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बुधवार, अप्रैल 01, 2009
चर्चा के पहले की चर्चा
चर्चाकारः
अनूप शुक्ल
आज पहली अप्रैल है। आज की चर्चा कुश करेंगे। कह रहे थे कि हमारा दिन है आज तो समय निकालेंगे ही। आप कुश की चर्चा का इंतजार करिये तब तक कुछ एकलाईना झेल लीजिये:-
37 टिप्पणियां:
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ये पहले अप्रेल फ़ूल हम बने.:)आनन्द आ गया.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आज तो खूब ब खुद अप्रेल फूल बन जाना ही अच्छा है |
जवाब देंहटाएंअहा...आज तो बिना पढ़े ही मजा आ गया -:)
जवाब देंहटाएं...बाकी दिन भी ऐसी ही छोटी-छोटी चर्चा काहे नहीं लिखते हैं जी...
कई बार तो, आप सब मिलकर, चटान सिंह सा भारी-भारी और लंबा-लंबा लिखते हो कि पहले से ही ठस खोपड़ी, बैठ जाती है.
ये नया सीखने के लिए बधाई.
अब आप भी आज के दिन के उपयोग करने का बहाना ढूंढ बैठे .
जवाब देंहटाएंक्या कहा आज कुश का दिन है ?
जवाब देंहटाएंकुश को अपना दिन बहुत बहुत मुबारक हो :)
एक लाइना के लालच में आ गए... :)
जवाब देंहटाएंहमने तो २ से १९ भी खुद से लगा लगा कर पढ़ लिए और हँसे भी. :)
जवाब देंहटाएंओह ! अप्रैल फूल बना ही दिया ।
जवाब देंहटाएं" ha ha ha ha ha ha ha ha ha अप्रैल फूल "
जवाब देंहटाएंregards
आज की इस चर्चा के लिये
जवाब देंहटाएं* Srijan Shilpi
* अभय तिवारी
* मसिजीवी
* Kaul
* Jitendra Chaudhary
* Manish Kumar
* राकेश खंडेलवाल
* Raviratlami
* Atul Arora
* Tarun
* संजय बेंगाणी
* Ashish Shrivastava
* पंगेबाज
* Sagar Chand Nahar
* गिरिराज जोशी
* कविता वाचक्नवी Kavita Vachaknavee
* note pad
* Neelima
* Shiv Kumar Mishra
* कुश
* Tushar Joshi, Nagpur
* Udan Tashtari
* विपुल जैन
* आलोक
* विवेक सिंह
* Debashish
आदि को बधाई !!
सिर्फ अनूप शुक्ल नहीं दिखे. क्या बात है कहां छुप गये हैं जनाब!!
सस्नेह -- शास्त्री
lo bha subah subah april fool bana diya...
जवाब देंहटाएंwaise mujhe koi april fool nahi bana sakta
('Perfection' ko improve karna mushkilhota hai...)
चर्चा में भी अप्रेल, कोई खर्चा हो रहा था क्या..:)
जवाब देंहटाएंचाहे फ़ूल बन कर ही सही,दूसरों को खुशी देने का कोई भी मौका हाथ से नही जाने देते हम्।ये वाला फ़ूल बनना भी कांटा बनने से कई गुना अच्छा है।कुश का दिन सबको खुशियां दे फ़ूल बनकर फ़ूल बनाकर्।
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा! कृपया मेरे ब्लॉग को भी शामिल कर लें !!
जवाब देंहटाएंhttp://mukti-kamna.blogspot.com/
लंबी और विस्तृत चर्चा के लिए बधाई. 22वी और 26वी एक लाइना तो कमाल कि लिखी है आपने.. कैसे कर लेते है ये सब ?
जवाब देंहटाएंThis comment has been removed by blog administrator .
जवाब देंहटाएंThis comment has been removed by blog administrator .
जवाब देंहटाएंज्ञान भैया का कमेण्ट डिलीट किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है !
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं२. से १८ नंबर की सारी लिंक्स पर गयी...बहुत ही अच्छे ब्लोग्स हैं, आपके कारण ही पढ़ पायी...बहुत धन्यवाद आपको. आज के दिन तो आप खास व्यस्त रहे होंगे, इतना वक़्त निकालने के लिए आपकी आभारी हूँ :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....ऐसा लग रहा है मानो 1 अप्रैल हम ब्लॉगरों का 'ब्लॉग पर्व' है :)
जवाब देंहटाएंयूँ कमेण्ट डिलीट किया जाना अच्छी परम्परा नहीं है :(
जवाब देंहटाएंवाह...खूब बनाया और खूब मनाया आपने भी...
जवाब देंहटाएंये मेरा पांचवां कमेन्ट है इस पोस्ट पर सुबह से ट्राई कर रही हूँ कमेन्ट करने की
जवाब देंहटाएंवैसे कुश की सुबह वाली चर्चा इससे भी अच्छी थी न जाने क्यों उसे हटा दिया गया
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंचर्चा मस्त रही.. 2 से लेकर 19 तक मेरी पोस्ट के ही लिंक समझे जाएं..
जवाब देंहटाएंचर्चा बढिया रही:) ऐसी रोचक चर्चा आज ही के दिन देखी जा सकती है। जो लोग अपने स्टुडेंट डेज़ में फिल अप द ब्लैंक में कमज़ोर थे, कृपा करके वे इस ब्लाग को न देखें:):)
जवाब देंहटाएंवाह वाह
जवाब देंहटाएंक्या चर्चा है , मज़ा आ गया
अनूप जी,
जवाब देंहटाएंआज आप इतने मेहरबान कैसे हो गए कि आपको सदा भूल जाने वाले मेरे ब्लॊग्स के इतने सारे लिंक्स एक साथ देने की इच्छा हो आई? अपनी १८ पोस्ट्स का जिक्र एक साथ चर्चा में देख कर मैं तो खैर गद् गद् हूँ ही।
बस एक शिकायत है, कि ऊपर वाली टिप्पणी के लिए (आपने,अमर जी ने या ज्ञान जी ने) जिसने भी मेरे नाम से गूगल का या डमी खाता खोला है, भई, उसने सच में मुझे १० मिनट के लिए फेंट कर दिया। ( यह फ़ूल जिसने भी बनाया, जिन्दाबाद)।
सुपर hit चर्चा आज की :) शुक्रिया
जवाब देंहटाएं.पोस्ट थोडी छोटी लिखा करें,समयाभाव के कारण पूरी पढ ही नहीं पाये.
जवाब देंहटाएंफुरसतिया जैसा रूखा व्यक्ति ऐसी चर्चा कर सकता है? विश्वास नहीं होता। आजकल बहुत से लोग ब्लॉगर आईडी हैक करने लग गये हैं! :-)
जवाब देंहटाएंपहली अपरेल को हुआ चमत्कार
जवाब देंहटाएंफुरसतिया ने लिखी
मिनि पोस्ट!
waah waah
जवाब देंहटाएंbahut badiya chrcha
जवाब देंहटाएंयहाँ हुल्लड़ मचा हुआ है.. उधर कोई देखने वाला नही है कि
" अनूप जी लताड़े गये - बिहार की जनता को राहत ! "