रविवार, दिसंबर 13, 2009

तेरे शहर में जॉनी, आखिर कितने चिट्ठाकार हैं?

रूपचंद्र शास्त्री मयंक द्वारा एक सार्थक पहल की गई है. वे चिट्ठाकारों की डायरेक्टरी ब्लॉग पोस्ट पर ही बना रहे हैं, और अब तक कोई 75 चिट्ठाकारों के नाम-पते यहाँ दर्ज हो चुके हैं.

मगर, इसी तरह की, भले ही नाम पते व मोबाइल नंबर समेत न सही, हिन्दी चिट्ठाकारों की डायरेक्ट्री तैयार करने की एक स्वचालित किस्म की सेवा हिन्दी चिट्ठा निर्देशिका के नाम से बहुत पहले बन चुकी है. हालांकि इसमें अभी हिन्दी ब्लॉगजगत के कोई  5-7 प्रतिशत चिट्ठे ही इसमें दर्ज हैं, मगर इसके आंकड़ों के विश्लेषण चौंकाने वाले हैं, और कई मामलों में बेहद काम के हैं. इसमें एक सुविधा है – स्थान आधारित चिट्ठों को देखने का.

 

आइए, देखें कि आपके शहर में कितने हिन्दी चिट्ठाकार हैं. पहले दिल्ली को लेते हैं -

वाह! क्या बात है. दिल्ली तो दिल वालों की निकली. पूरे 211 चिट्ठाकार!

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अगला भोपाल देखते हैं – यहां पूरे चौंतीस भोपाली दर्ज हैं-

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मुम्बई की बारी – अब तक पचपन!

 

लखनऊ में कितने मिसिर? पूरे पैंतालीस!

 

और देखिए, दक्षिण भाषी बैंगलोर में हिन्दी चिट्ठाकारों का जमावड़ा – छब्बीस.

 

इधर इंदौरी कितने – पूरे तैंतालीस.

 

रायपुरिया? इकत्तीस -

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बड़े शहरों के साथ साथ छोटे शहर, गांवों के भी आंकड़े हैं – जैसे कि गजरौला से – एक.

ये आंकड़े महज डेढ़ हजार पंजीकृत चिट्ठों से निकाले गए हैं. जहाँ हिन्दी चिट्ठों का मामला सब मिलाकर अनुमानित पचास हजारी (ब्लॉगर, वर्डप्रेस, वेबदुनिया, रेडिफ इत्यादि सभी को जोड़ लें तो,) पार कर रहा है तो आप प्रोरेटा आधार पर आंकड़ों की और बाजीगरी खेल सकते हैं.

आंकड़े बहुत से मामलों में बहुत से क्षेत्रों में बहुत से लोगों को बहुत सारी सहायता कर सकते हैं. जैसे कि चिट्ठों में भरी गई वैकल्पिक जानकारी के आधार पर विभिन्न आयवर्ग के चिट्ठाकारों के आंकड़ों का यह चार्ट -

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तो, यदि आपका चिट्ठा अभी तक हिन्दी चिट्ठा निर्देशिका में शामिल नहीं हुआ है तो आप स्वयं वहाँ खाता खोलकर अपना व अपने मित्रों का चिट्ठा पंजीकृत कर सकते हैं.

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22 टिप्‍पणियां:

  1. आप जिन्‍हें कह रहे हैं पूरे
    मुझे तो लग रहा है सिर्फ
    दो सौ ग्‍यारह
    दिल वालों की दिल्‍ली वाले सुनें
    यह नहीं गर्व की बात है
    दो सौ ग्‍यारह जुट जायें और
    इसे एक हजार, दस हजार और
    एक लाख तक टवेंटी टैन में
    अवश्‍य पहुंचायें और

    एक बात

    मुंबई में हैं पचपन और
    6 दिसम्‍बर 2009 को
    ब्‍लॉगर मिलन में आये सिर्फ पन्‍द्रह
    बाकी चालीस बाबा कहां गये
    क्‍या नेशनल पार्क में मौजूद
    जंतुओं से डर गए।

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  2. रवि भैया, बने खोज-खोज के निकाले हस गा चिट्ठाकार मन ला, अऊ अड़ बड़ झन लुकाय होही, बने चिट्ठा चर्चा लिखे हस, गाड़ा-गाड़ा बधई

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  3. रवि भाई - एक सुन्दर कोशिश। लेकिन जमशेदपुर में भी तो कई चिट्ठाकार हैं?

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  4. बढ़िया!

    लेकिन दिक्कत यही है कि इनमें आंग्ल भाषा के लिखे शहर ही हैं।
    देवनागरी के शामिल हों तो बात बने।

    अब देखिए रायपुर में ही अनिल पुसदकर, गिरीश पंकज नहीं दिख रहे और ना ही दुर्ग से सूर्यकांत गुप्ता!!

    URL में भी Raipur के बदले रायपुर लिखने से भी बात नहीं बनती :-(

    बी एस पाबला

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  5. मेरा सकलडीहा ढूँढेंगे तो मैं भी मिल जाउंगा । उल्लेखनीय़ तो है ही यह निर्देशिका ! आभार ।

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  6. गिनते जाइए। रोज इजाफा हो रहा है।

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  7. अच्छी जानकारी
    ब्लॉगर में भी यह जानकारी मिलती है , इसमें रायपुर में ही ३२३ दिखा रहे हैं ब्लॉगर में .

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  8. भारत में ब्लॉगर ४२,५०,०००
    छत्तीसगढ़ में १४००

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  9. बढिया जानकारी के लिए आभार॥ अभी जाकर हैदराबाद के आंकडे देखते हैं:)

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  10. जी ऎसी ही कुछ उपलब्धता इँडीब्लागर पर भी पायी जाती है ।
    पण, कहीं भी लापतागँज़ के बेनामी चोट्टाकारों का जिकिर नहीं है ।

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  11. Aakoa chitha charcha bahut achha laga.... Aapka manch hindi sahitya ka marg prashast karta rahi yahi shubhkamna hai......

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  12. अच्छा प्रयास है.. इसे पूरा करना चाहिए..

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  13. ये तरीका भी जमा . तनिक जबलपुर का भी ध्यान रखियेगा........ आभार

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  14. फतेहपुर में कितने ?
    ........................
    ........................
    ........................
    एक अकेला .........
    ......इस शहर में !!

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  15. होना यह चाहिये था कि लोगों को Identity Theft से अवगत कराया जाता. यहां तो कतार लगी है अपना नाम छपवाने की.

    खैर!

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