बुधवार, अप्रैल 01, 2009

चर्चा के बाद वाली चर्चा

मस्कार, स्वागत है आपका चर्चा के बाद वाली चर्चा में... चर्चा के पहले वाली चर्चा आप सुबह पढ़ चुके है.. .. तमाम शिकायते ऑर इन्तेज़ार के बाद हम फिर से हाज़िर हो गए है अपनी नवीन चर्चा लेकर.. वैसे तो आज का दिन कोई खास नहीं पर इसे एक अप्रैल यानि मुर्ख दिवस कहा जाता है.. ऑर ये मुर्ख दिवस कैसे बना इसके बारे में आपको रंजना भाटिया जी बता रही है अपनी पोस्ट में..

धीरे धीरे भीड़ बढ़ने लगी और रात भी आकाश में चाँद तारे चमकने लगे पर उस दिव्य ज्योति के कहीं दर्शन नही हुए और न ही उनका कहीं नामो निशान दिखा कहते हैं उस दिन १ अप्रैल था :)बस फ़िर तो एथेंस में हर वर्ष मूर्ख बनाने की प्रथा चल पड़ी बाद में धीरे धीरे दूसरे देशों ने भी इसको अपना लिया और अपने जानने वाले चिर -परिचितों को १ अप्रैल को मूर्ख बनाने लगे.... इस तरह मूर्ख दिवस का जन्म हुआ ....


अब बढ़ते है चर्चा की तरफ..

शिव कुमार मिश्र ऑर ज्ञान दत्त पांडे विवाद बढ़कर वृहद् रूप ले चूका है.. कल की अपनी पोस्ट में शिव कुमार मिश्र जी ने कुछ यु लिखा है
ज्ञान भैया को मैं ब्लॉग पर लिखने से पहले से जानता हु ऑर उनका सम्मान भी करता हु पर मेरी पिछली पोस्ट पर आई उनकी टिपण्णी ने मन में क्षोभ भर दिया.. मैंने ज्ञान भैया से इस प्रकार कि टिपण्णी कि उम्मीद नहीं की थी.. सबसे बड़ा धक्का तो मुझे तब लगा जब मुझे पता चला कि अखबारों में छप रहे मेरे आलेख ज्ञान भैया ही पत्रकारों को दे रहे थे ऑर सब उनकी इजाजत से ही हो रहा था.. मुझे दुःख इस बात का है कि उन्होंने एक बार भी मुझे बताना जरुरी नहीं समझा.. पूरी पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करे..

हालाँकि इसका जवाब ज्ञान जी ने अपनी अपनी आज सुबह की पोस्ट में दे दिया है.. वे शिव कुमार मिश्र जी से माफ़ी मांगते हुए लिखते है. .
मैं मानता हु की मैंने शिव से पूछे बिना उनके लेख अखबार में प्रकाशित करवाए पर.. पर इसके पीछे मेरी कोई दुर्भावना नहीं थी.. मैंने शिव के नाम से ही प्रकाशित करवाए थे.. फिर भी शिव मेरे छोटे भाई कि तरह है यदि उन्हें लगता है कि मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे उनसे माफ़ी मांगने में भी कोई संकोच नहीं होगा बस मैं इतना ही कहूँगा कि वे अपना लेखन निरंतर जारी रखे..

ज्ञान जी ने शिव कुमार जी ब्लॉग पर जो कमेन्ट किया था उसे डिलीट भी कर दिया था..
ज्ञानदत्त पाण्डेय | G.D.Pandey said... @ April 01, 2009 10:30 AM

This comment has been removed by blog administrator .


शिव कुमार जी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया कुछ यु व्यक्त की..
Shiv Kumar Mishra said... @ April 01, 2009 10:39 AM

ज्ञान भैया का कमेण्ट डिलीट किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है !

