tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post8855363385467958689..comments2023-09-21T18:12:30.204+05:30Comments on चिट्ठा चर्चा: इलाहाबादी सम्मेलन की चित्रमय चर्चाdebashishhttp://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56192208307076203672009-10-26T23:44:01.867+05:302009-10-26T23:44:01.867+05:30बहुत अच्छी चित्रमय पोस्ट। नामवर जी के सूत्र का अर्...बहुत अच्छी चित्रमय पोस्ट। नामवर जी के सूत्र का अर्थ समझाने वाला कोई है?अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56363675282007841792009-10-26T18:33:08.079+05:302009-10-26T18:33:08.079+05:30wah, chitra dekh kar maza aayaa/wah, chitra dekh kar maza aayaa/अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-79232245525218958772009-10-26T13:03:54.066+05:302009-10-26T13:03:54.066+05:30सुन्दर चित्र,हम तो आ न सके रवि भैया आप सभी लोगो के...सुन्दर चित्र,हम तो आ न सके रवि भैया आप सभी लोगो के जरिये पता चल रहा है खट्टे-मीठे समेल्लन का।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-62849682849207442932009-10-26T12:26:45.305+05:302009-10-26T12:26:45.305+05:30इलाहबाद की गलियों में घूमना सुखद रहा ऐसी गलियों मे...इलाहबाद की गलियों में घूमना सुखद रहा ऐसी गलियों में ही तो अब तक का लगभग सारा जीवन बीता है. काफी दिनों के बाद चिटठा चर्चा की पोस्ट रीडर के फीड में दिख रही है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-68135376053238118452009-10-26T10:52:25.471+05:302009-10-26T10:52:25.471+05:30चित्र प्रस्तावना बहुत अच्छी लगी !चित्र प्रस्तावना बहुत अच्छी लगी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34783842116705276602009-10-26T07:17:12.108+05:302009-10-26T07:17:12.108+05:30गंगा जी के घात पर भी संतान की भीड़
तस्वीरें लाजवाब...गंगा जी के घात पर भी संतान की भीड़<br />तस्वीरें लाजवाब हैं रवि भाई<br /><br />-- <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-36240013922596477772009-10-26T00:15:59.556+05:302009-10-26T00:15:59.556+05:30अरे वाह, यह तो ‘एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटी’- बोल...अरे वाह, यह तो ‘एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटी’- बोले तो ‘आयोजनेत्तर गतिविधियों’ की शानदार पोस्ट है। बहुत अच्छी लगी यह प्रस्तुति।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-52158013537919312502009-10-25T21:41:59.220+05:302009-10-25T21:41:59.220+05:30चर्चा के साथ कम से कम आपने इलाहाबाद के दर्शन करा द...चर्चा के साथ कम से कम आपने इलाहाबाद के दर्शन करा दिए ... आभार.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-34952494014273870582009-10-25T20:27:17.722+05:302009-10-25T20:27:17.722+05:30बहुत सुंदर चित्र, मजे दार चर्चा दिल खुश हो गया
आप ...बहुत सुंदर चित्र, मजे दार चर्चा दिल खुश हो गया<br />आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-86702865545615507912009-10-25T19:48:59.078+05:302009-10-25T19:48:59.078+05:30लाला अमरनाथ स्पीक्स :
ऑस्ट्रैलिया से मैच हार गये त...<i><br />लाला अमरनाथ स्पीक्स :<br />ऑस्ट्रैलिया से मैच हार गये तो क्या,<br />इस चर्चा को देख मन चौके छक्के लगाने लग पड़ा है ।<br />फोटूओं का कहना ही क्या ! किसी भी चित्र का खिल जाना स्वाभाविक है , यदि अपना स्पर्श मात्र कर दें, भीष्म पितामह !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-22965633718549028572009-10-25T19:39:26.707+05:302009-10-25T19:39:26.707+05:30चाहे कोई कुछ लिखे चाहे कोई कुछ कहे , कोई लडे कोई भ...चाहे कोई कुछ लिखे चाहे कोई कुछ कहे , कोई लडे कोई भिड़े , कोई खुश हो कोई नारज़ हो . कोई बोलता रहे .कोई चुप रहे , कोई उपस्थित रहे कोई गायब हो जाये <b>रवि रतलामी की ज़रूरत ब्लॉगजगत् को हमेशा रहेगी</b>शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-56923600261332758362009-10-25T19:20:03.863+05:302009-10-25T19:20:03.863+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति. आभार..बहुत सुन्दर प्रस्तुति. आभार..P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-50376734126899818112009-10-25T17:56:45.982+05:302009-10-25T17:56:45.982+05:30कलावाद पर कल-कल करती टिप्पणी के लिए कला प्रेमी पंक...कलावाद पर कल-कल करती टिप्पणी के लिए कला प्रेमी पंकज जी को बधाई। कला और सौंदर्यशास्त्र का यह फ़ंडा तो समझ से परे रहा:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-69254162430354319042009-10-25T17:52:45.403+05:302009-10-25T17:52:45.403+05:30अच्छा लगा...चित्रों से दूरी पता ही नहीं चलतीअच्छा लगा...चित्रों से दूरी पता ही नहीं चलतीKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-81320413165668772722009-10-25T17:14:25.249+05:302009-10-25T17:14:25.249+05:30ओहो, बस इतनी सी तस्वीरं....!
