हायकू के मौसम में सारिका ने भी हायकू लिखने की शुरुआत की।चिंडियामाने चीन + इंडिया के भविष्य के बारे में बता रहे हैं सुनील दीपक। फोन पर जब दो पुराने प्रेमी मिलते हैं तो क्या करते हैं जानिये लाल्टू से। ठंड के हायकू देखिये फुरसतिया पर तथा बर्फ देखिये मानसी के ब्लाग पर।हिंदी चिट्ठों का प्रिंट लेकर लोगों को पढ़ाने वाले रजनीश बता रहे हैं कि कंप्यूटर पर संगीत कैसे लाया जाये।
भूख लगे तो नागफनी खाओ । अटपटा लगता है लेकिन नागफनी से भुखमरी का इलाज कैसे होता है बता रहें हिंदी ब्लागर ।पत्र मेल संदेश की चेन का खुलासा कर रहे हैं रमण कौल।
अनुगूंज के अगले आयोजक हैं स्वामी जी। विषय है- (अति)आदर्शवादी संस्कार सही या गलत?इसके पहले पंकज ने अनुगूंज के वर्षगांठ अंक का खूबसूरत अवलोकन किया विषय था -हम फिल्में क्यों देखते हैं?अक्षरग्राम पर ही अतुल की विचारोत्तेजक पोस्ट तथा उस पर विस्तृत टिप्पणियां देखें-क्या लाल रात की कोई सुबह नहीं होती?अपनी पहली (असली )वीडियो प्रविष्ट दिखा रहे हैं अतुल। रूपक अग्रवाल की कविता पढ़िये-प्रियसी।इंडीब्लागीस अवार्ड के बारे में कुछ विचार फुरसतिया के।
हिंदी के ब्लागर धनंजय शर्मा नहीं रहे।उनके असामयिक, दुखद निधन पर उनका परिचय देते हुये जीतेंद्र ने सभी हिंदी चिट्ठाकारों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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Posted by अनूप शुक्ला to gupt at 12/05/2005 01:16:00 PM
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