पुरा प्रकरण पढने के लिए यहाँ क्लिक करे



डा. अनुराग ने लेखन को कहा अलविदा.. सबके दिलो में बस चुके ब्लॉग दिल कि बात लिखने वाले डा अनुराग ने ब्लॉग जगत को अलविदा कहा.. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा
मैं पहले अपने इंग्लिश ब्लॉग "कोर ऑफ़ माय हार्ट" पर ही लिखा करता था मगर हिंदी ब्लॉग का आकर्षण ऑर हिंदी के प्रति मेरे लगाव की वजह से मैं यहाँ आया पर मैंने देखा कि हिंदी ब्लोगिंग में अभी भी मुखरता की कमी है ..ये हमें स्वीकारना होगा ...पर ये भी एक दिलचस्प पहलु है की यहाँ ९० प्रतिशत विवाद केवल पत्रकारों द्वारा अपने ब्लोग्स में उठाये जाते है क्यों ?ये एक यक्ष प्रशन है ...बहस का स्तर अभी छिछला है ओर बेहद निजी भी ..जो कभी कभी बेहद आहत करता है .ओर अक्सर कई लिखने वाले (खास तौर से महिला ब्लोगर्स ) शायद वे नहीं लिखते जो वे महसूस करते है ... अभिव्यक्ति भी जैसे सीमित है.. इसलिए मैंने सोचा कि मैं फिर से अपने इंग्लिश वाले ब्लॉग पर लिखना शुरू कर दू और हिंदी ब्लोगिंग को अलविदा कहू.. पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करे..


पंगेबाज जी ने आज सुबह अपने ब्लॉग पर बताया कि दिल्ली में होने वाला सम्मलेन सुरक्षा नहीं मिल पाने की वजह से रद्द करना पड़ा..
"सभी हिंदी ब्लोगर्स को जो आज दिल्ली चिडियाघर के पास स्थित वोट क्लब पर सायकाल सात बजे महा हिंदी ब्लोगर सम्मेलन मे आ रहे थे . अत्यंत दुख के साथ सुचित किया जाता है कि दिल्ली प्रशासन द्वारा महासम्मेलन की अनुमती को निरस्त कर दिया गया है ."


महेंद्र मिश्र जी बता रहे है कि ब्लोगिंग पर आज शाम बजे तक रोक लग सकती है.. वे लिखते है..
अभी अभी जानकारी मिली है कि ब्लागरो की बढ़ती संख्या और उनके चाहुनोर बढ़ते दबाब को देखते हुए गत रात्रि सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है और एक अध्यादेश पारित किया है कि आज शाम 6 बजे से ही ब्लागिंग करने पर रोक लगा दी जावे

साथ ही वे ये सुझाव भी देते है कि
इसे अप्रैल फूल न समझे. धन्यवाद.



पूजा बता रही है अप्रैल फूल कैसे बने ?

और अब लुत्फ़ उठाइए आज के स्पेशल कार्टन का



फूल दिवस पर प्रीति टेलर जी एक कविता लेकर आई है.. आप खुद ही पढ़ लीजिये..

आज कुछ अलग देखते है रहकर साथ साथ :

सोचो जरा असीन होती गजिनीमें अशोककुमार के साथ !!

टुनटुन होती रंगीला में आमिरखान के साथ !!!

दिलीपकुमार गाना गाते मल्लिका शेरावतके साथ !!!

"लड़की भीगी भागी" गानेमें फिल्माए जाते शाहरुख़ मधुबाला के साथ !!!!!

आइसक्रीमका स्कूप सर्व होता गरमागरम चाय के साथ ??

बैंगनके भुर्ते का टॉपिंग होता इटालियन पित्ज़ा के साथ ??!!!

गुजराती दाल गाना गाती चाइनीज़ नुडल्सके साथ ??!!

इडली को डुबाकर खाते हम कोल्ड कोकोके साथ ???!!!


ताऊ के ब्लॉग पर एक नयी चीज़ मिली है.. फूलो से आने वाली खुशबु

एक जरुरी जानकारी आपको देदे की एक नया सोफ़्ट्वेयर आया है जिसको किसी भी फ़ूलों के गुलदस्ते की तस्वीर के साथ लिंक करने पर उस तसवीर मे सुगंध आने लगती है. इस ब्लाग के दाहिनी तरफ़ सबसे उपर कई दिनो से इसी सोफ़्टवेयर के साथ गुलाबों का गुलदस्ता लगा हुआ है .

