कोई मलयाली, हिन्दी में चिट्ठा लिखेगा तो?
कोई केरली, कोई जापानी और कोई अमरीकी हिन्दी में चिट्ठा लिखेगा तो?
और कोई ख़ालिस गुजराती , हिन्दी में चिट्ठा लिखेगा तो?
वह कैसा लिखेगा?
जाहिर है, उसकी हिन्दी में उसकी अपनी मातृभाषा के अंश घुस आएंगे - जैसे कि हमारी अपनी हिन्दी में अंग्रेजी घुसपैठ कर चुकी है.
शुद्धतावादियों से आग्रह है कि वे भी अपनी उत्साहवर्धक टिप्पणियां ही दें, व शुद्ध हिन्दी लिखने के लिए तमाम ऐसे चिट्ठाकारों को थोड़ा सा समय अवश्य दें. समय सबको सिखा देता है.
तो, आइए, इस ग़ैर हिन्दी भाषी के इस हिन्दी चिट्ठा प्रविष्टि का स्वागत् करें व इनके प्रयासों की सराहना करें.
रवि भाई अहिंदी भाषियों को इतनी रियायत तो देनी ही चाहिये । हां ज्यादा ही शुद्धतावाद चाहिये तो ऐसा कर सकते हैं कि इन्हें अपनी ग़लतियों के प्रति आगाह कर दें । और वो भी थोड़ी नरमी के साथ । विविध भारती में देश विदेश से हिंदी, अंग्रेज़ी, बांगला, उर्दू सहित तमाम लिपियों यहां तक कि ब्रेल में भी ख़त आते हैं । अच्छा लगता है, चाहे पढ़ने में कितनी भी दिक्कत क्यों ना आये । हम इन लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हैं, ऐसा हर जगह होना चाहिये ।
जवाब देंहटाएंस्वागत है, भाई!!
जवाब देंहटाएंमेरे जैसे हिन्दी कम जान्ने वालों को वाक्यों की गल्तियों सुधार्ने की सहायता करें। क्यॊं कि कई महीने बाद और कोइ उस पोस्ट को प्ढेगा तो ठीक ही पठेगा।
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