रविवार, अक्तूबर 31, 2010

पुराने डायरी का पन्ना डायरी से निकलकर नेट पर पहुंचा। कांधे से तिल बरामद!

 
1.पर्यटन क्या है? : खबरदार जो किसी ने बताया कि सूटकेस भर कर घर लौटना पर्यटन है।
2.फ़ुरसत में... भ्रष्‍टाचार पर बतिया ही लूँ !: अरे बतियाते रहेंगे कि कुछ अंजाम भी देंगे।

3...........क्या चीज है यह जिंदगी ?: बूझॊ तो जानें
4.काश्मीर को आज़ाद होना चाहिए -- भूखे नंगे हिंदुस्तान से -- अरुंधती रॉय: का ही जुमला हो सकता है यह!
5.एक ठो कुत्ता रहा ...:ऊ भर जिंदगी खंभा खोजता रहा। 
6.हिन्दी न्यूज़ चैनलों की घड़ी ठीक हो गई क्या?: घड़ी का छोड़िये लोग वक्त बदलने की मांग कर रहे हैं।
7.मुखरित मौन ...: शब्द का बहिष्कार!
8.हम तो हैं मुसाफिर....: टिप्पणी की तलाश में!
9.सरदार पटेल को याद करें: एक दिन की ही तो बात है कर लेते हैं।
10.पुराने डायरी का पन्ना: डायरी से निकलकर नेट पर पहुंचा। कांधे से तिल बरामद!
11.निशाचरण: रे दुखवा रे जा जा ओ रतिया के छैला
12.प्रभा खेतान और ‘पीली आंधी’: शब्दों के सफ़र पर।

 13.फ़िक्शन: छत पर चांदनी और हमारी बेगम अख्तर!

14." पल जो हमने साथ गुजारे थे.. ": अब उनका कापी पेस्ट हो रहा है।
15.इस हमाम में सभी नंगे हैं: और पानी का कहीं अता-पता नहीं।

16.शरद ऋतु में काव्य खिलता है: ठिठुरते हुये?

17.मेरी प्रेम कुटी में आना: रोने का इंतजाम पूरा है वहां!

18.वर्धा-हिंदी का ब्लॉगर बड़ा शरीफ़ टाइप का जीव होता है: जरा-जरा सी बात पर खुश हो जाता है।

19.दुनिया का सबसे अच्छा संदेश...खुशदीप: के अलावा कौन दे सकता है।

20.नमस्कार !: बीस पोस्ट में अंतिम नमस्कार! बड़ा तेज ब्लॉग है।

21."घर से ऑफिस के बीच": एक बेचारा नौकरी शुदा आदमी फ़ंस गया।

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11 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया चर्चा .. लिंकों के लिए आभार !!

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  2. आज हमरे इस्टाइल मे चर्चा कर दिए हैं और हमको भी दिए हैं चर्च्रिया। बहुत आभार।
    ई इस्टाइल भी अच्छा लगा।

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  3. '...कि सूटकेस भर कर घर लौटना पर्यटन है'
    वाकई सही कहा!

    *एक लाईन चर्चा खूब रही.

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  4. बड़े दिनों बाद एक लाईना के दर्शन हुए..

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  5. का बात है सुकल जी, एको लाइन में सभी निपटा दिए......

    “दीपक बाबा की बक बक”
    क्रांति.......... हर क्षेत्र में.....
    .

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  6. ये तो हुई एक लाइना... अब असली चर्चा कहां है:)

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  7. अरे!! ये क्या बात हुई? केवल एक लाइना? वो भी ऐसे लाल-पीले अक्षरों में:(. अपना स्टाइल मत बदलिये.

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  8. हमें तो चिटठा चर्चा का वन लाईन ही अधिक भाता है..

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