इसी की वजह से आपको इस ब्लाग पर गुलाबों की खुशबू आती रहती है. आपको भी अगर आपके ब्लाग को ऐसा ही महकाना हो तो यहां से आप ये सोफ़्टवेयर डाऊनलोड करले और अपने ब्लाग को महकायें. आपको जिस फ़ूल की खुशबू चाहिये उसी का सोफ़्टवेयर डाऊनलोड करें. और एक जरूरी बात कि अभी सिर्फ़ गुलाब, केवडा, खस और रजनी गंधा की खुशबू ही उपलब्ध हैं.


अखिलेश्वर पांडे अपनी पोस्ट में आपको सावधान कर रहे है.. अप्रैल फूल बनने से..
आज पहली अप्रैल है, तो सतर्क रहिए, कहीं कोई आपको मूर्ख न बना दे। दोस्‍त-परिचित आपकी कमजोरियों से वाकिफ होते हैं, इसलिए छठी इंद्री को जगाकर रख्रिए। हर खबर सुनने के बाद सोचिए-विचारिए, उसके बाद ही खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करें। इस बार युवाओं में खासा क्रेज है और मोबाइल इसमें भूमिका निभाएगा।


हिंदी ब्लॉग टिप्स वाले आशीष जी ले आये है इलाज ब्लोगिंग से पैसा कमाने के तरीके का ..

अगर आप इस वेबसाइट पर अपने ब्लॉग को रजिस्टर कराना चाहते हैं तो नीचे दी गई तस्वीर पर क्लिक कीजिए। लेकिन ध्यान रखिए कि रजिस्ट्रेशन तभी मान्य होगा, जब आपका ब्लॉग कम से कम छह महीने पुराना हो और इस पर पचास से ज्यादा पोस्ट हो चुकी हो।
पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करे..


वही अंकित फलते फूलते इन्टरनेट पर अप्रैल फूल की कहानी बता रहे है..

इन्टरनेट की दिग्गज कंपनियां भी हमसे इस बहाने मजाक भी कर लेती हैं. Google के Hoaxes तो काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं.

पर क्या आप इन्टरनेट पर या इन्टरनेट से ही जानना चाहतें है की लोग कैसे एक दुसरे को मूर्ख बना रहें हैं और उनका अनुभव कैसा रहा आज के दिन का?

अगर हाँ तो Twitter Search की मदद लें (बशर्तें वो आज मजाक के मूड में न हों !!)…


तो दोस्तों ये तो थी आज की चर्चा..

चलते चलते देखते है समीर लाल जी ने अपनी पोस्ट में कलकत्ता में मीत जी औरशिव कुमार जी से मिलन के बारे में लिखा..
कलकता स्टेशन पहुँचे ही थे कि सामने से आता एक नौजवान पहचाना सा लगा. आते ही चरण स्पर्श पहले हमारे फिर पत्नी के. पत्नी गदगद कि कितने संस्कारी मित्र हैं उनके पति के. जैसा शिव के बारे में सोचा था उससे भी ज्यादा संस्कारी और उर्जावान पाया..और भी तस्वीरे देखने के लिए यहाँ क्लिक करे

शुभकामनाये

आज हमारे ही बीच के ब्लोगर रौशन का जन्मदिवस है.. इश्वर उन्हें चिरायु करे.. आप उनके ब्लॉग पर ही जाकर उन्हें बधाई दे सकते है जहाँ पर निशा ने उनके लिए शुभकामना पोस्ट लिखी है..

