />पोस्ट पर केवल पुरुषों की<br />------------------ Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-89527055356026452702010-03-06T15:23:50.286+05:302010-03-06T15:23:50.286+05:30अपनी सारी ब्लॉग की सक्रियता को कल से इस चिट्ठे पर ...अपनी सारी ब्लॉग की सक्रियता को कल से इस चिट्ठे पर केन्द्रित कर <br />रखा हूँ , बड़ा अच्छा लगा , सार्थक सा !<br />नहीं तो रस्म-अदायगी में पोस्टें तो आया ही करती हैं !<br />.<br />@जो पुरुष ब्लागेर बंधू हैं उनसे भी मेरी अपील की किसी महिला के पोस्ट पर आज-अभी <br />से कोई टिप्पड़ी पोस्ट नही करेंगे????????महिला पोस्ट पर महिलाओं कीटिप्पड़ी -पुरुष <br />पोस्ट पर केवल पुरुषों की<br />------------------ Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.com