Raviratlami कहते हैं:
7/01/2007 4:39 PM
एक दिन में 57 पोस्ट - हिन्दी चिट्ठों के लिखे जाने की गति में त्वरण बढ़ने लगा है. अब एक दिन में 100 के आंकड़े का इंतजार है. देखते हैं कितनी जल्दी पूरा होता है
और लीजिए हो भी गया, अब हालत ये है कि रोज ही सैकड़ा लग रहा है। चिट्ठाजगत के अनुसार कल की पोस्टें 119 हैं, नारद के अनुसार और ब्लॉगवाणी के अनुसार कितने हैं आप खुद देखें। रविजी का टंबलर या हिंदी ब्लॉग्स पसंद हो तो वहॉं देखें।
हे हे हे कर ये मत कहना कहना कि मात्रा से क्या होता है गुणवत्ता बताओ क्या है। है और भरपूर है। पहले देखें विविधता-
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ये भी अभी टेस्टिंग पर है इसलिए एरर400 आ जाए तो मैथिलीजी को गुरर्र मत करने लगना- सहयोग करें, आदमी काम पर हैं।
आप कहेंगे कि इंडेक्सिंग ही करते रहोगे कि चर्चा भी करोगे। तो भई हम तो हाथ खड़े करते हैं- सबकी चर्चा नहीं कर पाएंगे- बहुतो की भी नहीं कर पाएंगे- थोड़ों की करने की कोशिश कर लेते हैं।
पहले वे जिनकी चर्चा मैं नहीं कर रहा हूँ-
पंगेबाज, काकेश, ईस्वामी, राहुल, भड़ास, मसिजीवी, अफलातून, ज्ञानदत्त, अभय तिवारी आदि ने फिर से नारद वारद के पचखे पर पोस्टें या व्यंग्य लिखें हैं और चूंकि इनके अलावा भी बहुत काम की पोस्टें आई हैं तो इन्हें छोड़ भी देंगे तो आपका कोई नुकसान नहीं होने वाला- फिर भी लगाई बुझाई पसंद है तो जांए पर ये न कहना कि आगाह नहीं किया था।
अब व पोस्टें जिनकी चर्चा मैं कर रहा हूँ- रविजी बता रहे हैं चिट्ठाजगत पर टैग के विषय में, शास्त्रीजी भोमियो पर फिर से कुछ बता रहे हैं। नसीर ने समाचार दिया है कला पर हमले का।
कल 7x7x7 थी इसलिए ये चर्चा भी 7x7x7 हुई तो देखें आज की 7x7x7 विषयक पोस्टें- नितिन अपनी नजर से अजूबे खोज रहे हैं -7, संजय 070707 बनाम चिट्ठों पर विचार कर रहे हैं। इसी विषय पर ईष्टदेव भी कुछ कह रहे हैं देखें।
एक विशेष उल्लेख चिट्ठों में हाल में बच्चों से संबंधित प्रविष्टियों व चिटृठों की स्वागतयोग्य उपस्थिति दिख रही है- मसलन केंद्रीय विद्यालय हजरतपुर का चिट्ठा या जाकिर अली का चिट्ठा बालमन....बाकी कहीं जाएं या नहीं यहॉं जरूर जाएं और भरपूर उत्साहवर्धन करें। लठ्ठम लठ्ठा तो इंतजार कर सकती है।
अजी बिना लिंक के लिख दिया, जनता जायेगी कहां?
जवाब देंहटाएंतभी तो मैं कहूं कि अभी तक सातवीं टिप्पड़ी आयी क्यों नहीं.
लिंकित भव....तथास्तु
जवाब देंहटाएंहो गया है..शुक्रिया
बढ़िया है जनाब!!
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