कर गया जो टिप्पणी जाकर कहीं भी, धन्यवाद
तुमने सब बातें पढ़ीं हैं जो कि चिट्ठे पर लिखी
लिख गये हो चार अक्षर, वक्त लेकर धन्यवाद
और जिनको आ नहीं पाया तनिक लिखना कभी
इसलिये वे टिप्पणी कर हीन पाये धन्यवाद
टिप्पणी ने जो बढ़ाया जोश चिट्ठाकार का
आज हर उस टिप्पणीकर्ता का करता धन्यवाद
और चिट्ठों के यहां अब देख लें क्या गुल खिले
माया की कड़ियाम लिये कुछ और मुक्तक बन गये
चन्द्रमुख के चित्र छायाचित्रकारी का विषय
लग रही सोमेश को गर्मी भयंकर देखिये
बिम्ब जो प्रतिबिम्ब में दिखला रहे ताऊ उसे
आप पायेंगे रखा मैने उसे फ़ूटनोट पर
और संजय भाई किसको जानते, किसको नहीं
खान जी क्या चीज हैं नायाब लाये खोजकर
-जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
या मुश्किल उनकी गिनती है
जब कोई कहे अब मत लिखना
बस आपसे इतनी विनती है
जब माहौल कहीं गरमाता हो
या कोई मिलने आता हो
जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
ईमेल भेज बुलवाता हो.
तब ऐसे में मैं खुश होकर
बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
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या मुश्किल उनकी गिनती है
जब कोई कहे अब मत लिखना
बस आपसे इतनी विनती है
जब माहौल कहीं गरमाता हो
या कोई मिलने आता हो
जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
ईमेल भेज बुलवाता हो.
तब ऐसे में मैं खुश होकर
बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
वैसे तो मुझको पसंद नहीं
बस ऐसे में पी लेता हूँ.
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पान खायें और फिर कुछ प्रेरणायें लीजिये
दर्द ये हिन्दोस्तां का है समूचा देखिये
एक उलझी सी गज़ल के शेर भी पढ़िये हुज़ूर
जो सुना देखा नहीं है, अब उसे पढ़ लीजिये
गर्मियों की दोपहर में प्यार के किस्से सुनें
और तुम जो हो कवि तो क्या जरूरी सब सुनें
इक कहानी का विसर्जन हो रहा आरंभ में
जीना है दुश्वार दिल्ली में इन्हें भी तो सुनें
दुनियादारी की बातों को मोहिन्दर बतलाते हैं
जोगलिखी में मुम्बई के किस्से संजय बतलाते हैं
गर फ़िरदौस बररुए कहते जाते हैं उन्मुक्त कहां
मिला उन्हें सम्मान पुराणिक जी यह भी बतलाते हैं
मिर्ची सेठ हमेशा ही कुछ नई खबर लेकर आये
जीतू भाई बे फिर से कुछ अपने फोटू दिखलाये
डायबिटीज और उसके कुछ उपचारों वाले नुस्खे
एक गज़ल इरफ़ान साब की कोई यहाँ पर पढ़वाये
है खुली कहां पर मधुशाला
किसने पी क्यों पी है हाला
अब उड़नतश्तरी के बिन ही
देखो कैसे उड़ते लाला
वाह राकेश भाई
जवाब देंहटाएंआपका अंदाज निराला है. इसीलिये तो मैं अपनी पोस्ट इतवार को लाता हूँ कि आपका आशीष प्राप्त हो जाये और हम धन्य हो जायें. बहुत आभार इस चर्चा के लिये.
ध्यान से दुबारा पढे ,राकेश जी हमने चिट्ठा चरचा मे चिट्ठे पर राय देने वालो के लिये कुछ नही कहा है:)
जवाब देंहटाएंपूरे ब्लॉग जगत का सारान्श समेट लेते हैं चन्द शब्दों मे. लेकिन इस तोप का उद्देश समझ मे नहीं आया. ये उन्के लिय चेतावनी है क्या जो टिप्पणि नहि देंगें. :-)
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