- प्रेमिका के बालिग होने का इंतजार करते करते इतना वक्त बीत गया कि वो एक सिलेंडर बेचने वाले के साथ भाग गई-अपनी ढपली
- मास्टर्स तो रसायन शास्त्र में कर रही थी मगर किताबें ज्योतिष की पढती थी, मम्मी से छुपा कर मानसी
- छोटे हो सपने किसी के, उसे हँसी में मत उडाना-कुछ कहना है
- कम्प्यूटर के जरिए कलाकृतियों के निर्माण की संभावनाएँ अनंत हैंरवि रतलामी
- अपने तो आगे पीछे सब तरफ से धुआँ निकलने लगता है- नितिन बागला
- कुछ तो बचपना था, कुछ समझदारी थी /कुछ तो समझ ख़ुदग़र्ज़ी से हारी थी-एक यात्रा
- हूक उठी दिल में कुछ ऐसी ,दूर क्षितिज तक चलता जाऊं- महावीर शर्मा
- यहां हिंदी के प्रमुख जालघर दिखते हैं-सारिका सक्सेना
- हम यहां वैदिक ज्योतिष की बात कर रहे हैं- मानसी
- तोराजा एक विषेश आदिवासी जन जाति हैसुनील दीपक
- सृष्टि झूमती है सभी,सर्वथा अकारण/मानव ही पूँछता,
क्यों जीवन का कारण?- काव्यालय - कटुक वचन मत बोल रे-योगब्लाग
- ओये देशी तेरी ऐसी की तैसी।हम अपने उत्पाद बनाने के बजाए हरे चारागाहों मे जा कर दोयम काम करते रह जाते हैं-ईस्वामी
- जब औरत आइटम में तब्दील होगी तो उससे व्यवहार का व्याकरण भी उसी तरह बदलेगा।- फुरसतिया
- शिक्षा के नाम पर बेहूदा प्रयोगों की यह इति-अति है-रविरतलामी
- ये अपना गुगलवा क्या क्या करेगा?जीतेन्दरजो है,उसका होना सत्य है,/जो नहीं है, उसका न होना सत्य है -
कविता सागर - आँसुओं के मौन में बोलो तभी मानूँ तुम्हें मैं,/खिल उठे मुस्कान में परिचय, तभी जानूँ तुम्हें मैं-कविता सागर
- भोजपुरिया और भोजपुरी प्रेमी के स्वागत करे के चाहीं-भोजपुरिया
Posted by अनूप शुक्ला at १०/०९/२००५ ०३:१५:०० अपराह्न
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