रविवार, जून 13, 2010

कौन है सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर?

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आपका अपना कोई कोण हो सकता है – ब्लॉगिरी श्रेष्ठता का, और आप उसे ही मानते हैं, मानते रहेंगे. ठीक है पर दूसरे क्या कुछ कह रहे हैं उन पर एक बार नजर मार लेने में आपका जाता क्या है?

राम त्यागी ने हाल ही में बताया -

कौन है सर्वश्रेष्ट ब्लॉगर :
वारेन बफेट अमेरिका के जाने माने अरबपति है जिन्होंने अपना पैसा स्टोक्स में इन्वेस्टमेंट के जरये कमाया. बहुत ही सरल और साफ जीवन जीने वाले इंसान हैं और अंको के महारथी हैं.  महारथी बनने से पहले उन्होंने कुछ अपने पिता से सीखा और बहुत कुछ अपने गुरु बेंजामिन ग्राहम से सीखा. दोनों ने मिलकर साथ साथ एक कंपनी भी चलाई, पर अंत में वारेन साहब लम्बी रेस के घोड़े निकले और अभी तक दौड़ में हर किसी से आगे है.  तो ब्लॉग्गिंग में आप बहुत दिनों से हैं,  या पहले ब्लॉगर हैं, उससे आपकी सर्वश्रेष्ठता साबित नहीं होती,  हो सकता है की आपसे ही कुछ सीखकर मैं और भी अच्छा लिखने लगूं.  ब्लॉग्गिंग में अच्छा होने के लिए आपको जमकर पढ़ना पड़ेगा और थोडा रचनात्मक भी होना पड़ेगा.  अच्छा और आकर्षक कंटेंट ही आपको आगे ले जाएगा.   तो इधर सीनियर / जूनियर  और पहले मैं और आप का झगडा बंद करके अपनी मौलिकता पर ध्यान दिया जाए तो सही रहेगा.  वैसे भी ब्लॉग तो आपकी डायरी है, आपके स्वभाव या जानकारी का दर्पण है इसलिए इसमें तुलना कैसी ...हर किसी का अपना तरीका और हर किसी का अपना अद्वितीय भाव होता है जो आपको इधर दिखेगा.  तो लिखो जो मन कहे...!!  पर भावों पर अनुशाशन रख कर !!

सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर बनने  के चंद और भी श्योरशॉट फंडे पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ

चर्चा के लिए एक कड़ी आवारा बंजारा संजीत त्रिपाठी ने भेजी. जापानी मौसी की बात. जापानी मौसी अभ्यास के लिए दैनिंदनी बातें गड़बड़ हिन्दी में बहुत बढ़िया लिखती हैं. अपनी ताज़ी पोस्ट में 21 वर्ष पहले के अपने विवाह के संस्मरणों की चित्रमय झांकी प्रस्तुत कर रही हैं. ऊपर का खूबसूरत चित्र उन्हीं का है. अपनी एक पोस्ट में चान – जैकी चान के ‘चान’ के बारे में दिलचस्प बात बता रही हैं.

 

जापान के ही एक अन्य व्यक्ति का हिन्दी चिट्ठा – जापान के एक कोने से (http://namaste20matsu.blogspot.com/) दिसम्बर 2004  से चल रहा था जिसकी चर्चा एकाधिक बार इस ब्लॉग में पहले भी हो चुकी है. अभी यह ब्लॉग मिटा दिया गया प्रतीत होता है, हालाकि गूगल कैश में इसके कुछ पन्ने अभी दिख रहे हैं -

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बेल्जियम की ज्यॉर्जिया भी हिन्दी में बिन्दाज़ लिखती हैं – अपनी ताज़ा पोस्ट में प्रेमचंद के घीसू-माधव के बारे में अपने अनुभव यूं बयां करती हैं -

 

पढ़ने में, लगता है कि ज्यों-ज्यों घीसू और माधव अचानक असली व्यक्ति होते जा रहे हैं। जैसे उनकी शकल मेरे तरफ फोकस्ड हैं, जैसे मेरे तरफ देखते रहते है और घूरते रहते है, जैसे रोज़ मेरी तरफ होता है, जब मैं हजरतगंज या चौक या अमीनाबाद के मोहल्ले में घुमा करती हूँ। लगता है कि हर दिन मैं घीसू और माधव कि नज़र से मिलती हूँ, हज़ारों एकदम हिन्दुस्तानी आँखों से माधव और घीसू कि तस्वीर नजर आती हैं।

 

विदेशी ज्यॉर्जिया के बिन्दाज़ हिन्दी ब्लॉग की बात पर राजू बिन्दास के देसी इन्डियन ब्लॉगर्स याद आ गए. वे कौन हैं ये तो आप वहीं जाकर पढ़ें, और इस बीच कोई और विदेशी का चिट्ठा आपकी नजरों में आया हो तो उसकी कड़ी हम सबको बताएँ.

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21 टिप्‍पणियां:

  1. मेरा भी यही मानना है कि ब्लॉग एक डायरी की तरह होते हैं, तो उनमें तुलना कैसी? हर व्यक्ति अपने-अपने ढंग से लिखता है और वह औरों से अलग होने के कारण ही पठनीय होता है, न कि बहुत अच्छा या कम अच्छा होने के कारण.पता नहीं ये सर-फुटौव्वल क्यों हुआ पड़ा है...
    इस पोस्ट से कुछ विदेशी हिंदी ब्लॉगरों के विषय में जानकारी मिली. आभार !