दिल माँगे मोर...ओहो, बस इतनी सी तस्वीरं....!<br /><br />दिल माँगे मोर...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-42062949970028677552009-10-25T16:56:04.204+05:302009-10-25T16:56:04.204+05:30नयनाभिराम !नयनाभिराम !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-51712092702566110642009-10-25T16:51:55.055+05:302009-10-25T16:51:55.055+05:30अर्थ पूछ कर शर्मिंदा ना करे !!!!चित्र लाजवाबअर्थ पूछ कर शर्मिंदा ना करे !!!!चित्र लाजवाबAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-13227861347850476782009-10-25T16:50:31.706+05:302009-10-25T16:50:31.706+05:30क्या करियेगा अर्थ समझ कर? नामवर जी ने कहा है तो सह...क्या करियेगा अर्थ समझ कर? नामवर जी ने कहा है तो सही ही होगा और ऊँची बात होना तो तय है ही. समझ आ जाये तो फिर साहित्य कैसा? <br /><br />बढ़िया चित्र प्रदर्शनी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-64588829310643153032009-10-25T16:07:51.303+05:302009-10-25T16:07:51.303+05:30नामवर जी या पंकज ही अर्थ समझा सकते हैंनामवर जी या पंकज ही अर्थ समझा सकते हैंडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-63692360652543007312009-10-25T15:46:25.484+05:302009-10-25T15:46:25.484+05:30waah waah... dhanyawaaad wahan ki tasveeren dikhan...waah waah... dhanyawaaad wahan ki tasveeren dikhane ke liye.. :)Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-84179667737491324292009-10-25T15:45:07.328+05:302009-10-25T15:45:07.328+05:30बहुत सुन्दर चित्र. पंकज जी का पोस्टर लाजवाब.आप लोग...बहुत सुन्दर चित्र. पंकज जी का पोस्टर लाजवाब.आप लोगों की इस लाइव-रिपोर्टिन्ग ने हम सब को जो वहां नही पहुंच पाये, कार्यक्रम से जोडे रखा.सराहनीय प्रयास.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-21883832667200283942009-10-25T15:31:53.213+05:302009-10-25T15:31:53.213+05:30रिक्शा आर्ट गजब है...रिक्शा आर्ट गजब है...मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-12448922892003941472009-10-25T15:31:01.847+05:302009-10-25T15:31:01.847+05:30बेचारे हिन्दी साहित्य और हिन्दी संस्थान वाले। अब इ...बेचारे हिन्दी साहित्य और हिन्दी संस्थान वाले। अब इस पोस्ट में कितनी हिन्दी यूज हुई है कि हिन्दी वालों का मालिकाना हक बने! :-) <br />चित्र भी किसी भाषा के होते हैं क्या?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-78593487240594615672009-10-25T15:26:25.100+05:302009-10-25T15:26:25.100+05:30बहुत ही आकर्षक चित्र.इस कलात्मक दृष्टि और अभिव्यक्...बहुत ही आकर्षक चित्र.इस कलात्मक दृष्टि और अभिव्यक्ति के लिए आभार.ओम ने भी बहुत सारे चित्र लिए थे. मैं उससे कहूँगी प्रेषित करने के लिए. हॉल में लगे पोस्टरों ने मुझे भी प्रभावित किया. खास कर केदारनाथ अग्रवाल जी की कविताओं से सजे पोस्टरों ने.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16767459.post-12987811237260508522009-10-25T14:35:02.669+05:302009-10-25T14:35:02.669+05:30बेहतरीन...वाकई...नामवर जी की बात समझाने के लिए शाय...बेहतरीन...वाकई...नामवर जी की बात समझाने के लिए शायद उनकी क्लास ही लेनी पड़े...Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.com