बहुत से चिट्ठाकारों ने अपने चिट्ठों पर अपनी पसंदीदा चिट्ठा-सूचियाँ टांग रखी हैं. इससे उनके पसंद और विचार का आभास तो होता ही है, साथ ही उन चिट्ठों में पहुँचने का आसान लिंक भी मिलता है.
ऐसे ही 2 चिट्ठों के ब्लॉगरोल नमूनार्थ पेश हैं. ब्लॉग रोल कहाँ से उठाए हैं ये महत्वपूर्ण नहीं हैं, महत्वपूर्ण ये है कि देखिए कि कुछ चिट्ठे इन ब्लॉगरोलों में रिपीट क्यों हो रहे हैं – सार्थक सामग्री या शीयर गुटबाजी?
ब्लॉग रोल 1
- अ-शब्द
- अंतरिम
- अंतर्ध्वनि
- अंतर्मन
- अज़दक
- अनवरत
- अनहद नाद
- अनामदास का चिट्ठा
- अन्तर सोहिल
- अपना घर
- अपनी डफली... सबका राग !
- अपनी, उनकी, सबकी बातें
- अभिव्यक्ति
- अमीर धरती गरीब लोग
- अरे बिरादर !!
- अवधी कै अरघान
- अहा जिन्दगी!!!
- आइये करें गपशप
- आदत.. मुस्कुराने की
- आदित्य
- आरंभ
- आराधना का ब्लॉग
- आरोही
- आलाप
- आलोक
- आलोक पुराणिक की अगड़म बगड़म
- आवारा बंजारा
- इन्द्रधनुष
- इयत्ता
- इयत्ता-प्रकृति
- इलाहाबादी का पोस्टरस
- इसी बहाने
- ई-पंडित
- ई-स्वामी
- उन्मुक्त
- उपस्थित
- उड़न तश्तरी ....
- एक आलसी का चिठ्ठा
- एक हिंदुस्तानी की डायरी
- ओझा-उवाच
- कंट्रोल पैनल
- कड़वी खट्टी मीठी
- कथाकार
- कभी यूँ भी तो हो!
- कल की दुनिया
- कलम
- कलरव
- कल्पतरु
- कविताएँ और कवि भी..
- कविताओं के मन से
- कवितायन
- कशमकश
- काकेश की कतरनें.
- काजल कुमार के कार्टून
- किस से कहें ?
- किस्सा-कहानी
- कुछ अपनी कहो! मेरी तो मैं सुना ही दूंगा!!
- कुछ एहसास
- कुछ तो है.....जो कि !
- कुछ लोग... कुछ बातें... !
- कुछ हम कहें
- कुश की कलम
- कूल लिंक्स - वैब जुगाड़
- कॉफी विद कुश
- क्रियेटिव कोना
- क्वचिदन्यतोअपि..........!
- खेती-बाड़ी
- गत्यात्मक ज्योतिष
- गुलमोहर का फूल
- घुघूतीबासूती
- घोस्ट बस्टर का ब्लॉग
- चिट्ठा चर्चा
- चोंच में आकाश
- चौमासा
- छिपक्कली
- जयहिंदी
- जादू
- जिंदगी के रंग
- जीवन के पदचिन्ह
- जो न कह सके
- जो न कह सके
- जोग लिखी संजय पटेल की
- जोगलिखी
- ज्ञान दर्पण
- ज्ञानदत्त पाण्डेय के पसंदीदा चिट्ठे
- ज्ञानवाणी
- जज़्बात
- झरोखा
- झा जी कहिन
- टूटी-फूटी
- डिवाइन इण्डिया
- डूबेजी
- डेबिट क्रेडिट
- तकनीकी दस्तक
- तरंग
- तस्लीम
- तस्वीरघर
- दरवार
- दस्तक
- दिमाग की हलचल
- दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है
- दिल की बात
- दिशाएं
- दुनिया मेरी नज़र से
- देश-दुनिया
- धरोहर
- निंदा पुराण
- निठल्ला चिन्तन
- निनाद गाथा
- निरन्तर
- निर्मल-आनन्द
- नीरज
- नुक्ताचीनी
- नौ दो ग्यारह
- पराया देश
- परिकल्पना
- पहला पन्ना
- पहलू
- पाथेय कण
- पारुल…चाँद पुखराज का
- पाल ले इक रोग नादां...
- पुरातत्ववेत्ता
- पेश दिल का हाल है, लाल संग बवाल है !
- प्रतिभास
- प्राइमरी का मास्टर
- प्राची के पार ...
- प्रेम ही सत्य है
- फिलहाल
- फुरसतिया
- बतंगड़
- बतकही
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- बामुलाहिजा
- बारिश की खुशबू ..
- बाल सजग
- बालकिशन का ब्लॉग
- बिटवीन द लाइंस
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- ब्लॉगरबस्ती
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- भारतीय नागरिक - Indian Citizen
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- महाशक्ति
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- मालव संदेश
- मिर्ची सेठ
- मीडिया डाक्टर
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- मुसाफिर हूँ यारों
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- मेरी आवाज
- मेरी कठपुतलियां
- मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
- मेरी कविता
- मेरी कविताएँ
- मेरी छोटी सी दुनिया
- मेरी शेखावाटी
- मेरी स्लेट.....
- मेरे गीत !
- मेरे विचार, मेरी कवितायें
- मै और कुछ नही...
- मैत्री
- मैनें आहुति बनकर देखा..
- यह भी खूब रही।
- युगान्तर
- यूनुस ख़ान का हिंदी ब्लॉग : रेडियो वाणी
- रविरतलामी का हिन्दी ब्लॉग
- राजसिंहासन
- राजू बिन्दास!
- राष्ट्रचिन्तन
- लपूझन्ना
- लहरें
- लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`
- वर्द्धमान
- विचारों की जमीं
- विनय पत्रिका
- विप्लव
- विवेक वेबलॉग - हिन्दी संस्करण
- वीर बहुटी
- शकुनाखर
- शब्दों का सफर
- शान की सवारी
- शिवकुमार मिश्र का ब्लॉग
- शेर-ओ-शायरी
- श्रीश उवाच
- संचिका
- संवेदना संसार
- संस्कृत
- संस्कृति
- सच्चा शरणम्
- सत्यार्थमित्र
- सदाग्रह..
- सफ़ेद घर
- समकाल
- समयचक्र
- साईब्लाग
- सारथी
- सुदर्शन
- सुनिये मेरी भी....
- सुनो भाई साधो....
- सृजन शिल्पी
- स्वप्नरंजिता
- हमारा पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान
- हरिहर झा
- हरी मिर्च
- हलंत
- हिंदीज़ेन ब्लॉग
- हिंदीब्लॉगजगत
- हिन्दी पन्ना
- हिन्दी ब्लॉग
- हिन्दी ब्लॉग
- हिन्दी ब्लॉग टिप्स
- हिन्दुस्तानी एकेडेमी
- हे प्रभु यह तेरा-पथ
- ॥ संगम तीरे ॥ Sangam Teere
ब्लॉगरोल 2
रामपुरिया का हरयाणवी ताऊनामा !
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से.....
RD Saxena : Spreading fragrance of Malwa
जुनून: कोई भी सफलता मंजिल नहीं होती
HINDI VANGMAY ALIGARH हिन्दी वाडमय
हिन्दी साहित्य .....प्रयोग की दृष्टि से
अब आपने यह ब्लॉग रोल कहाँ से लिए है यह तो आप जाने हम तो इतना बता सकते है कि हम और हमारे ब्लॉग कहीं नहीं है इन सूचियों में ! आगे रब राखा !!
जवाब देंहटाएंयदि दो अलग अलग ब्लोग्स के ब्लॉग रोल में कुछ चिट्ठे समान है तो इसमें "शीयर गुटबाजी" नहीं मानी जा सकती ये तो अपनी अपनी पसंद है !!
जवाब देंहटाएंइसको शेयर गुटबाजी कतई नहीं कहा जा सकता है ... बल्कि ये अपनी अपनी पसंद है......आभार
जवाब देंहटाएंपहला ब्लॉग-रोल तो जाना पहचाना है !
जवाब देंहटाएंकोई गुटबाजी नहीं है! पसन्द का मामला है !
हमारे कुछ भी पल्ले नहीं पड़ा!
जवाब देंहटाएंमुझे भी यही लगता है कि यह गुटबाजी नहीं अपनी पसंद मात्र है।
जवाब देंहटाएंजो अच्छे ब्लौग हैं वो तो कई-कई ब्लौगरोलों में रिपीट होंगे...
जवाब देंहटाएंअरे आप ने इतनी मेहनत से इसे तेयार किया, सच मै आप बधाई के पात्र है, बहुत अच्छा लगा.धन्यवाद,
जवाब देंहटाएंये लिस्ट मेहनत से तैयार की गयी है ... आप की है तो आप बधाई के पात्र हैं .. किसी के ब्लॉग्रोल से ली गयी है तो वो बधाई के पात्र हैं ...
