...और ये एक और शानदार सम्मेलन की शुरुआत!
वर्धा में आज अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरु होने वाला है। कई साथी आ गये हैं और बकिया आने वाले हैं। सुबह-सुबह ट्रेन से उतरे तो जाकिर अली रजनीश और रवीन्द्र प्रभात स्टेशन पर ही मिले। सबसे पहला फ़ोटो उनका ही खींचा गया। जाकिर ने बताया कि स्टेशन से वर्धा साठ किमी दूर है। बाद में पता चला कि दूरी आठ किमी ही है। मैंने बगल में बैठे रवीन्द्र प्रभात से अनुरोध किया कि जाकिर भाई को अफ़वाह चेतना संपन्न ब्लॉगर का इनाम दिया जाये। अंतिम बात होने तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
वर्धा परिसर पहाड़ियों में बसा सा दीखता है। पहुंचते ही विवेक दिखे। पहली मुलाकात इस शानदार ब्लॉगर से। अनीता कुमार, यशवंत सिंह और कविता जी भी मिले। सिद्धार्थ बिना हड़बड़ी के शांत मुद्रा में। मुस्कराते हुये चिर सजग इंतजाम तत्पर। साथ में अविनाश वाचस्पति जी हैं। श्रीमती अजित कुमार जी भी आ गयीं हैं।
रतलाम की रहने वाली और नई दुनिया में कार्यरत गायत्री शर्मा भी आयी हैं। वे हिंदी ब्लॉगिंग विषय पर पी एच डी कर रही हैं।
कमरे में पहुंचते ही वाई फ़ाई मिला और हम शुरु हुये। दिन भर विवेक भी लगे रहेंगे।
कमी खल रही है विनीत कुमार की। उनको जबरियन बुलाया जाना चाहिये। हिंदी ब्लॉगिंग की सबसे जागरुक और होनहार प्रतिभा हैं विनीत।
अरविन्द मिश्र के बिना मजा नहीं आता किसी महफ़िल में। वे होते तो कुछ नोकझोंक होती। आनंद आता। चुनाव भी इसई समय होने थे।
आलोक धन्वा जी कह रहे थे कि ब्लॉगिंग अद्भुत विधा है। यह बात मैं आज कहूंगा।
आगे की कहानी चलती रहेगी दिन भर। शेफ़ालीजी ऐन मौके पर नहीं आ पायीं। उन्होंने अनुरोध किया था कि यहा की खबरें देते रहें सो शुरुआत हो रही है।
इस्मत जी के ब्लॉग का आज पहला साल पूरा हुआ। उनको वर्धा से बधाई ।
चाय पी या नहीं??
जवाब देंहटाएंअनूप जी ,इतने व्यस्त कार्यक्रम में भी आप को मेरे ब्लॉग की सालगिरह याद रही ,बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअच्छा है जी. अगले कुछ दिनों तक धमाकेदार पोस्टें पढ़ने का जुगाड़ हो गया.
जवाब देंहटाएंजाना तो था अनूप जी मुझे भी। पर सरकार ने नहीं छोड़ा। इस संगठन के पीएलबी की महत्व अप समझते हैं। उसकी अधिसूचना आने वाली है। उसपर त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
जवाब देंहटाएंखैर ... आपको शुभकामनाएं। सम्मेलन की सफलता की भी। बहुत अच्छी प्रस्तुति।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
फ़ुरसत में …बूट पॉलिश!, करते देखिए, “मनोज” पर, मनोज कुमार को!
aap logon ke madhya apni oopasthiti darz karna
जवाब देंहटाएंchahta tha ..... lekin kai-ek karno se sammalit
nahi ho paya ... khed hai....
ab jab aap itna jiwant chitran kar rahe hain...
to sammalit na ho pane ka afsos nahi hoga......
ye untarrastriya sammelan ....... boolandi par pahunche....: mangalkamnaye....
aur apko charan sparsh....
हम भी नागपुर पहुँच गये हैं।
जवाब देंहटाएंकुश चाय-वाय, नास्ता-फ़ास्ता सब हो लिया। अब आ गये हैं उद्घाटनिया सेमिनार में। प्रवीण जी लपकते हुये आइये। दोपहर बाद वाले सत्र में मुलाकात होगी। इस्मत जी आपको फ़िर से मुबारक हो।
जवाब देंहटाएंदूसरा सोपान । इलाहाबाद ..फिर वर्धा ।
जवाब देंहटाएंआप हैं तो खबरें मिलेंगी ही । अरविन्द जी की कमी तो खलेगी ही ।
हम बने रहेंगे दिनभर आज यहां ।
आभार ।
लाइव रिपोर्टिंग पर हम भी आँखें टिकाए रहेंगे. :)
जवाब देंहटाएंबाह बाह चलिए अब अईसने एक से एक रिपोर्ट सब दन दना के पटकते रहिए ..गूगल बाबा के सीने पर ..
जवाब देंहटाएंअनुरोध स्वीकार करने का धन्यवाद ....अच्छा लग रहा है रिपोर्ट देखकर
जवाब देंहटाएंकुश चाय पर आमंत्रित नहीं थे क्या ? तबतो गांधी जी की एक वैसाखी नहीं पहुँची ...
जवाब देंहटाएं‘अरविन्द मिश्र के बिना मजा नहीं आता किसी महफ़िल में"
जवाब देंहटाएंआते तो कमेटवा सूना हो जाता :)
जाग रूक ब्लॉगर
जवाब देंहटाएंचलता चला चल
Lagta hai Mahatma Gandhi Hindi Vishwavidyalaya men saare moorkh wahan ka blog chala rahe hain . Shukrawari ki ek 15 November ki report Priti Sagar ne post ki hai . Report is not in Unicode and thus not readable on Net …Fraud Moderator Priti Sagar Technically bhi zero hain . Any one can check…aur sabse bada turra ye ki Siddharth Shankar Tripathi ne us report ko padh bhi liya aur apna comment bhi post kar diya…Ab tripathi se koi poonche ki bhai jab report online readable hi nahin hai to tune kahan se padh li aur apna comment bhi de diya…ye nikammepan ke tamashe kewal Mahatma Gandhi Hindi Vishwavidyalaya, Wardha mein hi possible hain…. Besharmi ki bhi had hai….Lagta hai is university mein har shakh par ullu baitha hai….Yahan to kuen mein hi bhang padi hai…sab ke sab nikamme…
जवाब देंहटाएंMAHATMA Gandhi Hindi University , Wardha ke blog per wahan ke teacher Ashok nath Tripathi nein 16 november ki post per ek comment kiya hai …Tripathi ji padhe likhe aadmi hain ..Wo website bhi shuddha likh lete hain..unhone shayad university ke kisi non exhisting employee ki fake id bhi nahin banwai hai..aur unhone program mein present na rahne ke karan pogram ke baare mein koi comment nahin kia..I respect his honesty ..yahan to non readable post per bhi log apne comment de dete hain...really he is honest...Unhen salaam….
जवाब देंहटाएंमहोदय/महोदया
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतिक्रया से सिद्धार्थ जी को अवगत करा दिया गया है, जिसपर उनकी प्रतिक्रया आई है वह इसप्रकार है -
प्रभात जी,
मेरे कंप्यूटर पर तो पोस्ट साफ -साफ़ पढ़ने में आयी है। आप खुद चेक कीजिए।
बल्कि मैंने उस पोस्ट के अधूरेपन को लेकर टिप्पणी की है।
ये प्रीति कृष्ण कोई छद्मनामी है जिसे वर्धा से काफी शिकायतें हैं। लेकिन दुर्भाग्य से इस ब्लॉग के संचालन के बारे में उन्होंने जो बातें लिखी हैं वह आंशिक रूप से सही भी कही जा सकती हैं। मैं खुद ही दुविधा में हूँ।:(
सादर!
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
वर्धा, महाराष्ट्र-442001
ब्लॉग: सत्यार्थमित्र
वेबसाइट:हिंदीसमय
इसपर मैंने अपनी प्रतिक्रया दे दी है -
सिद्धार्थ जी,
मैंने इसे चेक किया, सचमुच यह यूनिकोड में नहीं है शायद कृतिदेव में है इसीलिए पढ़ा नही जा सका है , संभव हो तो इसे दुरुस्त करा दें, विवाद से बचा जा सकता है !
सादर-
रवीन्द्र प्रभात