आज की खास पेशकश ११ साल के अरिंदम कुमार ,कक्षा ६ की पहली पोस्ट। मोहल्ले और रिजेक्ट माल दोनों जगह यह पोस्ट प्रकाशित हुयी। अरिंदम ने लिखा है-
लेकिन फिल्म तो अच्छी तब बनती जब ईशान अच्छा पेंटर भी नहीं बनता या कुछ भी अच्छा नहीं कर पाता तो भी लोग उसे समझते और प्यार देते। हर बच्चा कुछ न कुछ बहुत अच्छा करे ये उम्मीद नहीं करना चाहिए। ये जरूरी तो नहीं है कि वो कुछ बढ़िया करे ही। कोई भी बच्चा एवरेज हो सकता है, एवरेज से नीचे भी हो सकता है। लेकिन इस वजह से कोई उसे प्यार न दे ये तो गलत है।अरिंदम के इस विचार-विश्लेषण पर अजितजी का कहना है- अरिंदम के आबजर्बेशन में दम है। रा्जीव जैनजी ने तो आगे कहा है-
अरिंदम से परिचय तो करायें।
नये ब्लागर का स्वागत करने का आवाहन कर रहे हैं मसिजीवी। स्वागत करिये न!
कल की चर्चा में कोई सत्यवादी (इत्ते झूठे कि ब्लाग का पता गलत लिखा)कहते हैं कि मैं अपनी फोटो अपनी पत्नी के साथ दिखाने के लिये मेरी पसंद में दूसरे का जिक्र करता हूं। हमारे दो बयान हैं-
१. काश हम इतने हसीन होते। वो शानदार फोटो अनूप भार्गव-रजनी भार्गव दम्पति की है जिनका प्रचार मैं पहले ही कर चुका।
२. हम अपने बारे में क्या प्रचार करेंगे? लोग ही इत्ती झूठी तारीफ़ करके कोटा पूरा कर देते हैं।
आज की वन लाइनर शाम को। पाण्डेयजी बंक मार गये। ये अच्छी बात नहीं है। :)
आपके हुस्न का क्या कहना।
जवाब देंहटाएंhamne kal bhi sach likha
जवाब देंहटाएंhm aaj bhi sach hee likh rahe hean
aap ne kirtivaidya kae link per doori photo lagaayaee hae
kya fayadaa , aap kehaa kirti vaida ko utsaahit kar rahen haen
kewal roj ke roj chitha charch karna , ek postlikhne se behtar hae kee do din baad hee likhe aur jaanch parakh kar pravishiti post kare
jo blogger aap ko niyamit daekhetey nahin padhtey haen unka samay nashat nahin hoga
kament per jhoothi tareef ho jane sae lekh tareef ke kabil nahin ho jaata hae
aap ne aaj bhi keerti vaidya ka link sahii nahi kiya
अरिन्दम् की सोच सही है। मगर फिल्म तो इसीलिए है न, कि हर बच्चे को चाहे वह एवरेज से कितना ही नीचे क्यों न हो कुछ न कुछ करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए। प्यार से दूरी से भी तो प्रेरणा मिलती है। प्यार से वंचित कर, उस के लिए ललचा कर ही तो माँ कुछ सिखाती है अपने बच्चे को।
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट को आप की वजह से ही पढ़ पाया, धन्यवाद्।