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  2. कडुवासच वाले उदय अंकल को पढे
    फ़ैसला बाद मे कर लेना
    अब हम जा रहे है स्वीमिंग करने
    बाय बाय अंकल

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  3. श्री राम त्यागी जी कहिन :
    वैसे भी ब्लॉग तो आपकी डायरी है, आपके स्वभाव या जानकारी का दर्पण है इसलिए इसमें तुलना कैसी ...हर किसी का अपना तरीका और हर किसी का अपना अद्वितीय भाव होता है
    अस्तु निट्ठल्ला जिज्ञसति :
    फिर सर्वश्रेष्ठ की दौड़ ही क्यों ?

    स्वगत कथन :
    सब अपनी अपनी जगह पर अपने क्षेत्र ( मोहल्ले / गुट ) में श्रेष्ठ हैं,
    धड़ाधड़ महाराज, सक्रियता क्रम, धड़ाधड़ टिप्पणियाँ, पसँद-नापसँद के चटकों से अनायास ऎसी दौड़ शुरु हो पड़ी है,
    जिसके लिये हिन्दी ब्लॉगिंग और इससे जुड़े ब्लॉगशिशु मानसिक रूप से तैयार नहीं थे ।
    नतीज़न एक नयी विधा उभर आयी है.. " टँगड़ीमार ब्लॉगिंग "
    आजकल तो ये टँगड़ीमार ही सर्वश्रेष्ठ हैं ।

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  4. सुन्दर चर्चा कर डाली आपने...। शुक्रिया।

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  5. ब्लाग बाबू फ़ालतू बकबक करता है अभी बच्चा है उसको बलागिंग का अनुभव नहीं है।

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  6. ब्लॉगिंग को डायरी कहना ग़लत है. इस तुच्च्छ कार्य के लिए इतने साधन संपन्न माद्याम का दुरुपयोग क्यों किया जाए. वैसे भी डायरी व्यक्तिगत होती है उसके सार्वजनिक प्रकाशन की आवश्यकता नहीं होती. ब्लॉगिंग का सही उपयोग सामाजिक उत्प्रेरन है इसके अतिरिक्त अन्य कुच्छ भी नहीं.

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  7. aise samay me jab hindi bhashi bloggers hi hindi blog jagat me, utha-patak aur rajneeti se lekar tanki chadhne utarne aur sangathan ki bato me lage rahte hain, nissandeh, anya desho ke anya bhashi logo ko in sabse beparwah hokar hindi me blog likhte dekh kar khushi hoti hai. shayad inhe dekh kar hi ham yah sikh le lein ki yaha ham bas blog likhne aaye hain, yah sab rajniti karne nahi..... aamen

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  8. आज तबियत प्रसन्न हो गई. दोनों ब्लॉग रोचक व् ज्ञानवर्धक हैं.
    ..आभार.

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  9. चिठ्ठा शामिल करने के लिए तहेदिल से शुक्रिया ....ये सिर्फ मेरे विचार थे उस बुक के पन्नो के फिल्टर से ....

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  10. बढ़िया चर्चा हुई। जापानी मौसी को भी जाकर पढ़ आई।
    घुघूती बासूती

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  11. धत तेरे कि .............हम सोचे कि रिजल्ट आया है ...देखने आए थे कि अपने गुट है कौनो कि दूसरके का है ........मुदा ई तो कौनो और गुट का है जी ......। बहुते टेंशन हो गया है यार ..केतना तो गुटे बनता जा रहा है ....हा हा हा ।

    मजाक से इतर हमेशा की तरह एक विशिष्ट चर्चा । आभार

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  12. ek dum international charcha hai...tyyagi ji ki baat se aksharsh: sehmat hun ..

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  13. @डा. अमर कुमार

    आजकल तो ये टँगड़ीमार ही सर्वश्रेष्ठ हैं ।

    हमको सर्वश्रेष्ठ बताने का शुक्रिया सर जी। टगडीमार का
    सलाम कबूल फ़रमाएं।

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  14. .@टँगड़ीमार
    ज़नाब टँगड़ीमार सलामत
    नाचीज़ ने सलाम कुबूल किया,
    नज़राना न सही, पर पावती कहाँ भेजूँ ?
    गूगल जी बताते है, कि आपका ब्लॉग कुर्क हो गया है ।

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  15. आदरणीय रवि जी,

    निस्संदेह ही आपका इशारा समझा जाना चाहिये कि हम एक छद्म प्रतिस्पर्धा के विजेता होने की जोड़-तोड़ में यह भूले जा रहे हैं कि हिन्दी भाषा जो हमारा गौरव है(हिन्दीभाषी होना गर्व)उसकी सेवा को सुदूर से आया/बैठा प्रवासी भी कर रहा है।

    ऐसे समस्त ब्लॉगरों को प्रणाम।

    आपका कोटिशः धन्यवाद कि अपनी सर्चलाईट से उन्हें प्रकाशित कर हम सबके सामने लाने के लिये।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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  16. sajay ji,

    hum to abhi bachche hai bloging jagat me. lekin ek baat bata de aapko aap jaise bado ka aashirwad sath raha to jaroor kuch karenge.

    Jara ek najar humare Blog par bhi farmaiye.

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