बहरहाल आप देखिये उनकी मुक्केबाजी।
पिछले दिनों शमाजी के ब्लाग पर कई लेख पढ़े। उनके लेखन की सहजता और ईमानदारी ने काफ़ी प्रभावित किया। अभी-अभी उन्होंने मेरे जीवन साथी सीरीज की आखिरी किस्त लिखी है। देखिये आपको पसन्द आयेगा उनका लिख हुआ पढ़ना।
अभिषेक त्रिपाठी उर्फ़ मोनू ठेलुहा परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इंद्र अवस्थी के ममेरे भाई हैं। लिखने लगे लेकिन इनका ब्लाग किसी एग्रीगेटर पर नहीं है। इससे दुखी हैं। इनका लेख हवामहल इनके हुनर की कहानी कहता है। देखिये आप भी।
अब चन्द एकलाइना।
१.पाकिस्तान से मिली हार बर्दाश्त नहीं होती : चलिये अच्छा अबकी बार बांगलादेश से हार के दिखाते हैं।
२.इन दिनों तू कहाँ है जिंदगी ?... : बताओ नहीं तो हम जा रहे हैं FIR लिखवाने।
३.कल मैंने एक देश खो दिया : संभाल के रखा करो भाई, देश के मामले में लापरवाही ठीक नहीं।
४. उल्लू का पठ्ठा शब्द का उद्भव कईसे हुआ?: फ़ुरसतिया चैनेल खुलासा।
५. उस गली के मोड़ पर : अचानक टक्कर हो जाती है। जरा संभल के चलना!
६.अब जल रही नदी है.. : कोई फ़ायर ब्रिगेड बुलाये।
७. करोगे याद तो हर बात याद आएगी: तो शुरू करो याद करना, मन लगा के करना!
८.किस नजर से देखूँ दुनिया तुझे... : हुश-हुश महाराज को डमरू बजाते हुये बाकी सबको टिपियाते हुये देखा जाये।
९. सबसे अच्छी तारीख:जब सौम्या की तबियत ठीक हुयी।
१०.हत्यारा कौन? सजा किसे? : मतलब खेत खायें गदहा, बांधें जायें कूकुर।
११.आम बगइचा आदर्श विद्यालय एडमिशन लीजिये पानी बरसने से पहले। बाद में कीचड़ हो जायेगा।
१२.गंगा किनारे एक शाम : की कहानी सुना रहे हैं ज्ञानजी सुबह-सुबह!
१३.नाव पर हेलमेट :लादकर आलोक पुराणिक मुंबई पहुंचे। मल्लिका के साथ हीरो बनने के चांस!
१४.एक छोटा सा जहाँ हो : फिर उसको बड़ा करने की ट्राई मारेंगे।
१५. अपने वतन का नाम बताओ: तो जानें।
१६. हर जगह बस आरूषि ही आरूषि: बाकी के लिये कोई जगह ही नहीं।
एकलाइना जबर्दस्त हैं। आपको कार्टूनिस्ट होना चाहिए था।
जवाब देंहटाएंआपका फुरसतिया ब्लॉग मेरे कंप्यूटर पर खुल नहीं पाता। एरर मेसेज आने लगता है। जबकि मेरे मोबाइल पर खुल जाता है। क्या मेरे कंप्यूटर में कोई दोष है, या फिर ब्लॉग में ही कोई जादू-मंतर कर रखा है। कृपया बताने का कष्ट करेंगे।
ऎ भाई, जरा देख के लिखो....दायें ही नहीं, बायें भी और ऊपर ही नहीं निच्चु भी...ऎ भाई
जवाब देंहटाएंजमाये रहियेजी। बहुत दिनों बाद एकलाइनर हुए हैंजी।
जवाब देंहटाएंबड़े दिनों बाद चिटठा चर्चा पढने को मिली । और हमेशा की तरह दिलचस्प अंदाज।
जवाब देंहटाएंभाईजी, एक लाइना सदा की तरह भोत मजेदार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया. अब रोज लिखा करिये, इन्तजार करेंगे. :)
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