कल के सारे चिट्ठे यहाँ देख सकते हैं ।
भ्रूण हत्या पर एक सम्वेदनशील प्रस्तुति तस्वीर की आवाज़ में विपुल जैन द्वारा
।एक दिल दहलाने वाला चित्र ।
भारत में यौन शिक्षा पर एक स्वस्थ चर्चा ज़रूरी है । इस विषय पर विचार करते हुए शास्त्री जे सी फिलिप् निम्न निष्कर्ष पर पहुँचे हैं
यौन-शिक्षा पूरी तरह से असफल एक पश्चिमी अवधारणा है जिसने पश्चिम को बर्बाद कर दिया है अत: इसकी जरूरत हिन्दुस्तान को नहीं है ।अंग्रेज़ी हिन्दी के बीच उत्पन्न वैमनस्य की दीवारें काल्पनिक है या वास्तविक यह सोव्हा जाए पर साथ ही ध्यान रखा जाए कि कमसे कम ब्लॉग जगत पर यह सह-अस्तित्व में दिखाई दें ।रचना जी की टिप्पणी-हिंदी को आगे लाए जाने के लिये इंग्लिश का बहिष्कार ना करके उसका उपयोग करें तो ज़्यादा बेहतर होगा-को उद्धृत करते हुए मसिजीवी विचार करते हैं-----
चिट्ठाकारी में इसकी शायद कोई जरूरत ही नहीं, क्योंकि यहॉं अंग्रेजी विरोधलेकिन शासक और शासित की भाषा वाला फंडा भी है जो कई मनों में पैठा है ।भाषा और सत्ता के गहरे सम्बन्धों को हम भाषा की संरचना में ही देख सकते हैं । हाँ एक बडा पहलू यह भी है।भाषा भाव से नही शक्ति से चलती है । अनामदास अंग्रेज़ी के कुचक्र में फँसी हिन्दी के विषय् पर सवाल उठा रहे है और जवाब भी तलब कर रहे हैं-
कोई स्वाभाविक बीमारी की तरह लोगों के मन में जमा नहीं बैठा है, कम से कम उस तरह
तो नहीं ही जैसा कि अंग्रेजी के चिट्ठाकारों में इस 'फिल्थी' हिंदी जमात के लिए
रहा है। *** दरअसल प्रिंट या विश्वविद्यालयी दुनिया में जो भी हो पर अंतर्जाल की
दुनिया में हिंदी के लोग अंग्रेजी भाषा के प्रति दुराग्रह से पीडि़त नहीं है या कम
पीडित हैं इसलिए आपकी नेकनीयती सरमाथे पर कुछ सलाहें अंग्रेजी वालों को भी
दें।
कुचक्र है कि क्रयशक्ति बिना अँगरेज़ी के सिर्फ़ गुंडागर्दी से आती है. यह कुचक्र
कब और कैसे टूट सकता है इसके बारे कुछ सोचिए, बोलिए और बताइए
आप विचार करते हुए संडे के खाली वक़्त को सार्थक कीजिए और चूरमा के स्वादिष्ट लड्डू भी खाइए ,बशर्ते कि आपको उन्हे बनाने से भी परहेज़ न हो
और हाँ आज मै चिट्ठाचर्चा क्योँ ? तो यह जुर्माना है नीलिमा जी और मसिजीवी के यहाँ सप्ताहांत मनाने के लिए आने का :)
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जवाब देंहटाएंयौन शिक्षा पर अभी और भी चर्चा होना जरूरी है, अत: इस की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये आभारा
जवाब देंहटाएंlagtaa hae jinka namak khatae hae charcha bhi unhii kii kartae hae
जवाब देंहटाएंरचना जी कहिन...
जवाब देंहटाएंlagtaa hae jinka namak khatae hae charcha bhi unhii kii kartae hae
मतलब टाटा का? लेकिन अपने यहाँ टाटा नाम का कोई ब्लॉगर है क्या?
रचना जी, मेरे विनोद को हल्के मे लीजिएगा। मुझे नही पता कि आप मसीजिवी फैमिली से क्यों खार खाए बैठी है, वो आप स्वयं समझे, लेकिन आपसे निवेदन है कि चिट्ठा चर्चा पर अंगुली ना उठाएं, ये चर्चाकार की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो किन चिट्ठों की चर्चा करे और किनकी नही।
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जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं"और हाँ आज मै चिट्ठाचर्चा क्योँ ? तो यह जुर्माना है नीलिमा जी और मसिजीवी के यहाँ सप्ताहांत मनाने के लिए आने का :)"
जवाब देंहटाएंjeetu bhai hamnae toh sirf poocha hae yae toh khud hee likh rahen haen !!!!
आप मसीजिवी फैमिली से क्यों खार खाए बैठी
toh sirf itna kahugee jaraa saari post per nazar daale
उम्मीद करें कि मसिजिवी परिवार हर सप्ताहंत आपके यहाँ आते रहे और आप जुर्माना वश ऐसी ही बेहतरीन चर्चा करते रहें. :) बधाई.
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