जवाब देंहटाएंमैं खुश हूँ... आदित्य दोनों में है.. :)
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंलाली देखन मैं चला......
सभी दिक्खै लाल
जो घर देखा आपना
तो खुद ही ठहरा लाल
________________
तू स्पैम ठहराये या माडरेट करे
हम तो हैं तेरे दीवानों में
हम शम्मह का सीना रखते हैं
रहते हैं मगर परवानों में
जवाब देंहटाएंबड़े भाई, आपका ब्लॉग एक में देवनागरी
और दूसरे में रोमन लिपि में है... यूँ तक़लीफ़ का अफ़साना आप क्योंकर गुनगुनाये ?
मैं लम्बे समय से अपने ब्लौग रोल को अपडेट नहीं कर पाया हूँ पर मैंने कुछ ब्लौगों में देखा कि मेरे ब्लौग रोल को ही कॉपी-पेस्ट करके उपलब्ध कराया गया है. इसमें कोई दोष नहीं है. जो अच्छे ब्लौग है वे जितनी ज्यादा जगहों पर दिखें उतना ही अच्छा है.
जवाब देंहटाएंरवि साहब,
जवाब देंहटाएंवजह कुछ भी हो सकती है। सार्थक लेखन, शीयर गुटबाजी, अपनी पसंद, अपनी नापसंद(कई ब्लॉग्स नापसंदगी के कारण भी फ़ॉलो किये जाते हैं)। इनमें से कई ब्लॉग्स उन ब्लॉग्स की सूची में भी जरूर होंगे जहां आप विचरण करते हैं, और जिनका आपने अपनी पोस्ट में जिक्र किया था शायद दो दिन पहले।
बहरहाल, बहुत से लिंक्स तो मिल ही जाते हैं इन ब्लॉगरोल्स से।
और आपके प्रयास की तो सराहना ही कर सकते हैं, इतनी खोजबीन करना बहुत मेहनत का काम है।
आभार।
thanx...
जवाब देंहटाएंलग रहा है बहुत मेहनत कर डाली आपने ...
जवाब देंहटाएंनिर्गुटों का गुट बनेगा शायद रवि की अगुवाई में?! :)
जवाब देंहटाएंरवि जी,
जवाब देंहटाएंकहाँ मैं चुपचाप वेबदुनिया के किसी कोने पड़ा अपने हिन्दी ब्लॉगर होने का एकाकी सुख भोग रहा था और किसी दिन आपकी दी हुई समझाइश ने मुझे ब्लॉगस्पॉट से जोड़ दिया।
यह तो मेरा सौभाग्य ही हैं कि किसी के ब्लॉगरोल में मेरा ब्लॉग "कवितायन" भी शामिल है।
वैसे ब्लॉगरोल किसी गुटबाजी न होकर विशुद्ध रूप से पसंद पर आधारित ही है ऐसा मेरा मत है...आगे आप सुधिजन जाने.....
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
मैंने तो सारे ब्लॉग लिंक कापी मार के अपने ब्लॉग पर लगा लिए हैं .. अब सुविधा हो जायेगी नए नए ब्लॉग खोजने और पढ़ने मे ... रही बात ब्लोगरोल की तो जिसकी जैसी पसंद ... और जैसी जिसकी नियति ... कोऊ नृप होहिं हमहिं का हानी
जवाब देंहटाएंHam dono hi gut me hain. :)
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग तो एक ही रोल में है , फिर भी मैं समझता हूँ कि अलग अलग ब्लॉगरोल में किसी ब्लॉग की उपस्थिति किसी गुटबाजी की वजह से नहीं.
जवाब देंहटाएंपहले हम भी दोनों में हुआ करते थे । अब ऊपर वाले ने शायद निष्कासित कर दिया ।
जवाब देंहटाएंपसन्द का मामला है. गलत भी नहीं. निर्गूटता भी एक तरह की गूटबाजी ही है.
जवाब देंहटाएंगुटबाजी भी हो सकती है पर केवल गुटबाजी नहीं। हम अब विकिपीडिया एवं अन्य औजारों सम्बन्धी काम में व्यस्त होने से चिट्ठाजगत में सक्रिय नहीं न ही अन्य लोगों से सम्पर्क रख पाते हैं पर भी कई चिट्ठों के ब्लॉगरोल में हैं। उन सभी मित्रों को आभार।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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