भैया के पीछू दो-दो भाई
बड़े प्यारे होते हैं दारू पीने वाले....
नया ब्लू-टूथ आई.डी. कार्ड वाकई में नया है
गा* मार लो पत्रकारिता की
राजनीति का गंदा चेहरा
फूल देखूं जिधर खिलें
प्रिय भडासियो
ब्रॉकली कैसे बनायें
उधार की जिंदगी
बीबी तो इन्तजार करेगी ही...
इसे अपने ब्लॉग पर शब्दों को फेंट कर एक ठौ कविताई पोस्ट बनती थी ;)
वेरी पोस्ट-मॉडर्निस्ट, देबू दा. कहां से कहां निकल लिये? और यहीं बने भी रहे!
जवाब देंहटाएंसही है कुछ और जोड़ते तो ज्यादा मजा आता।
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