- सभ्यता के नशेड़ी: निठल्ला होंगे तो नशा लाजिमी है। अपने निठल्ले भी शिकार हो गये -नशे के। नशा है सभ्यता का। देखें शायद आप भी इसमें डूबना चाहें।
- बदलाव तो होता ही है: यात्रा में कुछ तो बदलेगा ही
लगता है कि बहुत हुआ
कुछ करने को अब नहीं बचा
पर जब भी मिलते हो फिर से
बंधन एक और खुल जाता है
कुछ हर बार बदल जाता है।
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