शुक्रवार, अक्तूबर 21, 2005

दीवाने ने आकर फिर एक दीये की लौ जलाई

दिल्ली ब्लाग शुरु हुआ, लोग मैराथन दौड़े और हादसा हो गया हादसों के शहर में। यह सब देखकर भोपाली भाई का दूध उबलनेलगा और विद्रोही के यहां जलजला आ गया। इधर लक्ष्मी गुप्त जी ने एक पत्ती देखी, फिर कुछ देर बाद पूछने लगे कहां है तू?मीडिया से जुड़े हिंदी ब्लागर का मानना है कि महामहिम को बचकाना लफड़ों में नहीं पड़ना चाहिये। आशीष तिवारी बकवास के बाद बहस भी करना चाहते हैं। बालेंदु शर्मामीडिया की भाषा के अगड़म-बगड़मपन पर निगाह डाल रहे हैं। अखबारों के बेसिर-पैर शीर्षक और ईश्वर का पक्षपात भी इनकी निगाह में है।

जीतेन्दर पेश कर रहे हैं गड़बड़झाला शायरी बमार्फत निशाजी:
तुमको देखा तो ये ख्याल आया
पागलों के स्टाक में नया माल आया
कार्टून दिखाते हुये पीएचपी सिखाने के लिये जुटे हैं। जीतू के ब्लाग पढ़वाने की साजिशों का जबाब कालीचरन देते हैं-
ये जुगत लगाऊं या वो जुगत लगाऊं,
सोच रहा है लिखने वाला,
कलम घिस तू लिख चला चल,
मिल जायेगा पढ़ने वाला।


सुनील जी भारत से लौटे साथ में लाये ढेर सारी यादेंकविता सागर के सीने से रोज नये रत्न निकलने बदस्तूर जारी हैं। रविरतलामी जी बीएसएनएल के ब्राडबैंड केअनुभव बता रहे हैं हिंदी में ओपेरा की सहायता से आफलाइन चैट करते हुये। स्वामीजी बता रहे हैं (या पूछ रहे हैं) ये क्या जगह है दोस्तों! नीरज त्रिपाठी यौन शोषणमें लग गये और आशीष मना आये चुपके से अपना जन्मदिन । दूसरे आशीष कहने लगे जीवन भी क्या बला है। रचनाकार में कंप्यूटर गुरु स्टीव जॉब्स की सलाह देखें-भूखे रहो,मूर्ख रहो। छठी मइया के गीत सुने शशि से। फुरसतिया भी कुछ कहे हैं सो देखिये

अगर आपको भारतीय रेलवे की कार्यशैली जाननी हो तो अनिमेष पाठक की पोस्ट देखें कि कैसे माफ कर देने वाले के लिये कहा जाता है छोड़ दिया उसे बेचारा समझ कर। कुंडली मिलाते-मिलाते मानसी ने अचानक शमा-परवाने की कुंडली मिला दी:
एक चराग़ जल रहा था
लौ भी धीमे धडक रही थी
किसी हवा के झोंके से डर
धीर धीरे फ़फ़क रही थी

अंधेरा फिर से जाग उठा और
रात ने फिर से ली अंगडाई
मगर किसी दीवाने ने आकर
फिर एक दीये की लौ जलाई

Post Comment

Post Comment

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative