चंद्र मौलेश्वर प्रसाद : 7/4/1942 - 12/9/2012
अत्यंत दु:ख के साथ यह हृदय विदारक समाचार सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे अतीव आत्मीय मित्र व हैदराबाद के प्रमुख कलमकार ( कलम ) श्री चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी [जन्म- 7/4/1942] अब हमारे मध्य नहीं रहे।
वे काफी समय से अस्वस्थ थे व उनका कैंसर का उपचार चल रहा था।
भारत में 12/9/2012 को रात के 10-50 बजे चंद्रमौलेश्वर जी का स्वर्गवास हो गया।
इस हृदय विदारक समाचार से पाँवों के नीचे से जैसे धरती खिसक गई है.... व्यक्तिगत रूप से जैसे ठगा हुआ-सा अनुभव कर रही हूँ .... जीवन की कितनी ढेर यादें उनसे जुड़ी हैं। बहुत विवश-सा अनुभव है... कुछ लिखने की स्थिति भी नहीं बन रही।
उनके स्नेह के ऋण से उऋण नहीं हो सकती ....
बस....
उन्हें प्रणाम !
उनका अभाव सदा सालता रहेगा !
उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएँ। ....
बेहद दु:खद व पीड़ादायक घड़ियाँ हैं.......
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे..... ओम् शम् !!!
!!!ओम् शांति !!!
हम , दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं !
जवाब देंहटाएंईश्वर उनके शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति दे !
अल्लाह दिवंगत आत्मा को शाँति और उन के अपनों को ऐसा दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे
जवाब देंहटाएंचंद्रमौलेश्वरजी की बीमारी के बारे में पता था लेकिन यह लगता था कि वे ठीक हो जायेंगे।
जवाब देंहटाएंउनके जाने की खबर जानकर बहुत दुख हुआ। अफ़सोस।
दिवंगत आत्मा की शांति के प्रार्थना करते हैं। शोकाकुल परिवार को दु:ख सहने की शक्ति मिले।
ओह!
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
चिट्ठाजगत में हम उन्हें सीएमप्रसाद के रूप में जानते थे.
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि. दिवंगत आत्मा को शांति मिले.
हमारी ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएं........
जवाब देंहटाएं........
DO BOOND AANSU HAMARE TARAF SE SHRADHANJALI KE LIYE LE LENA CHACHU....
......
कुछ दिनों पहले चन्द्रमौलेश्वर जी याद आई। लेकिन सम्पर्क नहीं था। आज यह दुखद सूचना मिली,
जवाब देंहटाएंईश्वर उन्हे अपनी शरण में और परिजनों को दारुण दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। विनम्र श्रद्धांजलि।
ओह ..विनर्म श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंबड़ी दुखद सूचना है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
जवाब देंहटाएंकुछ महीने पहले प्रसाद जी ने अपनी आखिरी पोस्ट में लिखा था -- कीमोथेरपी के बाद मिलूँगा . हम बेसब्री से इंतजार कर रहे थे उनके आगमन का .
जवाब देंहटाएंएक सुलझे हुए सज्जन पुरुष आज हमारे बीच नहीं रहे . भगवान उन्हें अपने चरणों में जगह दे .
ओह ... बहुत ही दुखद समाचार है ...
जवाब देंहटाएंउनकी टिप्पणियों और उनके लेक्ल्हों के माध्यम से आत्मीय परिचय हो चला था उनसे ...
ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे ...
बहुत ही दुखद समाचार। व्यक्तिगत तौर पर तो कभी नहीं मिला मगर कविताजी के हिंदी भारत समूह और नेट पर लेखन व चर्चाओं से अक्सर रूबरू होता रहता था। जब मैने ब्लाग की शुरुआत की थी तो उनकी टिप्पणियों ने और लिखने को प्रेरित किया। समूह पर तो काव्य चर्चा अक्सर पढ़ता रहता था। आज कम्प्यूटर खोलते ही जीप्लस में कविताजी के माध्यम से मिली इस दुखद सूचना पर तो सहसा विश्वास ही नहीं हुआ। मगर........................
जवाब देंहटाएंसबसे पहले मैने उन्हें 'मौलिप्रसा'द जी के रूप में जाना था .काफ़ी बाद में वास्तविक नाम पता चला .
जवाब देंहटाएंवे बहुत सहृदय और स्नेही थे.उनकी कमी हमेशा खलेगी .
उन्हें विनम्र श्रद्धाञ्जलि अर्पित करती हूँ !
श्रद्धाञ्जलि
जवाब देंहटाएंभगवान उनकी आत्मा को शांति दे !!!!
जवाब देंहटाएंओह बहुत दुखद ..मैं इन दिनों (सच मानिए ) उनकी शिद्दत से याद कर रहा था -वे एक विद्वान ,वक्तृता प्रतिभा संपन्न साहित्यकार और ब्लॉगर थे ,बहुत परिष्कृत लहजे का मनोविनोद करते रहते थे ..उनका जाना डॉ.अमर कुमार के बाद का एक और महाशून्य है ...उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धान्जलि -आपने यह शोक संवेदना पोस्ट यहाँ देकर चिट्टा चर्चा के श्रेष्ठ स्तर को बनाये रखा है !ऋणी हूँ !
जवाब देंहटाएंईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को शक्ति प्रदान करे। श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंब्लाग जगत में उनसे मेरी जैसी पटरी बैठती थी वैसी कम लोगों के साथ ही बैठी । उनकी टिप्पणियाँ गजब की होती थीं ।
जवाब देंहटाएंसोचा था कभी उनसे मिलूँगा अवश्य । लेकिन मन की मन में ही रह गई ।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
ब्लाग जगत में उनसे मेरी जैसी पटरी बैठती थी वैसी कम लोगों के साथ ही बैठी । उनकी टिप्पणियाँ गजब की होती थीं ।
जवाब देंहटाएंसोचा था कभी उनसे मिलूँगा अवश्य । लेकिन मन की मन में ही रह गई ।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
ब्लाग जगत में उनसे मेरी जैसी पटरी बैठती थी वैसी कम लोगों के साथ ही बैठी । उनकी टिप्पणियाँ गजब की होती थीं ।
जवाब देंहटाएंसोचा था कभी उनसे मिलूँगा अवश्य । लेकिन मन की मन में ही रह गई ।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
ब्लाग जगत में उनसे मेरी जैसी पटरी बैठती थी वैसी कम लोगों के साथ ही बैठी । उनकी टिप्पणियाँ गजब की होती थीं ।
जवाब देंहटाएंसोचा था कभी उनसे मिलूँगा अवश्य । लेकिन मन की मन में ही रह गई ।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
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विनम्र श्रद्धाँजलि...
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दिवंगत आत्मा को शांति मिले.
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंमेरी ओर से उनको श्रद्धांजलि अर्पित ।
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धाँजलि...
जवाब देंहटाएंहमारी ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धाँजलि...
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