सोमवार, फ़रवरी 06, 2006
आदर्श प्रेमिका के अष्टगुन
चर्चाकारः
debashish
हिन्दी ब्लॉगमंडल पर भी आखिरकार चढ़ ही गया "मेम" का नशा। यह टैगिंग आंदोलन हिन्दी चिट्ठा संसार में शुरु किया अमित ने और शुरु हो गई अष्टावली। अब तक लपेटे में आये लोगों की सूची यह रहीः ईस्वामी, फुरसतिया, कालीचरण, प्रत्यक्षा, जीतेन्द्र। आप कब तक बचे रहेंगे?
5 टिप्पणियां:
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मै भी फँसा हुँ देबुजी.
जवाब देंहटाएंपर मुझे पता नहीँ था, यह अमित का शुरू किया हुआ है, मै नही लिखता तब तो.
मै भी फँसा हुँ देबुजी.
जवाब देंहटाएंपर मुझे पता नहीँ था, यह अमित का शुरू किया हुआ है, मै नही लिखता तब तो.
Dada it seems you are very busy now-a-days, just wanted to update your list - Anup shukul, Jeetu, Sunil Deepak, Manoshi, Aashish, Pankaj already told about himself and yours truly me.
जवाब देंहटाएंIf I left someone add another comment.
Sorry to write in english in hindi post.
आप कब तक बचे रहेंगे?
जवाब देंहटाएंदेबू भाई, आप को भी तो हम भीड़ू लोग फ़ंसा चुके हैं, सो अपने अनुभवों की बारिश कब करेंगे? हम पलके बिछाए प्रतीक्षा कर रहा हूँ भाई!! :)
और वैसे इस नशे के चक्रव्यूह में निम्न लोग भी फ़ंस चुके हैं:
तरूण भाई, आशीष भाई, सुनील जी, अतुल जी, मानसी जी
मुझे पता नहीँ था, यह अमित का शुरू किया हुआ है, मै नही लिखता तब तो.
हा हा हा, पर अब तो टोपी पहन ही चुके हो पंकज भाई!! ;) :D
आप पर तो अभी मेरा कर्जा भी बाकी है देबू दादा, छोड़ूंगा नहीं, कहीं सोच बैठे हों कि भूल गया। :)
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