कहावत है कि एक सेब रोजाना लेते रहने से आप बीमारियों से दूर रहते हैं ।

ऐसा ही शायद कुछ लोगों के साथ भी होता है । कुछ लोगों से रोज मिलते रहने या बात करते रहने भर से चिंतामुक्त रहा जा सकता है। ऐसा ही रौशन के साथ है ।

आज रौशन का जन्म दिन है । अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से (हिन्दी कैलेंडर के हिसाब से कल था , और वो दोनों जन्मदिन मनाता है )

जन्म दिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं

सारे ब्लोग्स तो नहीं समेट पाया.. पर जितने आये आज आपको उनसे ही काम चलाना पड़ेगा.. फिर मिलेंगे ब्रेक के बाद.. तब तक के लिए दसविदानिया

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34 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चा के पहले वाली चर्चा अच्छी थी
    चर्चा के बाद वाली चर्चा भी अच्छी है
    लेकिन पहले और बाद के बीच में बीच आता है वो वाली चर्चा कहाँ है?
    मई तो चर्चा खोज खोज के थक गयी कोई और बताएगा?

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  2. चर्चा तो ये भी बहुत अच्छी रही जी...ऐसे लगा मानो होली मनाने के बाद नहा-धो कर बैठे हों.

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  3. "मई तो" रूपाली मिश्रा
    ab april mae may khojogi to thak hi jaaogi rupali

    charcha chakachak phuulish

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  4. बहुत अपरेलमयी चर्चा. लगता है होली जैसा ही रंग चढ गया सबको.:)

    रामराम.

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  5. रौशन के जन्मदिन पर बधाई। बहुत चुनके दिन चुना!
    बाकी आज तो आपके दिये लिंक पर क्लिक कर मैं भी अप्रैल-प्रसून बन गया!

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  6. रोचक चर्चा.. आभार "लूफलिरपा" का रंग दिखाने के लिए.. :)

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  7. अप्रैल के रंग के खुमार में डूबी बढ़िया चर्चा रही ...रोशन जी को जन्मदिन की बधाई

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  8. ये तो लफ़डे वाली चर्चा लगती है..

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  9. एक अप्रेल है अब जाकर लगा. मस्त मस्ती!! आनन्द आ गया. रोशन जी को जन्म दिवस की बधाई.

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  10. आज की दोनों चर्चायें मूर्ख बनाती रहीं । एक में कुछ लिखकर और दूसरी में बहुत कुछ लिखकर हमें मूर्ख बना दिया ।

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  11. april fool se sugandhit charcha :D mast rahi...aur april ke bahane sare links pacha gaye ho, kal haazma na bigad jaaye :P

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  12. कुश महाराज,तुम्हारे लूफ़ लिप्रा (एप्रिल फ़ूल) के आगतों की दी संखिया (संख्या) में एक मेरा भी काउँट है,सो इस संखिया देने के अपराध में दावा ठोंकने पर विचार कर रही हूँ।

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  13. और हाँ, रौशन के जन्मदिन की घोषणा कहीं उसका फ़ूल बनाने के लिए तो नहीं है?

    जन्मदिन की शुभकामनाएँ।

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  14. फूल को फूल बनाया तो क्या कद्दू में तीर मारा....???? हें हें हें हें ....(खिसियानी हंसी....)
    नीरज

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  15. रोशन जी को जन्मदिन की बधाई

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  16. भाई अब हम तो अपने खेत में अप्रैल फूल ही उगाएंगे। इसका बडा जलवा है।

    वैसे मुझे पता चला है कि ब्‍लॉगजगत के गोदाम में अप्रैल फूल की थोड़ी मात्रा ब्‍लागरों में वितरित करने के लिए सुरक्षित रखी गयी है। इसे इस शर्त पर ब्‍लॉगरों को दी जाएगी कि वे इसे लोकसभा चुनाव के दिन प्रत्‍याशियों को गिफ्ट करेंगे।

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  17. जे तो गलत बात है जी .....टंकी पे चढ़ने क मौका नहीं दिया ऊपर से हमारे अंग्रेजी पते का पता छाप दिया .रोशन को जन्मदिन की ढेरो बधाई.....(सही में जन्मदिन है ना भाई आज बहुत संभल कर लिखना पढना पड़ता है )...वैसे कुछ फोटू मस्त है जी मीटिंग के ........

    आखिर में रोशन ...आप रोशन रहे.....

