उड़नतश्तरी चली रेल में, इसकी कथा सुनाई जाये
कक्षामें से पंकज जी की कौन रहा अनुपस्थित दो दिन
कंचन पारुल के लेखन पर कुछ तो टिप्पणियां की जाये
फ़ुरसतिया, आलोक पुराणिक, जीतू भाई रवि रतलामी
शानू और मुसाफ़िर, बेजी, बासूती की नई कहानी
प्रत्यक्षा के तीखे तेवर, महावीरजी नये रूप में
क्या क्या गज़लें लेकर आये आज यहां नीरज गोस्वामी
देखूँ मीनाक्षी ने अपना कलम आज है कहां चलाई
क्या क्या लेकर आज टोकरे में, आये हैं पंकज भाई
और महक ने क्या महकाया ज्ञानदत्तजी क्या कहते हैं
ईस्वामी जी किस दुनिया में उड़ा रहे हैं दूध-मलाई
रंजू और सुजाता, पूनम, ममता, नोट्पैड, दीपकजी
क्या कतरन काकेश सजाये, और शास्त्रीजी क्या बोले
यूनुस भाई आज सुनाने को क्या लेकर आये, देखें
और अनिल रघुराज कौन सी गुत्थी आज यहाँ आ खोले
लेकिन घड़ी हाथ से मेरे कलम छुड़ा कर ले भागी है
जितना पढ़ कर लिखना चाहा,उतना संभव हो न पाया
नये वर्ष में और लिखूंगा, वादा खुद से किया हुआ था
दो महीने के बाद जरा सा काम आज देखो निपटाया
hm kahii nahi ??
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपको वापस यहाँ देख कर...इसे जारी रखिये न!! आप की चर्चा का तो हमेशा इन्तजार रहता है.
जवाब देंहटाएंलेख अच्छा लगा. हर चिट्ठे के साथ एकाध पंक्ति अधिक जोड देते तो और अच्छा होता, लेकिन इसके लिये समय बहुत अधिक लग जाता.
जवाब देंहटाएंआप्के लेखों का इंतजार रहेगा.