शनिवार, सितंबर 10, 2005
विकसित देश के आपदा प्रबंधन
चर्चाकारः
debashish
अमेरिका में आये तूफान से पीडित लोगों के प्रति कैसा संवेदनशून्य रवैया रहा अमेरिकी सरकार के नुमाइंदों का, इसके बारे में पड़ताल कर रहे हैं स्वामीजी. इसके पहले आशीष ने अमेरिका जैसे विकसित देश के आपदा प्रबंधन की भारत जैसे विकासशील देश के शहर मुंबई के आपदा प्रबंधन से तुलना की. जालस्थल को लोकप्रिय बनाने के फंडे पाइये आलोक से. हिंदी के १०० चिट्ठे पूरे होने के बाद की रूपरेखा की कल्पना कर रहे है आलोक. इधर रविरतलामी ने अपने जीवन के छींटेदार अनुभव बताने शुरु किये. दावतें भी कैसे बवाले-जान बन जाती हैं, जानिये सुनीलदीपकजी से. मंगल पर दंगल का आयोजन कर रहे हैं देवाशीष. लालादीन दयाल अमेरिका से भारत क्यों भागना चाहते हैं जानिये लक्ष्मी गुप्ता जी से. हडबडी मत करिये आराम से पढियेगा पूरा कवि सम्मेलन है उधर. आशीष कयास लगा रहे हैं भारत के विकास के बारे में. भारतेन्दु हरिशचन्द्र् की हजलें पढिए रचनाकार में. हनुमानजी संतोष की शिक्षा देते हैं. जब सब लोग जीतेन्द्र को जन्मदिन की शुभकामनायें दे रहे थे तो वे पता नहीं कहां केक काट रहे थे!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।
नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.