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  18. चर्चा के पहले और बाद की चर्चा के दो पाटन में आज पाठक फूल की सुगंध बन कर रह गया। रौशन की रौशनी लम्बे समय तक उनके जीवन में उजियाला फैलाता रहे- बधाई।

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  19. कुश जी चिठ्ठा चर्चा करने में आपका कोई सानी नहीं है . बेहतरीन चर्चा . आनंद आ गया . आभार.

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  20. हे राम इतने चारे बिछा रखे हैं मछली आखिर बचे भी तो कैसे ?

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  21. शिव भईया के बिलाग को पढने के चक्कर में हम जो एप्रिल-फूल हुए कि आज उसके बाद के किसी भी कडी को चटकाने की हिम्मत नहीं हुई!! प्रयोग बहुत ही उम्दा एवं मौलिक रहा!!

    सस्नेह -- शास्त्री

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  22. चर्चा तो धांसू है ही। ब्लागर मीट की फ़ोटो भी बहुत अच्छी आईं हैं। तीनो ब्लागर महिलाओं की फोटॊ बड़ी अच्छी आई है। रोशन को जन्मदिन मुबारक!

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  23. मूरखन को कहाँ इन फ़ूलन सों काम..
    यह सदाबहार फ़ूल्स आज इतने त्यौहारी मूड में क्यों हैं..
    पूरा महापर्व !
    कुश ?

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  24. bhai charcha ke pahale
    charcha ke baad
    to charcha kab hui
    yani april .......?

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  25. जसपाल भट्टी भी ब्लागिंग करते हैं क्या ?

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  26. @रचना मै टाइप करने पर पहला आप्शन मई ही आता है और पहली कमेन्ट करने के चक्कर में मै भूल गयी उसे सुधारना

    और सभी चिंतामग्न दोस्तों कल सही सही में रौशन का जन्मदिन था कोई अप्रैल फूल वाला मामला नहीं
    लेकिन चोट का बहाना मार कर उसने पार्टी नहीं दी इसलिए हम पार्टी उडाने पहुंचे लोग जरूर अप्रैल फूल बन गए

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  27. सभी लोगों को रौशन की ओर से धन्यवाद
    वो चोट के चलते ऑनलाइन नहीं आ पा रहा है

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  28. दो अप्रैल भी बीत रही है तो यह बता देना मेरा काम है कि उस ब्लॉगर मीट की फोटो में जो सिक्ख पुरूष दिख रहे हैं। वो मैं (बी एस पाबला) नहीं हूँ। वह (शायद) किसी स्टील प्लांट के एक विभागीय मीटिंग का चित्र है, जिसमें दिख रहा कोई भी व्यक्ति ब्लॉगिंग नहीं करता होगा। टेबल पर पड़े सुरक्षा हेल्मेट साफ चुगली कर रहे हैं उद्योग की।

    अप्रैल फूल की अवधारणा के बावज़ूद, व्यक्तिगत तौर पर, मुझे अपने नाम के साथ किसी और का चेहरा देखकर बुरा लगा है। मैं चाहता हूँ कि कोई खेद भी व्यक्त न करे। जो हुया सो हुया।

    रौशन को जनमदिन की बधाई। पहले से पता नहीं था। ऐसे ही मौकों के लिए ये पोस्ट लिखी थी। लेकिन किसी ने भी सूचना नहीं दी!

    वैसे चिट्ठा चर्चा हमेशा की तरह बढ़िया चल रही है।

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  29. पाबलाजी,यह सभी को पता है कि वह चित्र आपका नहीं है। आपको उसे देखकर बुरा लगा इसके लिये खेद नहीं व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि आपने मना किया है। अफ़सोस इस बात का कि आप एक दिन इस बात से परेशान रहे होंगे। लेकिन आइंदा से ध्यान रखने का प्रयास किया जायेगा।

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  30. हा हा

    अनूप जी, जिन्होंने मुझे देखा ही नहीं, उन्हें कैसे पता है कि ये चित्र मेरा नहीं है? :)

