पहुंच गये वर्धा ,ब्लॉगिंग सेमिनार के काज,
बड़े धुरंधर आये हैं, अब खूब जमेगी आज।
खूब जमेगी आज, औ होगा ढेरों-ढेर विचार,
मौका पाकर दिखलायेंगे,देख लीजिएगा यार।
देख लीजियेगा यार, बताना यदि बहक गये,
न पहुंचा वो अपनी जाने, अपने तो पहुंच गये।
-कट्टा कानपुरी
एक बार फ़िर ब्लॉगिंग के बहाने वर्धा पहुंच गये हम। तीसरा कार्यक्रम है ब्लॉगिंग के बहाने वर्धा विश्वविद्यालय का। इस बार इसमें सोशल मीडिया भी जुड़ गया है। दो दिन चलेगा । देखिये कैसा जमता है।
अब तक आये ब्लॉगरों में डॉ अरविन्द मिश्र, सिद्धार्थ त्रिपाठी, श्रीमती रचना त्रिपाठी, कार्तिकेय मिश्र, हर्षवर्धन त्रिपाठी, अविनाश वाचस्पति, संतो्ष त्रिवेदी, शैलेश भारतवासी, डॉ चोपड़ा, शकुन्तला वर्मा, मनीष मिश्र से मुलाकात हुई। बाकी आते होंगे।
सबसे पहले हुये सम्मेलन के मुकाबले गहमा-गहमी कम है। लोग अभी आये नहीं हैं। इलाहाबाद और वर्धा का अन्तर है। लगता है उद्घाटन के बाद समा बंधेगा।
देखिए आगे -आगे होता है क्या?
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जवाब देंहटाएंdekh rahe hain.........bakiya baton ka nahi jante....pan aap hain to 'mouj' jaroor li jayegi...........
जवाब देंहटाएंpranam.
क्या बात है.....मजा आ रहा है।
जवाब देंहटाएंक्या बात है.....मजा आ रहा है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंमजे लीजिये
कुछ फोटो शोटो खीचें
तो हमें भी दिखा दीजिये !
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