शुक्रवार, अगस्त 05, 2005

शहरों के गाइड

अगर आप किसी शहर में भटक गये हों तो परेशान न हों। किसी कैफे में जाकर नेट पर रोजनामचा पढ़ें। आपको पता चल जायेगा आप कहां हैं। अतुल ने खास प्रोग्राम बनाया है इसके लिये।अभी कुछ खास शहर से बात शुरु की गयी है। बाकी बाद में जुड़ेंगे।

लेकिन किसी भी शहर में घुसने के पहले वंदना के सुरों में कुछ सुर जरूर मिला लें। लक्ष्मी गुप्ता जी सुना रहे हैं वंदना।

जीतेंद्र चौधरी लगता है सबको भारत दर्शन करा के ही मानेंगे। फन वैली तथा पहाड़ी रास्तों के खूबसूरत नजारे देखिये। हां अगर कहीं देश की

बात चली तो भ्रष्टाचार तो आयेगा ही रवि रतलामी के साथ।

जो डरता है वही डराता है। आजका सबसे भयभीत समाज है वह जिसके पास सबसे ज्यादा ताकत है। यह मैं नहीं खाली-पीली वाले आशीष श्रीवास्तव कह रहे हैं:-
कहा जाता है की इस देश का इतिहास ही हिंसा से भरा हुआ है. वो रेड इंडियनों से संघर्ष हो, या उसके बाद का खूनी स्वतंत्रता संग्राम. विश्व युद्ध और उसके बाद शीत युद्ध्. और आंतक के खिलाफ युद्ध. ये सभी कारण है इस भय का.
लेकिन क्या ये सच है ? पता नही. नियति कि विडंबना दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र और सबसे ज्यादा भयभीत जनता !

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