    और परेशानी वाली कोई बात ही नहीं, इसके बारे में तो मुझे अभी 9 बजे पता लगा है

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  31. पाबलाजी, आपको लोगों ने नहीं देखा लेकिन आपका चित्र तो देखा है। किसी के लिये यह अन्दाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि वह चित्र आपका नहीं था।

    आपने चाहे जब देखा लेकिन जब भी देखा आपने आपको बुरा लगा। यह हमारे लिये अफ़सोस की बात है।

    हमारा प्रयास रहेगा कि हमारे कारण किसी को दुख न पहुंचे। चूंकि यह पोस्ट कुश ने लिखी थी इसलिये हमने उसको सोते से उठाकर उसकी अनुमति लेकर आपका चित्र और उससे जुड़ा विवरण चर्चा से हटा दिया। शायद और लोगों को भी बुरा लगा हो लेकिन सौजन्यतावश उन्होंने अपना दुख जाहिर न किया हो। आपने अपना दुख बताकर हमें इस चर्चा पोस्ट में सुधार का मौका दिया इसके लिये हम आपके आभारी हैं।

    इसी क्रम में आप देखियेगा कि आपने होली के मौके पर तमाम साथी ब्लागरों की फोटों छापी थीं। अलग-अलग पोज में अलग अलग अंदाज में। किसी ब्लागर की फ़ोटॊ सुन्दरी के चरणों में थी और किसी बुजुर्ग ब्लागर की फोटो को सुन्दरियां चूम रहीं थीं। सबने उसका आनंद उठाया था। बहुत अच्छा लगा था। मैंने भी टिपियाया था शानदार। हम अपनी श्रीमतीजी को दिखाये फोटो तो वो पूछ रही थीं कि ये कौन हैं जिनके दिल के पास तुम रहते हो!

    हम आपको उसी मूड का समझ बैठे। गलती हुई। मुझे यह कतई अन्दाजा नहीं था कि जो पाबलाजी होली के मौके पर साथी ब्लागरों की फ़ोटो के साथ खिलंदड़े अंदाज में पेश आते हैं वे एक अप्रैल तक आते अपने नाम के साथ किसी दूसरे की फोटो देखकर दुखी हो जाते हैं।

    बहरहाल, अब जो हुआ सो हुआ। आपको हम लोगों के कारण तीन घंटे दुख में रहना पड़ा इसका हमें अफ़सोस है। हम आगे से ख्याल रखेंगे कि आपकी फ़ोटो के साथ कोई खिलवाड़ न किया जाये।

    जवाब देंहटाएं
  32. Kush ...GREAT JOB....HURRAY....CONGRATS

    MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY TO ROSHAN

    जवाब देंहटाएं
  33. कथित चित्र हटाने के लिये धन्यवाद। मुझे खेद है कि आपको असमय अपनी पोस्ट में बदलाव करना पड़ा।

    मूड, आनंद, माहौल के मुताबिक, होली पर कुछ ब्लॉगर साथियों के चित्र के साथ कलाकारी की गयी थी। ब्लॉगर साथियों के चित्र और नाम वास्तविक थे। मूल चेहरे से किसी तरह की छेड़खानी नहीं हुयी थी। सिर्फ सार्वजनिक स्थानों का बैकग्राऊंड उपयोग में लाया गया था। शायद किसी ने बुरा नहीं माना। यहाँ तो मूल चित्र से छेड़खानी कर नाक, कान, मुँह, आँख तोड़ मरोड़ देते है और नाम पूछते हैं!

    आपने मुझे उसी मूड का समझ कर कोई गलती नहीं की। मैंने खिलंदड़े अंदाज़ में ब्लॉगर साथियों की फोटो को लेकर मस्ती की थी। उनका नाम लेकर किसी दूसरे की फोटो का उपयोग नहीं किया।

    आप खिलवाड़ कीजिये, लेकिन नाम और चेहरा अलग ना कीजिये।

    और अंत में,
    दुनिया में दो ही कौमें हैं जो अपने आप पर हँस सकती हैं -पारसी और सिक्ख। मैं इनमें से एक कौम का हूँ।

    जवाब देंहटाएं

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