दूजे परेशान मौसम से
इसीलिये चिट्ठों की पूरी
चर्चा भी हो सकी न हमसे
उड़नतश्तरी को देखें या
पढें श्री रंजन प्रसाद को
बात कबीरा की कर लें या
छोड़ें हर फ़ैले विवाद को
जो बस्ती से बाहर निकले
या जो रचनाकार कहाये
बाकी चिट्ठे यहां देखिये
जिन्हें ब्लागर लिख कर लाये
अरे, संक्षिप्त कैसे कहलाई-हम हैं न इसमे...तब तो मोटी चर्चा कहलाई, पूरी...बाकि कल की जावेगी. :) बढ़िया, आभार..आपने व्यस्ततम समय मे से कुछ इधर बांटा.
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