....तो मेरे हक़ में दुआ करोगे ! : वायदा नहीं कर सकते लेकिन कोशिश करेंगे।
हनुमान जयंती के दिन भाई समीर " उड़नतश्तरी "से साक्षात् मुलाकात : साधुवाद, साधुवाद!
ब्लॉग मतलब बिंदास लिख : लोग चाहें पढ़ें या न पढ़ें।
अजब-गजब मुशायरा :मुशायरे के शोर से सहम कर गांव की सरहद पर गीदड़ों ने बोलना बन्द कर दिया था।
ई पापा बहुत हरामी हौ! : पटक के मारा जाये।
खोये वहीं पर ..... : फ़िर मिलेंगे चिंतित न हों।
अस्सी वर्षीया कैटरीना कैफ :के दर्शन करा रहे हैं चालीस जमा कुछ के आलोक पुराणिक!
बापू कैद में (व्यंग्य नाटक) कर रहें राजेन्द्र त्यागी। देखिये न!
धोती खुल गई भैया !! कस के बांधना चाहिये, अच्छा हुआ लंगोट पहने थे।
हर बार जिंदगी , जीत गयी! : ये बढि़या रहा!
ब्लॉगर हलकान 'विद्रोही' की ब्लॉग-वसीयत : लीक हो गयी। शिवकुमार मिश्र ने जिम्मेदारी ली।
मेरी पसंद
किस ने किया , किस का इंतज़ार ?
क्या पेड़ ने , फल फूल का ?
फल ने किया क्या बीज का ?
बीज ने फ़िर किया पेड़ का ?
हर बार जिंदगी , जीत गयी !
प्रेमी ने पाई परछाईँ ,
अपने मस्ताने यौव्वन की ,
प्रिया की कजरारी आंखों में ,
शिशु मुस्कान चमकती - सी ,
और ,उस बार भी जिंदगी जीत गयी !
हर पल परिवर्तित परिदृश्यों में ,
उगते रवि के फ़िर ढलने में ,
चन्दा के चंचल चलने में ,
भूपाली के उठते स्पंदन में ,
रात - यमन तरंगों में ,
हर बार जिंदगी जीत गयी !
साधक की विशुद्ध साधना में ,
तापस की अटल तपस्या में ,
मौनी की मौन अवस्था में ,
नि: सीम की निशब्द क्रियाओं में
मुखरित , हर बार जिंदगी जीत गयी !
लावण्या
जमाये रहिये।
जवाब देंहटाएंबड़िया कविता
जवाब देंहटाएंउड़नजी,
जवाब देंहटाएंआपको मेरी कविताएँ पसन्द आती हैं, अच्छा लगता है । आपकी प्रतिक्रिया के लिये आभारी हूँ ।
मेरे मुख्यत: दो ब्लाग हैँ । हाल ही में मैंने अपनी कहानियों का ब्लाग(http://chunindikahaniyan.blogspot.com) आशा है आप इसे भी पसन्द करेंगें ।