मंगलवार, अगस्त 14, 2007

नौकर की कमीज़ में कटहल का पेड़

तसलीमा नसरीन

1.बुद्ध को पैदा होने से रोक लेंगे?: पक्का नहीं है लेकिन ट्राई मारने में कौनौ हर्जा है? रुक गया तो कहेंगे रोक लिया भये प्रकट कृपाला हुये तो बोलेंगे- स्वागतम!

2.मुन्नाभाई व्हाईटहाऊस में: गांधीगिरी करेंगे।

3.गुलाम तो बच्चा है:ठीक है लेकिन कोई कब तक बच्चा बना रहेगा भाई!

4. क्या हिन्दी कभी राज करेगी ?:हां काहे नहीं! वैसे अभी भी राज तो हिंदी वालों का ही है। खाली बोल-चाल लिखा-पढ़ी और जरूरी कामकाज के अंग्रेजी इस्तेमाल कर लेते हैं।

5.गाँव पुकारता है... :हमें साफ़ सुनाई दे रहा है। ताज्जुब है जो पुकार हमें जवानी गये तक गांव के नजदीक रहते सुनाई दी वो यहां आते ही सुन पा रहे हैं। कुछ तो लफ़ड़ा है।

6.सफ़ेद दाग और होम्योपैथी- आशा की एक किरण : होम्योपैथी के प्रयोग से सफ़ेद दाग आशा की किरण दोनों गायब! :)


7.गवर्नर का फरमान - १५ अगस्त - वाशिंगटन प्रदेश में "इंडिया डे":भारत माता की जय।पिताजी किधर गये, दिखे नहीं!

8. फ़ुलंगी :का नशा बेकार हैं। कोई दूसरा आजमायें!

9.अब अक्सर चुप चुप से रहे हैं !!! :बोलने पर लोग मुंह तोड़ देंगे।

10. बलिहारी गुरू आपकी, कोर्स कम्प्लीट दियो कराए : इससे खुश मत हो बच्चा अभी इम्तहान तो बाकी है।

11.दिल्ली ब्लॉगर भेंटवार्ता : होकर रहेगी। अपने-अपने मुद्दे साथ में लायें। लफ़ड़े के लिये आयोजकों पर भरोसा मत करें।

12. यादें किशोर दा कीः पचास और सत्तर के बीच का वो कठिन दौर कुछ तो लोग कहेंगे....तुम भी कह लो।

13.पेट में कब्रिस्तान : अपनी कब्र खोंदे, लेट जायें।

14. नहीं दबेगी तसलीमा की आवाज: लगता फ़ैलती जायेगी, इस आवाज में जान है।

15. स्वतन्त्रतादिवस की पूर्व संध्या पर :नेहरु उठे व जा कर लताजी को गले लगा लिया!

16. 60 साल के आजाद भारत के नेता :गुंडे, लुच्चे लफंगे होते हैं। और, विधानसभा तक एक दूसरे से गाली-गलौज-मारपीटपर आमादा हो जाते हैं।

17.हमारे समाज का रोग :इसके लिए पूरे समाज की धमनियां साफ करनी होंगी, उसका रक्त बदलना होगा।

18. कैमरा भी कर सकता है रिपोर्टर : खूबसूरत है।

19.कोयला :का तो बैंड बाजा उसी दिन बज गया था जिस दिन कि मेरी प्रेमिका ने मुझे धोखा दिया था।

20.दो मिनट का ध्यान : सबको ढीला कर दें, सिवाय घड़ी के।

21.नौकर की कमीज़ में कटहल का पेड़ : कमीज भी फ़ाड़ ली, कटहल अभी वहीं लटका है।

आगे फिर शायद आज ही।
नौकर की कमीज़

Post Comment

Post Comment

6 टिप्‍पणियां:

  1. http कूटप्रयोग ठीक कर लें !!

    लेखों का चुनाव उत्तम है, लेकिन कडियों की समस्या के कारण कई पाठक शायद उन लेखों तक न जा पायें -- शास्त्री जे सी फिलिप

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
    http://www.Sarathi.info

    जवाब देंहटाएं
  2. कड़ियां ठीक कर दीं शास्त्रीजी!

    जवाब देंहटाएं
  3. DUE TO TECHNICAL REASONS, COMMENT IS IN ENGLISH, Sorry

    daily karne ke liye thanx
    jamaye rahiye

    जवाब देंहटाएं
  4. सही है, रोज करो।
    सुखद अहसास। चिट्ठा चर्चा का मंच वीरान अच्छा नही लग रहा था। अब आए हो तो जमे रहना।अच्छा लग रहा है।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सही!!! लगे रहें. :)

    आज तो और गजब! :)

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रिय अनूप मुझे खुशी है कि कडियां ठीक हो गई हैं. आप ने कहा:

    "क्या हिन्दी कभी राज करेगी ?:हां काहे नहीं! वैसे अभी भी राज तो हिंदी वालों का ही है। खाली बोल-चाल लिखा-पढ़ी और जरूरी कामकाज के अंग्रेजी इस्तेमाल कर लेते हैं।"

    आप के sataire पर दाद देता हूं. कई बार इस तरह की एक टिप्पणी एक पूरे लेख से अधिक असर कर जाती है !!

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative