इसीलिये मैं सोच रहा हूँ आज लिखूंगा एक कहानी
लेकिन इतना समझ लीजिये, कोई न इसमें दीवाना है
चिट्ठे ही चिट्ठे हैं केवल, कोई नहीं है राजा रानी
कोई लिखता है नीरज का गीत और न क्रेडित देता
ऐसे चिट्ठे की चर्चा तो यकीं कीजिये आवश्यक है
ऐसी गलती अनजाने में भी तो क्षम्य नहीं होती है
इसकी निन्दा करने का हर इक पाठक को पूरा हक है
और मंत्र की कविता का निर्मल मन से आनन्द उठायें
हिन्दू-मुस्लिम की बातें आखिर ये किस दिन थम पायेंगीं
चना चबा, छत्तीसगढ़ी एनकाऊंटर का भेद खोलिये
बाबू भाई की चिट्ठी को आप यहां पर पढ़ पायेंगे
चर्चा हो मकबूल फ़िदा की ,आरक्षण की नारेबाजी
कविता कोश सुझाव नये कुछ अपने साथ लिये आया है
मान्या बहती हैं जीवन के इक बहाव में अविरल गति से
लोकतंत्र का राजा लेकर रचनाकार यहां आया
बिना शीर्षक ,और सारथी कुछ बून्दें कुछ बिन्दु देखिये
फूल किनारे और पालकी लेकर एक गज़ल आई है
शर्माजी को सता रही है, खबरें पढ़ने की बीमारी
लगी उमड़ने कविता कोमल नर्म रुई के गोलोंवाली
हमने है की एक कहानी लिखने की अब तक तैयारी
प्रणय सूत्र बन्धन में बँधती, शुक्लाजी की आज भतीजी
गीतकार के साथ आप भी हों शामिल आशीर्वचन में
कौन लता से मिला, मोहल्ले में हैं अब किसकी चर्चायें
कुछ पढ़ लें कानून और क्या रिश्ता है मनीश के मन में
देखो चित्र चितेरे हैं जो आज कनवस पर मनीश ने
हिन्द युग्म पर आईने को तोड़ रहे रंजन प्रसाद जी
इतनी चर्चा बहुत हो गई, अब सचमुच ही वक्त नहीं है
उड़नतश्तरी ने करना है बाकी चिट्ठों का हिसाब जी
जैसा मैने कहा लिखी है सिर्फ़ छंद में एक कहानी
नये सिरे से, केवल चिट्ठाकार हुए हैं राजा रानी
हम मज़बूर बहुत आदत से, सारे नियम तोड़ते आये
कविता में ही लिखा करेंगें, क्रोधित हो लें रवि रतलामी :-)
और डायटिंग के जो खतरे होते उनको यहाँ देखिये+
भूल सुधार:-
इधर देखिये- कहाँ उड़ी है उड़नतश्तरी
हे प्रभु, ई कौन शनिचर लग गया है भाई कि हम तो चर्चा में कभी आ ही नहीं पा रहे हैं. हमारी पोस्ट फिर छूट गई. गिनते गिनते ८ बारी हो गई है.अरे राकेश भाई, कल रात ही पोस्ट किये थे इसलिये कि आप चर्चा करेंगे. खैर, अपना खास ही हमेशा छूटता है तो यही सोच खुश हैं कि हम आपके खास हैं. :)
जवाब देंहटाएंअब तो कोई जंतर ही लगाना पडेगा कि एकाध महिने में एकाध बार तो कोई हम पर मेहरबानी कर दे.
मगर हम फिर भी तटस्थ हैं कि चर्चा जारी रहना चाहिये और यह चर्चा भी बहुत बेहतरीन रही. :)
जे टोपी छोड के गटर के अन्दर कौन उतरा है जरा उसका फ़िकर कीजीयेगा दो छार ठौ चैनल वालो को ही बुला डालिये बढिया मेला लगा रहेगा आज आप के द्वारे आप भी राष्ट्रीय नेटवर्क पर छा जाओगे गुरु
जवाब देंहटाएंइस चिट्ठा चर्चा में यही कमी है, कि कोई कमी नही है ...
जवाब देंहटाएंभाई वाह…राकेश भाई…चर्चा शानदार रही…।जरा समीर भाई को भी ले लिया कीजिए चर्चा में समीर भाई न छूटने चाहिए… :)
जवाब देंहटाएंभैया उड़नतश्तरी वाले, गलती नहीं हमारी इसमें
जवाब देंहटाएंपोस्ट आपकी हमने सोचा किसी और की जिम्मेदारी
छपी सात को, लिखी आठ को, स्वामीजी ये क्या माया है
जानबूझ कर अगर छोड़ते,आती शामत पता हमारी.
चलो सुधारें इस गलती को, देखें कैसे लगा मुखौटा
धोखे कैसे कैसे हमको लोग भावना से दे जाते
अद्भुत लिखते हैं समीरजी, ये बातें तो विश्वविदित हैं
हम असमर्थ कहाँ से उनकी कुछ भी चर्चायें कर पाते.
http://udantashtari.blogspot.com/2007/05/blog-post_07.html
यहाँ देख लें और स्वयं ही अपना निर्णय आप कीजिये
अपनी अपनी टिप्पणियों के गुलदस्ते कुछ भेंट कीजिये
अरे, राकेश भाई
जवाब देंहटाएंमैं तो यूँ ही खिंचाई कर रहा था. यह आपका ही स्नेह है जो लिखे जा रहे हैं. बस यूँ ही स्नेह वर्षा करते रहें. :)