रविवार, सितंबर 04, 2005
कैटरीना का कहर-दरकती चुप्पी
चर्चाकारः
debashish
अमेरिका के कैटरीना के कहर के नजारे सुनिये आशीष से तथा आपदा प्रबन्धन में हुई उदासीनता का गणित जानिये स्वामीजी से. मदर टेरेसा क्या वास्तव में संत थीं इस पर विचार कर रहें हैं रमन कौल. शास्त्रीय संगीत की समझ आते-आते आती है कुछ ऐसा मानना है सुनील दीपक का. अगर आदमी अमर हो जाये तो क्या समस्यायें होंगी उनकी कल्पनायें रवि करते हैं. निठल्ले तरुन गैस की कमी, ड्रेस कोड से जूझते हुये अंत में सुभाषित सहस्र में अपना योगदान देते पाये गये. भोलाराम कहते हैं उनको लिखने में 'डिस्टर्ब' न किया जाये. काली की खिचडी का स्वाद खुद चखिये. हिंदी ब्लाग जगत की सक्रिय चिट्ठाकार प्रत्यक्षा के बारे में पढिये फुरसतिया में.
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